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योगी सरकार ने 67 लाख किसानों की जिंदगी में घोली मिठास

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के करीब 67 लाख किसानों की जिंदगी में मिठास घोलने का कार्य किया है। दरअसल, बीते पांच साल में यूपी की योगी सरकार ने गन्ना किसानों का सबसे ज्यादा भुगतान करके ऐसा किया है। इससे गन्ना किसानों के दुखी चेहरे फिर से खिल उठे हैं।

पिछले कई दशकों के तोड़े सारे रिकॉर्ड

वर्तमान की उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कई दशकों के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जी हां, उत्तर प्रदेश सरकार ने किसान कल्याण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए 45 लाख से अधिक गन्ना किसानों को 1.51 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड भुगतान किया है। पिछले 50 वर्षों के इतिहास में एक सत्र में किया गया यह अब तक का सबसे अधिक और सबसे तेज भुगतान है।

45 लाख से अधिक किसानों को मिला फायदा

यूपी सरकार द्वारा इतनी बड़ी राशि की अदायगी से प्रदेश के करीब 45 लाख से अधिक किसानों को फायदा मिला है। गौरतलब हो, इन 45 लाख गन्ना किसानों का 84 प्रतिशत बकाया था।

2017 से 2021 तक गन्ना किसानों को किया 1.51 लाख करोड़ रुपए का भुगतान

भुगतान पूर्व की बसपा सरकार द्वारा की गई राशि का तीन गुना और सपा सरकार से 1.5 गुना अधिक है। पीएम मोदी भी कह चुके हैं कि पहले की 2 सरकारों ने 10 साल में जितना भुगतान गन्ना किसानों को किया था लगभग उतना योगी जी की सरकार ने अपने साढ़े 4 साल में किया है। बताना चाहेंगे कि पिछली सरकारों के तुलना में योगी सरकार ने राज्य के किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करने को अत्यधिक प्राथमिकता दी है। उत्तर प्रदेश में 45.74 लाख से अधिक गन्ना किसानों को 2017-2021 के बीच 1,51,508 करोड़ रुपए से अधिक का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है जो सरकार के किसान समर्थक रुख को दर्शाता है। योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बीते सालों में अभूतपूर्व काम किया है। उन्होंने गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य, हाल में साढ़े 3 सौ रुपए तक बढ़ाया है।

उल्लेखनीय है कि 2007-2012 तक मायावती सरकार के दौरान महज 30 लाख गन्ना किसानों को 52,131 करोड़ रुपए और अखिलेश शासन के दौरान 2012-2017 तक 33 लाख किसानों को 95,215 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। योगी आदित्यनाथ सरकार ने अखिलेश सरकार के बाद से गन्ना किसानों के 10,661 करोड़ रुपए के बकाया को भी मंजूरी दे दी है।

पहले की सरकारों में गन्ना किसानों को बकाया भुगतान के लिए भटकना पड़ता था दर-दर

राज्य में पहले की दो सरकारों द्वारा 10 वर्षों (2007-2017) में जो भुगतान किया गया था, वह वर्तमान सरकार द्वारा केवल 4 साल में किया गया है। पहले की सरकारों में गन्ना किसानों को बकाया भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ता था। इस स्थिति से परेशान होकर कई किसान गन्ना उत्पादन छोड़ रहे थे।

67 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े

योगी सरकार के सत्ता में आते ही उसने रिकॉर्ड भुगतान कर गन्ना किसानों की किस्मत ही बदल डाली। राज्य में 45.74 लाख से अधिक गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान हैं और लगभग 67 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं।

राज्य में 275 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना की

केवल इतना ही नहीं 25 वर्षों में पहली बार 275 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं। नई खंडसारी इकाइयों की स्थापना से 30,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। पिछली सरकारों के दौरान बंद हुई चीनी मिलों को योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुनर्जीवित करने का कार्य किया और राज्य अब देश में चीनी उत्पादन में पहले स्थान पर है। राज्य सरकार ने यूपी में 475 लाख टन से अधिक चीनी के रिकॉर्ड उत्पादन के साथ 4289 लाख टन से अधिक गन्ने की पिराई की है।

ईंधन में एथेनॉल के बढ़ते इस्तेमाल से भी गन्ना किसानों को फायदा

केंद्र सरकार एथेनॉल की कीमतों में 30 पैसे से लेकर 2 रुपए तक का इजाफा कर चुकी है जिसका फायदा सीधा किसानों मिल रहा है। पेट्रोल के विकल्प के तौर पर एथेनॉल का इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल को गन्ने या मक्का की फसल से तैयार किया जाता है। देश की कई चीनी मिलों में इसका उत्पादन हो रहा है। एथेनॉल के दाम बढ़ने से चीनी मिलों को तो राहत मिली है, साथ ही इसका सीधा फायदा किसानों को हो रहा है। एथेनॉल एक तरह का ईंधन होता है और इसे पेट्रोल के साथ मिलाकर गाड़ियों में इस्तेमाल किया जाता है। सरकार भी एथेनॉल के उत्पादन और इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है ताकि, पेट्रोल-डीजल पर उसकी निर्भरता कम हो सके। खास बात ये है कि इससे प्रदूषण भी कम होता है क्योंकि, इसमें ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा होती है।