वरिष्ठ संपादक और डब्ल्यूजेएआई के संरक्षक शैलेंद्र दीक्षित के निधन पर डब्ल्यूजेएआई ने व्यक्त की शोक संवेदना
वरिष्ठ पत्रकार, दैनिक जागरण के पूर्व संपादक एवं वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संरक्षक शैलेंद्र दीक्षित का सोमवार को हृदयाघात की वजह से निधन हो गया। उनके निधन पर वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूजेएआई) के सदस्यों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। वहीं डब्ल्यूजेएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने कहा कि अचानक यूँ ही शैलेंद्र जी का जाना पत्रकारिता जगत के लिये अपूरणीय क्षति है। वे पत्रकारिता जगत के एक मजबूत स्तम्भ थे। वे बिहार, झारखंड समेत बंगाल में भी दैनिक जागरण के संपादक रहे और दैनिक जागरण को स्थापित किया। उनके योगदान को पत्रकारिता जगत कभी नहीं भुला सकती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार एवं डब्लूजेएआई के संरक्षक शैलेंद्र दीक्षित के बेटे से फोन पर बात कर उन्हें ढाढस बंधाया एवं सांत्वना दी। वहीं राष्ट्रीय महासचिव डॉ अमित रंजन ने कहा कि दैनिक जागरण के पूर्व संपादक शैलेंद्र दीक्षित सुंदर व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। वे न सिर्फ एक कुशल पत्रकार थे बल्कि एक मंजे हुए गुरु भी थे और आज उनके सिखाये रास्ते पर चल कर सैकड़ों पत्रकार पत्रकारिता जगत में अपना परचम लहरा रहे हैं। उनका इस तरह से जाना पत्रकारिता जगत और डब्ल्यूजेएआई के लिए अपूरणीय क्षति है। वहीं कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश अश्क ने भी उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शैलेंद्र दीक्षित का निधन हर किसी को मर्माहत कर गया है। उन्होंने न सिर्फ दैनिक जागरण को स्थापित किया बल्कि उन्होंने कई और समाचार पत्रों को भी स्थापित करने में अहम भूमिका निभाया था। राष्ट्रीय सचिव निखिल के डी वर्मा ने कहा कि शैलेंद्र दीक्षित जैसे कुशल व्यवहार के धनी एवं अपने विधा के विद्वान पत्रकार का निधन पत्रकारिता जगत के एक युग का अंत होने के बराबर है। वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र दीक्षित के निधन पर डब्ल्यूजेएआई के उपाध्यक्ष माधो सिंह, राष्ट्रीय सचिव निखिल के डी वर्मा, संयुक्त सचिव मधुप मणि पिक्कू, डॉ लीना, अकबर इमाम, राष्ट्रीय कार्यालय सचिव मंजेश कुमार, सुरभित दत्त, सूरज कुमार, बालकृष्ण, रामबालक राय, गणपत आर्यन, कुणाल भगत समेत अन्य सदस्यों ने शोक संवेदना व्यक्त किया और ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति एवं परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।