जब देश में संविधान कुचलने का प्रयास हुआ तो बिहार ने आगे आकर बचाया
पटना। बिहार विधानसभा में शताब्दी वर्ष समापन समारोह के अवसर पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहान जितना सशक्त होगा देश भी उतना ही सशक्त होगा। हम अपने लोकतंत्र को जितना मजबूत करेंगे उतनी ही मजबूती हमारी आजादी को मिलेगा। हमें अपने कर्तव्यों को अपने अधिकारों से अलग नहीं मानना चाहिए। हम अपने कर्तव्यों के लिए जितना परिश्रम करेंगे। हमारे अधिकारों को भी उतना ही बल मिलेगा। हमारी कर्तव्य निष्ठा ही हमारे अधिकारों की गारंटी है।
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं। आजादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी। नीतीश जी की सरकार ने इसी विधानभवन में बिहार पंचायत अधिनियम कानून को पास किया। इस अधिनियम के जरिए बिहार पहला ऐसा राज्य बना जिसने पंचायत में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं जब भी दुनिया के किसी भी मंच पर जाता हूं तो बड़े गर्व से कहता हूं कि भारत लोकतंत्र की जननी है। बिहार लोकतंत्र के खिलाफ कभी कुछ स्वीकार नहीं कर सकता है और हम सभी ने देखा है कि कैसे आजादी के बाद भी अपनी लोकतांत्रिक निष्ठïा को लेकर उतना ही दृढ़ है। जब देश में संविधान को कुचने का प्रयास हुआ तब बिहार ने ही सबसे आगे आकर उसे बचाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है जितना प्राचीन ये राष्टï्र है जितनी प्राचीन हमारी संस्कृति है। बिहार के वैभव को न कोई मिटा सकता है न कोई छिपा सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया के बड़े भू भाग सभ्यता और संस्कृति की ओर अपना पहला कदम बढ़ा रहे थे तब वैशाली में परिष्कृत लोकतंत्र का संचालन हो रहा था। जब दुनिया के अन्य क्षेत्रों में जनतांत्रिक अधिकारों की समझ विकसित होनी शुरू हुई थी तब लिच्छवी और वज्जी संघ जैसे गणराज्य अपने शिखर पर थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार ने आजाद भारत को डॉ राजेन्द्र प्रसाद के रूप में पहला राष्ट्रपति दिया। लोकनायक जयप्रकाश, कर्पूरी ठाकुर और बाबू जगजीवन राम जैसे नेतृत्व इस धरती पर हुए। जब देश में संविधान को कुचलने का प्रयास हुआ तो भी उसके खिलाफ बिहार ने सबसे आगे आकर विरोध का बिगुल फूं का। हमें अगले 25 साल में भारत के भविष्य के लिए समर्पित करना है। हमें इसमें अपने कर्तव्य की कसौटी पर कसना होगा।
आज भारत वैश्विक पटल पर जो कीर्तिमान साबित कर रहा है उसके पीछे कोटि कोटि भारतवासियों की कर्तव्यनिष्ठा है। लोकतंत्र में हमारी सदन जनता की भावना को प्रदर्शित करते हैं इसलिए सदन के सदस्यों का आचरण और स्वभाव महत्वपूर्ण है। सदन में हमारा व्यवहार और कर्तव्य जितना अच्छा होगा जनता में उतना उसका प्रभाव होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के सांसद के रूप में, राज्य के विधायक के रूप में हमारी ये भी जिम्मेदारी है कि हम लोकतंत्र के सामने आ रही हर चुनौती को मिलकर हराएं। पक्ष विपक्ष के भेद से ऊपर उठकर देश के लिए, देशहित के लिए हमारी आवाज़ एकजुट होनी चाहिए।
पिछले कुछ वर्षों में संसद में सांसदों की उपस्थिति और संसद की प्रोडक्टिविटी में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। संसद के पिछले बजट सत्र में लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 129 प्रतिशत थी। राज्यसभा में भी 99 प्रतिशत प्रोडक्टिविटी दर्ज की गई है यानि देश लगातार नए संकल्पों पर काम कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के लिए 21वीं सदी भारत की सदी है। हमें इसी सदी में अगले 25 सालों में नए भारत के स्वर्णिम लक्ष्य तक पहुंचना है। इन लक्ष्यों तक हमें हमारे कर्तव्य ही लेकर जाएंगे इसलिए ये 25 साल देश के लिए कर्तव्य पथ पर चलने के साल हैं।