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प्रशासनिक अराजकता के कारण भ्रष्टाचार चरम पर: विजय सिन्हा

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में व्याप्त प्रशासनिक अराजकता एवं भ्रष्टाचार पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जदयू के नेताओं द्वारा बार-बार महागठबंधन अटूट है का बयान यह साबित करता है कि महागठबंधन में भारी फूट है और राज्य की जनता प्रशासनिक अराजकता एवं भ्रष्टाचार से बेहाल है।

श्री सिन्हा ने कहा है कि गोपालगंज और मोकामा की महान जनता ने इसी प्रशासनिक अराजकता एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपना मत व्यक्त कर दिया है और मुख्यमंत्री का राजद के साथ गठबंधन को अस्वीकार कर दिया है।

श्री सिन्हा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री जी में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो नया जनादेश लें। चोर दरवाजे से राजद को सरकार में लाने से प्रशासनिक अराजकता और भ्रष्टाचार चरम पर है, सरकार का विश्वास समाप्त है और पूरे देश में बिहार की छवि धूमिल हो रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रशासनिक अराजकता एवं भ्रष्टाचार की जननी है और नई सरकार बनने पर ही राज्य की जनता को इससे छुटकारा मिलेगा।

श्री सिन्हा ने कहा कि एक उपमुख्यमंत्री के जिम्मे 5-5 विभाग यह दर्शाता है कि इन्हें विभागीय कार्य कुशलता और प्रशासनिक दक्षता से कोई मतलब नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए प्रश्न किया कि यह 5-5 विभाग एक साथ रखने का उद्देश्य क्या है?

श्री सिन्हा ने कहा कि यह महागठबंधन अपने आप में अजूबा है जहां सभी दल अलग-अलग एजेंडा पर काम कर रहे हैं और सरकार की स्थिरता पर संशय एवं भ्रम फैलाए हुए हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर मुख्यमंत्री द्वारा मुंह मोड़े जाने पर भी तंज कसते हुए कहा है कि जहां दो राजा होंगे वहां प्रजा हमेशा दुखी रहती है और अपराधी एवं भ्रष्टाचारी संरक्षित, सुरक्षित और सुखी रहते हैं। यही हाल बिहार का हैं।