विपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने पूछा,’ बड़े भाई , छोटे भाई, जेपी की बैठक में जाति विहीन समाज और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के संकल्पों का क्या हुआ’
पटना, 10 अक्टूबर। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने देश के लिए जातिवाद की राजनीति को खतरनाक बताते हुए कहा कि जातिवाद की राजनीति से किसी का भला नहीं होगा, इससे केवल राष्ट्र कमजोर होता है। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने भी जातिविहीन भारत की ही कल्पना की थी।
बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री सिन्हा ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी ने जिस समृद्ध, सबल, स्वाभिमानी, स्वावलम्बी, सशक्त, आत्मनिर्भर, जाति विहिन भारत बनाने का संकल्प लेकर अपने आप को देश के लिए समर्पित किया था आज उसी संकल्प को माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी कि सरकार पूर्ण कर रही है।
उन्होंने कहा कि जेपी ने अपने पैतृक गांव सिताबदियारा में जाति तोडो सम्मेलन बुलाया था, जिसमें आज के बिहार के नेतृत्वकर्ता दोनों भाई (लालू प्रसाद और नीतीश कुमार) भी पहुंचे थे, उस सम्मेलन में सबने हाथ उठाकर संकल्प लेकर शपथ लिया था कि जाति विहीन समाज और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनायेगें।
लेकिन, आज वही लोग जातिवादी राजनीति कर रहे हैं और समाज को नुकसान पहुँचाकर जयप्रकाश के सपनो पर आघात करने का कार्य कर रहे है। भ्रष्टाचार को लेकर जेपी के कथित शिष्यों की तो चर्चा देश से लेकर विदेशों तक होती है।
उन्होंने कहा कि जेपी के साथ भ्रष्टाचार मुक्त बिहार, भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने वालों में से कुछ लोग आज के दिन में भ्रष्टाचार के दायरे में आरोपित है, कुछ जेल में है और कुछ ज़मानत पर है।
आज बड़े भाई और छोटे भाई जो जातिविहीन समाज का संकल्प लिए थे , उसका क्या हुआ। आज दोनो भाई राज्य को उसी दलदल में डालते जा रहे हैं। इनका जेपी की प्रतिमा को माल्यार्पण करने का नैतिक अधिकार है? यही तो जनता पूछ रही है।
लखीसराय के विधायक श्री सिन्हा ने आगे जोर देकर कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में, जहाँ इतनी जातिगत और सांस्कृतिक विविधता है, जातिवाद को बढ़ावा देना राष्ट्र के बिखराव का कारण बन सकता है।
उन्होंने जातिवाद की राजनीति करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि जाति की राजनीति करने वाले कई दलों का अब कोई नामलेवा भी नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि ’काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती’।
उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं का देश है, यही कारण है कि भाजपा सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र पर आगे बढ रही है।