शराब माफियाओं की सूची जारी कर सत्ता से जुड़े लोगों पर ईमानदारी से कार्रवाई करे सरकार–विजय कुमार सिन्हा
शराबबंदी को फेल करने वाले लोगों के बदौलत ही चल रही है राज्य की सरकार
जहरीली शराब से मौत पर बिना पोस्टमार्टम का मिले मुआवजा, 4लाख से ज्यादा गरीबों पर चल रहे मुकदमा वापस ले सरकार,
शराब फैक्टरी औऱ शराब पीने बालों को टिकट देना वंद करे महागठबंधन सरकार, कथनी करनी में हो समानता,
राज्य में थाना से लेकर जिला मुख्यालय तक के पुलिस पदाधिकारियों की शराबबंदी से पहले और बाद की सम्पति की हो जाँच, कितने भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जप्त हुई सार्बजनिक करे सरकार।
पटना 27 नवंबर 2023
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में शराब की आवाजाही के स्त्रोत पर आश्चर्य व्यक्त करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि शराबबंदी को फेल करने वाले लोगों की बदौलत ही सरकार चल रही है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य के सभी लोग अवगत हैं कि किस प्रकार बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है। शराब माफियाओं ने बिहार में शराब वितरण तंत्र को काफी मजबूत कर रखा है जिसमें युवा, व्यस्क, किशोर, अधेड़ उम्र के लोग रोजी-रोटी के लिए जुड़े हुए हैं। इनका नेटवर्क माफिया,पुलिस, प्रशासन और दबंगों के संरक्षण में फल-फूल रहा है। इनके द्वारा कभी-कभार अपने खेप को पकड़वा भी दिया जाता है ताकि पुलिस-प्रशासन की चुस्ती औऱ सतर्कता का बोध हो।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में हुए उपचुनाव में महागठबंधन द्वारा जो उम्मीदवार वनाये गए थे उनमें एक शराब फैक्टरी चलाने वाले और दूसरे शराब पीने वाले थे।सरकार की कथनी और करनी में इसी विषमता के कारण इनकी नीतियां असफल हो जाती हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि हाल में मोतिहारी, गोपालगंज, दरभंगा, सीवान एवं अन्य जगहों पर जहरीली शराब से मौत हुई है। पुलिस ने परिवार को डरा-धमका कर कई जगह लाश की अंत्योष्टि करा दी। घर वाले और गांव वाले द्वारा असलियत बताने पर भी पुलिस जहरीली शराब से मौत में लाशों को बिना पोस्टमार्टम जलवा देती है। मुआवजा के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का होना बाध्यता है। सरकार को चाहिए कि बिना पोस्टमार्टम के मृतकों के परिजनों को मुआवजा दे। साथ ही जहरीली शराब से बीमार लोगों को भी मुआवजा मिले।
श्री सिन्हा ने सरकार से मांग की है कि जिलों में तैनात थाना प्रभारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक के सम्पत्ति की जांच करायी जाए। इसमें 1 अप्रैल 2016 से पूर्व की उनकी सम्पत्ति और उसके बाद से अभी तक की संपत्ति का आकलन हो। सरकार को पता चल जाएगा कि पैसा लेकर शराब के धंधा को संरक्षण देने वाले कौन हैं?
श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री द्वारा शराबबंदी पर घर-घर सर्वे को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि आज राज्य में निर्वाध शराब की आपूर्ति, इसका वितरण, जहरीली शराब की उपलब्धता से जुड़े माफियाओं पर कार्यवाई की जरुरत है। पुलिस-प्रशासन के पास इन स्रोतों की पक्की सूचना है। मुख्यमंत्री खुद कहते हैं कि कुछ पुलिस वाले गड़बड़ करते हैं। सरकार के आँख मूंदकर बैठने से काम नहीं चलेगा। महागठबंधन के कई नेता भी पुलिस की मिलीभगत के बारे में कह चुके हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार को माफियाओं औऱ भ्रष्ट अधिकारियों की सूची सार्वजनिक कर यह बताना चाहिए कि आज तक शराब वंदी कानून की धज्जियाँ उड़ाने वाले कितने लोगों की संपत्ति जप्त की गई?अकूत सम्पत्ति के मालिक बनकर ये अपने आप को नियम कानून से उपर समझ रहें हैं।