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विजय हिंदुस्तानी” ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को शहीद का दर्जा देने के लिए गाजियाबाद में दिया ज्ञापन

विजय हिंदुस्तानी” ने देश के विभिन्न जनपदों का भ्रमण करते हुए गाजियाबाद पहुंचकर के अपने आप को बेड़ियों में जकड़ करके प्रदर्शन करते हुए, जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन

ज्ञापन देने व प्रदर्शन करने के दौरान जिलाधिकारी कार्यालय व कचहरी परिसर में “विजय हिंदुस्तानी” को देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़, लोग सेल्फी लेते हुए नजर आए

गाजियाबाद। “विजय हिंदुस्तानी” पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को शहीद का दर्जा दिलाने और देशभक्ति का ऐसा जुनून सवार है कि इसके लिए वह देश भर में शरीर में बेड़ियां डालकर भारत भ्रमण पर निकले हुए हैं। यहां आपको बता दें कि “विजय हिंदूस्तानी” पर शहीदों को सम्मान दिलवाने का ऐसा जुनून सवार है कि उन्होंने अपनी पीठ पर 250 से ज्यादा शहीद सैनिकों के नाम गुदवा रखे हैं। यही नहीं उन्होंने 342 तिरंगे अपनी छाती पर लोहे की पिन लगी गड़वाकर के एक घंटा 40 मिनट का विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम करने का काम किया है।

यह 26 वर्षीय नौजवान उत्तर प्रदेश के “विजय हिंदुस्तानी” शामली जिले के गांव भारसी का रहने वाला है। आज 15 मई 2024 बुधवार को जब “विजय हिंदुस्तानी” जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचा तो उसे देखने वालों की भीड़ जुट गई। हर कोई उसका परिचय और यात्रा पर निकलने की वजह पूछते नजर आया। विजय ने बातचीत में बताया कि उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को शहीदों का दर्जा दिलाना है। इसके लिए वह हर जनपद में जाकर के संबंधित अधिकारियों से मिलकर के राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंप रहे हैं। उसी क्रम में 15 मई 2024 को उन्होंने गाजियाबाद के कलेक्ट्रेट परिसर में ज्ञापन सौंपा।

“विजय हिंदुस्तानी” ने बताया कि जब हमारा कोई फौजी भाई सीमा पर शहीद होता है तो राजनीति करने के लिए नेता उनके घर पहुंच जाते हैं, मगर कुछ फौजी ऐसे होते हैं जिनके घर पर कोई नहीं जाता है, लेकिन वहां हमारी टीम जाती है और शहीद के परिजनों को सांत्वना व हौंसला देती है। वह अब तक एक हजार से ज्यादा शहीदों के परिवारों से मिल चुके हैं। इससे पहले “विजय हिन्दुस्तानी” 34 जनपदों में जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दे चुके है।

दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार