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16 जून से एक सप्ताह के लिए अनलॉक की प्रक्रिया कुछ ढील के साथ बढ़ा, यहाँ पढ़ें क्या-क्या खुलेंगे और कब-कब

पटना. बिहार सरकार ने राज्य में तेजी से घट रहे कोरोना मामलों को ध्यान में रखते हुए बुधवार 16 जून से एक सप्ताह के लिए अनलॉक की प्रक्रिया कुछ और ढील के साथ बढ़ा दिया है.

मंगलवार 15 जून को आपदा प्रबंधन समूह (Disaster Management Group) की बैठक हुई. इसमें राज्य में कोरोना के संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में रखने हेतु लगाए गए प्रतिबंधों को शिथिल करने की प्रक्रिया को जारी रखा गया. इस प्रक्रिया को जारी रखते हुए बुधवार 16 जून से 22 जून तक निम्न वक्त प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया है –

सभी सरकारी (कार्यालय एवं गैर सरकारी) कार्यालय 50% उपस्थिति के साथ 5:00 अपराह्न तक खुलेंगे. लेकिन सरकारी कार्यालयों में आगंतुकों का प्रवेश वर्जित होगा.
इस आदेश में इस सेवाओं को अलग रखा गया है – आवश्यक सेवाओं जैसे जिला प्रशासन, पुलिस, कॉमन सिविल डिफेंस, विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति, स्वच्छता, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, दूरसंचार, डाक विभाग से संबंधित कार्यालय, कोषागार एवं उनसे संबंधित वित्त विभाग के कार्यालय, खाद्यान्न की अधिप्राप्ति से संबंधित कार्यालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अत्यावश्यक गतिविधियों से संबंधित कार्यालय पहले की तरह कार्य करेंगे.

न्यायिक प्रशासन के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा लिया गया निर्णय निर्णय प्रभावी होगा।

सभी दुकानें एवं प्रतिष्ठान एक दिन बीच करके (Alternate Day) प्रातः 6:00 से शाम 6:00 बजे तक खुल सकेंगे. जिला पदाधिकारी इस संबंध में आदेश निर्गत करेंगे। यह आदेश इनपर लागू नहीं होगा – बैंकिंग, बीमा एवं एटीएम संचालन से संबंधित प्रतिष्ठान, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के कार्यालय तथा उनकी गतिविधियां; औद्योगिक एवं विनिर्माण कार्य से संबंधित प्रतिष्ठान; सभी प्रकार के निर्माण कार्य (Construction Works); ई- कॉमर्स से जुड़ी सारी गतिविधियां एवं कोरियर सेवाएं; कृषि एवं इससे जुड़े कार्य; प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया; टेलीकम्युनिकेशन; इंटरनेट सेवाएं; ब्रॉडकास्टिंग एवं केबल सेवाओं से संबंधित गतिविधियां; पेट्रोल पंप; एलपीजी; पेट्रोलियम आदि से संबंधित खुदरा एवं भंडारण प्रतिष्ठान; कोल्ड स्टोरेज एवं वेयरहाउसिंग सेवाएं; निजी सुरक्षा सेवाएं; ठेला पर फल एवं सब्जी की घूम घूम कर विक्री; उर्वरक; बीज; कीटनाशक एवं कृषि यंत्रों से संबंधित प्रतिष्ठान/दुकाने; आवश्यक खाद्य सामग्री एवं फल एवं सब्जी/मांस/मछली/दूध/पीडीएस की दुकानें प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुलेंगे. उपरोक्त फल एवं सब्जी की दुकानों को जिला पदाधिकारी कुछ दूरी पर लगवाने की व्यवस्था करेंगे जिससे एक ही स्थान पर दुकानें ना रहे और भीड़ ना हो.

दुकानों / प्रतिष्ठानों का संचालन निम्नलिखित शर्तों के साथ किया जाएगा-

दुकानों/प्रतिष्ठानों में सभी के लिए हमेशा मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
दुकानों/प्रतिष्ठानों में उनके काउंटर पर दुकानदार द्वारा कर्मियों एवं आगंतुकों के उपयोग हेतु सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाएगी.
दुकानों एवं प्रतिष्ठान परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग मानकों (2 गज की दूरी) का अनुपालन किया जाएगा जिसके लिए सफेद सर्किल चिन्हित किए जाएंगे.
उपरोक्त शर्तों का पालन नहीं किए जाने पर जिला प्रशासन द्वारा आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी.

अस्पताल एवं अन्य संबंधित स्वास्थ्य प्रतिष्ठान (पशु स्वास्थ्य सहित), उनके निर्माण एवं वितरण इकाइयां (सरकारी एवं निजी), दवा दुकानें, चश्मा की दुकानें, मेडिकल लैब, नर्सिंग होम, एंबुलेंस सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठान पहले जैसे काम करेंगे.

सार्वजनिक परिवहन में निर्धारित बैठने की क्षमता के मात्र 50% के उपयोग की अनुमति रहेगी.

सभी स्कूल / कॉलेज / कोचिंग संस्थान / ट्रेनिंग एवं अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. इस अवधि में राज्य सरकार के विद्यालय एवं विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी तरह की परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी. ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की जा सकेगी.

रेस्टोरेंट्स एवं खानें की दुकानों से केवल होम डिलीवरी (Home Delivery) के लिए सुबह 9:00 बजे से रात 9:00 बजे तक ही कार्य होंगे. राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित ढाबों को टेक होम (Take Home) के आधार पर खोला जा सकता है. आवासीय होटलों में अतिथियों के लिए इनरूम डाइनिंग (In-Room Dining) किया जा सकेगा.

सभी धार्मिक स्थल आम जनों के लिए बंद रहेंगे.

सभी प्रकार के सामाजिक / राजनीतिक / मनोरंजन / खेलकूद / शैक्षणिक / सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन / समारोह प्रतिबंधित रहेंगे.

सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, क्लब, स्विमिंग पूल, स्टेडियम, जिम, पार्क एवं उद्यान पूरी तरह बंद रहेंगे.

सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के आयोजन (सरकारी या निजी) पर रोक रहेगी.

विवाह समारोह अधिकतम 20 व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ ही आयोजित किए जा सकेंगे, किंतु इसमें डीजे एवं बाहरी जुलूस की इजाजत नहीं होगी. विवाह की पूर्व सूचना स्थानीय थाने को कम से कम 3 दिन पहले देनी होगी. अंतिम संस्कार या श्राद्ध कार्यक्रम के लिए 20 व्यक्तियों की सीमा अभी भी रहेगी.

राज्य में रात्रि 8:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक लाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लागू रहेगा. इस नाइट कर्फ्यू की अवधि में इनको बाहर जाने की छूट होगी – स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियों में संलग्न वाहन एवं स्वास्थ्य प्रयोजनार्थ प्रयुक्त निजी वाहन; छूट मिले कार्यों से संबंधित कार्यालयों के सरकारी वाहन, वन प्रबंधन में संलग्न वाहन; वैसे वाहन, जो निजी है तथा जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा किसी विशेष कार्य हेतु ई-पास निर्गत है; सभी प्रकार के मालवाहक वाहन; वैसे निजी वाहन , जिनमें हवाई जहाज या ट्रेन के यात्री यात्रा कर रहे हो और उनके पास टिकट हो; अपने काम पर जाने हेतु सरकारी सेवकों एवं अन्य आवश्यक सेवाओं के निजी वाहन; अंतरराज्यीय मार्गों पर अन्य राज्यों को जाने वाले निजी वाहन.

निजी वाहनों के परिचालन एवं पैदल आवागमन पर नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) के समय को छोड़कर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.

सार्वजनिक एवं निजी वाहनों में सभी के लिए मास्क पहनना आवश्यक होगा. इनका पालन नहीं करने पर उचित कार्यवाई की जाएगी.

इसके अलावा, जिला प्रशासन भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे, सब्जी मंडी, बाजार आदि तथा सार्वजनिक वाहनों में सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क पहने आदि से संबंधित कोविड अनुकुल व्यवहार एवं अद्यतन मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का सख्त रूप से अनुपालन कराना सुनिश्चित करेगा. यदि किसी स्थान, बाजार, प्रतिष्ठान में निरंतर निर्देशों के बावजूद उक्त संचालन प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया जा रहा हो तो उन्हें अस्थाई रूप से बंद करने के साथ अन्य सख्त कानूनी कार्यवाई की जा सकती है.

जिला पदाधिकारी स्थानीय परिस्थितियों की समीक्षा कर उपर्युक्त प्रतिबंधों के अलावे एवं अधिक सख्त प्रतिबंध लगा सकेंगे, लेकिन किसी भी परिस्थिति में उपर्युक्त प्रतिबंधों को शिथिल नहीं किया जा सकेगा.

सभी जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ऊपर दिए गये गाइडलाइनों के अनुपालन के लिए आईपीसी की धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा जारी करेंगे.

साथ ही, उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 एवं भा.दं.वि. की धारा 188 के प्रावधानों के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी.

साभार : द बिहार नाउ