दलितों एवं पिछडों का हक़ छीनना चाहती है भाजपा – उमेश सिंह कुशवाहा
03 दिसंबर 2023, पटना:शुक्रवार को जनता दल (यू0) की ओर से नालंदा विधानसभा में एकदिवसीय जननायक कर्पूरी चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे पार्टी के माननीय प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा बतौर मुख्यतिथि शामिल हुए।
कार्यक्रम में मुख्य रूप में बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, माननीय सांसद कौशलेंद्र कुमार, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सह माननीय विधान पार्षद नीरज कुमार, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सह माननीय विधान पार्षद रवीन्द्र प्रसाद सिंह, माननीय विधान पार्षद रीना देवी, माननीय विधायक कौशल किशोर, प्रमंडल प्रभारी संतोष परम दास, जिलाध्यक्ष मो0 अशरद साहेब, पिंकी भारती, दिलीप कुशवाहा, मो0 अशगर शमीम, मो0 महमूद बख्खो, मो0 इमरान रिज़वी, नदीम जाफ़र, राजेंद्र प्रसाद, जनार्दन पंडित, विजय कुमार सिन्हा, वकील खां, डॉ0 जगदीश प्रसाद उपस्थित रहे।
इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिहार के अतिपिछड़ा समाज को प्रतिष्ठा, पहचान और उनके हिस्से का वाज़िब अधिकार दिलाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सबसे अहम भूमिका है। उन्होंने 18 वर्षों के अपने कार्यकाल में जननायक कर्पूरी ठाकुर के अधूरे कार्यों को पूरा किया है। शैक्षणिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर अतिपिछड़ा समाज को सशक्त किया है। देशभर में पहली बार बिहार ने नगर निकाय एवं पंचायती राज व्यवस्था में अतिपिछड़ा समाज को आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय किया था। जिसका नतीजा यह हुआ की अंतिम पंक्ति पर खड़े लोग अब आगे आकर नीति-निर्धारण में अपना योगदान दे रहे हैं।
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या में भागीदारी के आधार पर अतिपिछड़ों को हिस्सेदारी देने का फैसला लिया और इसके तहत ही 75 फ़ीसदी आरक्षण को बिहार में लागू किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शोषित और वंचित वर्गों के लिए सदैव समर्पित रही है। जबकि भारतीय जनता पार्टी दलित एवं पिछड़े वर्गों के लोगों का हक छीनना चाहती है। भाजपा का दलित और पिछड़ा प्रेम केवल चुनावी दिखावे के लिए है।
साथी ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश की जनता का विश्वास खो चुकी है। महंगाई और बेरोजगारी हटाने के नाम पर भाजपा ने जनता के साथ छल किया है। उन्होंने कहा कि आज देश में संवैधानिक संकट है। मोदी सरकार संविधान को खत्म करने पर आमादा है। भाजपा की ओर से बार-बार आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की बात कही जाती है। भाजपा का असली चेहरा अब जनता के सामने बेनकाब हो चुका है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इनका सफ़ाया निश्चित है।