बहुत ज्यादा अच्छे डॉक्टर है, जो मानवता की सेवा में लगे हुए है- संजीव रंजन
डॉक्टर एक ऐसा इंसान होता हैं, जो इंसान के रूप में भगवान् होता हैं, हमें कौनसी भी बीमारी या रोग हो जाये तो हम सबसे पहले डॉक्टर के पास जाते हैं।डॉक्टर्स को “धरती का भगवान” माना जाता है, क्योंकि भगवान के बाद डॉक्टर ही किसी भी व्यक्ति को नया जन्म देता है और किसी भी व्यक्ति की जिंदगी के प्रति उम्मीद जगाता है। डॉक्टर न सिर्फ मनुष्य के जन्म होने में मद्द करता है, बल्कि वह किसी व्यक्ति को मृत्यु से भी बचाता है।
डॉक्टर लोगों को दवाई लेने से ज्यादा खुद का ख्याल रखने और खुद के जीवन से प्यार करना सिखाते हैं। वहीं माता-पिता के बाद एक डॉक्टर ही होते हैं जो हमारी जिंदगी की बेहद ईमानदारी और निस्वार्थ ख्याल रखते हैं।
डॉ विजय गुप्ता और उनकी पत्नी डॉक्टर संगीता गुप्ता ने दिनांक 19 जून को शहर सम्मानित कायस्थ जी के सी के प्रवक्ता डॉक्टर निर्मल कुमार जी की पत्नी एवं महिला प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष डॉक्टर पुष्पलता जी को पेट में अचानकअसहनीय पीड़ा हुई । वह डॉ विजय गुप्ता के क्लीनिक में गई मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि उन्होंने बिना जेब टटोले उनकी पीड़ा को देखते हुए उन्हें चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने लगे और बिना किसी तरह के फी जमा किए बिना ही उन्होंने पित्ताशय की पथरी को निकाल दिया। बाद में जब उनसे बात हुई उन्होंने कहा एक चिकित्सक होने के नाते सबसे पहले मेरा फर्ज था रोगी का जान बचाना और मैंने अपने उसी दायित्व का निर्वहन किया । मेरी हार्दिक शुभकामना है पति-पत्नी एक चिकित्सक के रूप में ख्याति प्राप्त करें।
आरा शहर जाने माने चिकित्सक डॉ विजय गुप्ता एवं डॉ संगीता गुप्ता को GKC परिवार के जिला अध्यक्ष प्रो संजीव रंजन, महासचिव ब्रजेश कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष यमुना प्रसाद, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार, जिला प्रवक्ता कुमार निर्मल आरा शहर जाने माने चिकित्सक डॉ विजय गुप्ता एवं डॉ संगीता गुप्ता को हार्दिक बधाई एवं साधुवाद दिया है और आरा शहर जाने माने चिकित्सक डॉ विजय गुप्ता एवं डॉ संगीता गुप्ता को लम्बी उम्र की कामना करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करता है कि दोनों को स्वस्थ रखें।
मिल गई मुझे ,अब आस।
तुम जो हो ,हमारे पास,
नहीं टूटेगी हमारी सांस।
जिंदगी के लिए तुम वरदान,
डॉक्टर तुम भगवान समान।।
छोड़ कर अपने घर परिवार,
रात दिन रखते , हमारा ख्याल,
हारने लगते हम ,जब जंग जीवन की,
हो जाते हो ,तुम परेशान
जीत जाते जब रोग से लड़कर
खिलती तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान
डॉक्टर तुम भगवान समान
न तुम देखते धर्म जात पात,
बताते हमेशा सच्ची बात,
जन जन की सेवा में अपना,
करते पूरा जीवन न्योछार,
तुम निष्ठा से निभाते, अपना फ़र्ज़,
चुका नहीं सकते, तुम्हारा कर्ज,
दिल से करते तुम्हारा सम्मान,
डॉक्टर तुम भगवान समान।
इंसान को डाक्टर और भगवान से
कभी दुश्मनी नही करनी चाहिए
क्योंकि भगवान नराज होता है
तो डाक्टर के पास भेज देता है और
डाक्टर नराज होता है तो भगवान के पास भेज देता है।
इंसान को डाक्टर और भगवान से
कभी दुश्मनी नही करनी चाहिए
क्योंकि भगवान नराज होता है
तो डाक्टर के पास भेज देता है और
डाक्टर नराज होता है तो भगवान के पास भेज देता है।