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कृषि काला कानून वापस लेना किसान आंदोलन की जीत

पटना। बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने तीनों कृषि काला कानून वापस लिए जाने कि प्रधानमंत्री के द्वारा की गई घोषणा को किसानों तथा देश के आमजनों के आंदोलन और समर्थन की जीत बताया।

अहमद ने कहा कि किसान आंदोलन ने यह सिद्ध कर दिया की सरकार की जिद्द और अहंकार को संघर्ष और आंदोलन के माध्यम से ही झुकाया जा सकता है और जायज मांगों को मानने के लिए सरकार को मजबूर किया जा सकता है।

एजाज ने आगे कहा कि एक साल के करीब चले किसान आंदोलन तथा 600 किसानों के बलिदान के बाद केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसान तथा किसानों से माफ ी मांगना यह सिद्ध करता है कि जन आंदोलन और एकता के माध्यम से ही पूंजीपरस्त और उनके संरक्षक सरकार को सामूहिक संकल्प और एकजुटता का मिसाल प्रस्तुत करके किसानों ने आंदोलन के माध्यम से दिखाया भी और सरकार को झुकाया भी। इन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई और निजीकरण के नीतियों के खिलाफ  इसी तरह से देशव्यापी एकजुटता दिखाने की आवश्यकता है।

इन्होंने आगे कहा कि पांच राज्यों के उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद पेट्रोल और डीजल के मूल्य में कुछ कमी की गई और टैक्स को कम किया गया लेकिन आने वाले पांच राज्यों के चुनाव से पहले किसानों के डर से तीनों कृषि काला कानून वापस लेना पड़ा यह देशवासियो की एक बड़ी जीत है।

इन्होंने यह भी कहा कि बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने हमेशा किसानों के समर्थन में संघर्ष और आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से किसानों के साथ सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन किया लेकिन नीतीश की डबल इंजन सरकार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओ और कार्यकर्ताओ पर मुकदमा करके किसानो के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की।

बेरोजगारी तथा निजीकरण के खिलाफ आंदोलन को देशव्यापी स्तर पर श्री तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में चलाया जाएगा।