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ऑटोमेटिक मशीन से होंगे व्यावसायिक वाहनों के फिटनेस की जांच

पटना। व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस की जांच ऑटोमेटिक मशीन से होगी। जांच के लिए सभी जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन खोले जाऐंगे। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा निजी क्षेत्रों से आवेदन आमंत्रित किये गए हैं।

परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि वाहनों का फिटनेस जांच ऑटोमेटिक पद्धति से होने से सड़क दुर्घटना में कमी आएगी और पर्यावरण स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना के लिए इच्छुक व्यक्ति या कंपनी या संघ 15 दिसंबर 2021 तक राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय, विश्वेशरैया भवन में निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन जमा कर सकते हैं। सभी जिलों में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं तथा यह प्रयास किया जा रहा है कि सभी जिलों में फिटनेस सेंटर खुले।

आवेदन प्राप्ति के 1 महीने के अंदर विशेष टीम गठित कर सभी आवेदनों की जांच कर करवाई की जाएगी तथा स्थल निरीक्षण करते हुए योग्य आवेदकों को चयनित किया जाएगा।

परिवहन सचिव ने बताया कि राज्य में बढ़ते वाहनों की संख्या एवं सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन आवश्यक है। इस सेंटर पर वाहनों को सभी तकनीकी पहलुओं पर परखते हुए फिटनेस टेस्ट होगा।

वाहन की बॉडी से लेकर सेफ्टी मेजर्स को ऑटोमेटिक ही परखा जाएगा। इससे सड़क दुर्घटना में कमी आएगी। अनफिट गाडिय़ों को रोड पर चलने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि इन गाडिय़ों से सड़क दुर्घटनाओं का काफी खतरा रहता है।

वर्तमान में वाहनों का फिटनेस जांच मोटरयान निरीक्षक द्वारा मैनुअली किया जाता है। मोटरयान निरीक्षक जांच के दौरान मैनुअली ब्रेक, कलच, स्पीडोमीटर, विंडो ग्लास, हॉर्न, लाईट्स, वाइपर आदि को देखकर फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते हैं जो बहुत वैज्ञानिक नहीं है। ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन बनने के बाद इन वाहनों की ऑटोमेटिक जांच होगी। ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन पूरी तरह सीसीटीवी से लैस होगा। जांच के लिए आने वाले हर वाहन पर नजर रहेगी। इंट्री पॉइंट और जांच के दौरान भी सीसीटीवी की नजर रहेगी।

जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी। किस जिले में कितने वाहनों की जांच हो रही है। मानक के अनुसार जांच हो रही है या नहीं इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि हर वाहन की एक आयु सीमा होती है।

ऑटोमेटिक मशीन से जांच के बाद पता चलेगा कि वाहन चलने की स्थिति में है या नहीं। सभी मानक पूरे हैं और प्रदूषण तो अधिक नहीं फैलता है! मशीन ब्रेक से लेकर अन्य चीजें आटोमेटिक ही जांच होगा। राज्य में फिटनेस सेंटर को कंप्यूटराइज्ड करने एवं ऑटोमेटिक करने से कई समस्याओं का समाधान होगा।