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सुभाष चंद्र बोस की जयंती ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है

(डा. नम्रता आनंद)
पटना, 23 जनवरी सुभाष चंद्र बोस देश के ऐसे स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं, जिनसे अंग्रेज कांपते थे। आज पूरा देश उनकी 126वीं जयंती मना रहा है।

उनका जन्म 23 जनवरी 1897 हो हुआ था।भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्‍हें आजादी दूंगा, जय हिन्द, जैसे नारों से आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आजादी की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।कृतज्ञ राष्ट्र नेता जी के त्याग और बलिदान को हमेशा याद रखेगा और आने वाली पीढियों के लिए वे सदा हमारे प्रेरणाश्रोत रहेंगे।

आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस के आदर्शों को जो मान लेगा उसका जीवन सफल हो जाएगा। उनके अदम्य साहस और वीरता के सम्मान में पूरा राष्ट्र उनकी जयंती को पराक्रम दिवस ​​के रूप में मना रहा है। नेताजी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में असाधारण योगदान दिया था। नेताजी ने अनेकों लोगों ने राष्ट्रवाद की भावना का संचार किया। उनके राष्ट्र के प्रति प्रेम से युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिये।