राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंचा
राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली के अनुसार दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 499 दर्ज किया गया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर के मुताबिक सुबह 6 बजे पीएम 2.5 का स्तर 541 दर्ज किया गया। वहीं पीएम 10 का असर 349 के पार पहुंच गया। ऐसे में केंद्रीय नियंत्रण बोर्ड ने लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।
लोगों को सांस लेने में हो रही तकलीफ
ऐसे में दिल्ली-एनसीआर की आब-ओ-हवा प्रदूषित होने के चलते एक तरफ लोगों को सांस लेने की तकलीफ होने लगी है तो वहीं आंखों में भी जलन की शिकायतें भी आने लगी है।
दिल्ली-NCR में स्थिति और भी गंभीर
शनिवार को दिल्ली-NCR का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 499 तक पहुंच गया। वहीं नोएडा में स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है। यहां एक्यूआई स्तर 700 से भी अधिक है। यही स्थिति हरियाणा के गुरुग्राम में भी है।
अगले दो दिनों तक बनी रहेगी यही स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार हवाओं के मंद पड़ने से दिल्ली-NCR के इलाकों में वायु प्रदूषण अगले दो दिनों तक इसी तरह गंभीर श्रेणी में बना रहेगा।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दी ये सलाह
पराली जलाने की घटनाओं के बढ़ने से यही स्थिति आने वाले दिनों में भी बनी रहेगी। लिहाजा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को घर से न निकलने की सलाह दी है। दिल्ली एनसीआर के इलाकों में धुंध और प्रदूषण की स्थिति में सुधार की उम्मीद फिलहाल नजर नहीं आ रही है।
क्या है पीएम 2.5
पीएम कण के बारे में बताता है और 2.5 या 10 कण के आकार के बारे में बताता है। पीएम 2.5 सबसे छोटे वायु कणों में से होते हैं और इनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर के आसपास होता है। अति सूक्ष्म कण होने की वजह से ये पीएम 2.5 कण आसानी से हमारे शरीर के अंदर चले जाते हैं और हमारे लीवर, लंग्स आदि को प्रभावित करने लगते हैं।
पीएम 10
वहीं पीएम 10 को पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास का होता है। इसमें धूल, गर्दा और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। पीएम 10 और 2.5 धूल, कंस्ट्रक्शन और कूड़ा व पराली जलाने से ज्यादा बढ़ता है।