दिल्ली में फूटा कोरोना बम, बार-बार जांच से एक सप्ताह में रोका जा सकता है प्रसार
राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर नहीं थम रहा है। हर रोज रेकॉर्ड स्तर से पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं। रविवार को दिल्ली में 6,746 नए मामले सामने आए और 121 लोगों की मौत हो गई। वहीं 6,154 लोग ठीक भी हुए। इसके एक दिन पहले यानी शनिवार को दिल्ली में 5879 नए मामले और 111 मरीजों की मौतें दर्ज की गईं। यह पूरे देश में सबसे ज्यादा मामलों और मौतों का रिकॉर्ड है और आज ये उससे भी ज्यादा मौतें दर्ज की गईं।
सरकार लगातार सख्ती करती जा रही है लेकिन लोग अभी भी मान नहीं रहे। लोग कोरोना गाइडलाइंस को फॉलो नहीं कर रहे। बाजारों में खूब भीड़ उमड़ रही है लोग न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं न ही मास्क लगा रहे हैं। इसी को देखते हुए नॉर्थ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने रविवार को सेक्टर 49 स्थित जनता मार्केट को 30 नवंबर तक सील कर दिया है।
वैज्ञानिकों ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर बड़े शहर में सप्ताह में दो बार बड़े पैमाने पर लेकिन कम संवेदनशील रैपिड एंटीजन जांच की जाती है तो वायरस के प्रसार की दर को 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। अमेरिका के बोल्डर स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक ने कहा कि हर हफ्ते अगर करीब आधी आबादी की रैपिड एंटीजन पद्धति से कोविड-19 जांच की जाती है तो इस महामारी को महज कुछ हफ्तों में खात्मे की ओर ले जाया जा सकता है, भले ही यह जांच आरटी-पीसीआर के मुकाबले कम विश्वसनीय रैपिड एंटीजन किट से हो। यह दावा एक नए अध्ययन में किया गया है। ऐसी रणनीति में कुछ लोगों को ही घर पर रखने की जरूरत होगी न कि रेस्तरां, बार, बाजार और स्कूल बंद करने की ।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक राघव चड्ढा ने दिल्ली सरकार के कोविड-19 की वृहद स्तर पर मुफ्त आरटी-पीसीआर जांच अभियान की पुराने राजेंद्र नगर से शुरुआत की। चड्ढा ने कहा, ‘सचल जांच वाहन में किसी भी व्यक्ति को जांच के लिए बस अपना नाम, फोन नंबर और पता बताने की जरूरत है। जांच परिणाम 24 घंटे के अंदर उसके मोबाइल फोन पर भेजा जाएगा।’ आरटी-पीसीआर जांच में बढ़ोतरी ही दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण के प्रसार का पता लगाने का प्रभावी तरीका है।’