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दुनिया में बढ़ी भारतीय चाय की डिमांड, आठ महीनों में चाय का निर्यात में 14.8 % बढ़कर 14 करोड़ 2.8 लाख किलोग्राम हुआ

 

आसाम की बेहतरीन चाय की चुस्की सिर्फ भारतीयों को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को भा रही है। जिसके चलते इस साल के पहले 8 महीनों में भारत से चाय के निर्यात में जबर्दस्त उछाल आया है। भारत से चाय का निर्यात कैलेंडर वर्ष 2022 के पहले आठ महीनों (जनवरी-अगस्त) में 14.8 प्रतिशत बढ़कर 14 करोड़ 2.8 लाख किलोग्राम हो गया, पिछले साल की समान अवधि में चाय का निर्यात 12 करोड़ 21.8 लाख किलोग्राम रहा था।

चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, रूस, यूक्रेन और कजाकिस्तान सहित सीआईएस देश 2022 के पहले आठ महीनों में तीन करोड़ 5.6 लाख किलोग्राम के साथ भारतीय चाय के सबसे बड़े आयातक बने रहे। एक साल पहले की समान अवधि में इन देशों को दो करोड़ 91.3 लाख किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था।

अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण 2022 के पहले आठ महीनों में पश्चिम एशियाई देश के चाय के निर्यात में वृद्धि नहीं हुई। सीआईएस देशों के बाद, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दो करोड़ 38.4 लाख किलोग्राम चाय आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश था। वर्ष 2021 की समान अवधि में वहां चाय का निर्यात 92.7 लाख किग्रा रहा था।

क्या है चाय

चाय कैमेलिया सिनेंसिस के पौधे से बना एक पेय है। पानी के बाद चाय दुनिया का सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पेय है। ऐसा माना जाता है कि चाय की उत्पत्ति उत्तरपूर्वी भारत, उत्तरी म्यांमार और दक्षिण-पश्चिम चीन में हुई थी।

चीन में घटा चाय उत्पादन

वहीं चाय के सबसे बड़े उत्पादक और इसका सबसे अधिक उपभोग करने वाले देश चीन में निर्यात इस साल जनवरी से अगस्त तक पिछले साल की समान अवधि के 40.5 लाख किलोग्राम से घटकर 35.5 लाख किलोग्राम रह गया।

भारत में बढ़ा चाय उत्पादन

भारत चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के नाते इसके पास चाय उद्योग को विकसित करने के कई अवसर है क्योंकि यह उत्तर पूर्वी राज्यों में बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार प्रदान कर रहा है। भारत के पास अब विश्व बाज़ार में प्रवेश करने का सबसे अच्छा अवसर है। हाल ही में भारत के चाय उत्पादन में पिछले वर्षों की तुलना में रेकॉर्ड वृद्धि हुई है।

भारतीय चाय की इन देशों में बढ़ी डिमांड

आंकड़ों के अनुसार, रूस, यूक्रेन और कजाकिस्तान सहित सीआईएस देश 2022 के पहले आठ महीनों में तीन करोड़ 5.6 लाख किलोग्राम के साथ भारतीय चाय के सबसे बड़े आयातक बने रहे। एक साल पहले की समान अवधि में इन देशों को दो करोड़ 91.3 लाख किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था। उद्योग सूत्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच ‘‘युद्ध के कारण आसमान छूती निर्यात एवं कंटेनर लागत’’ के कारण चाय के निर्यात में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई।

यूएई को 38 लाख टन चाय का निर्यात

सीआईएस देशों के बाद, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दो करोड़ 38.4 लाख किलोग्राम चाय आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश था। वर्ष 2021 की समान अवधि में वहां चाय का निर्यात 92.7 लाख किग्रा रहा था। अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण 2022 के पहले आठ महीनों में पश्चिम एशियाई देश को चाय के निर्यात में वृद्धि नहीं हुई। चाय के सबसे बड़े उत्पादक और इसका सबसे अधिक उपभोग करने वाले देश चीन में निर्यात इस साल जनवरी से अगस्त तक पिछले साल की समान अवधि के 40.5 लाख किलोग्राम से घटकर 35.5 लाख किलोग्राम रह गया।

पिछले साल 2 करोड़ 91.3 लाख किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ

एक साल पहले की समान अवधि में इन देशों को दो करोड़ 91.3 लाख किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था। उद्योग सूत्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण आसमान छूती निर्यात एवं कंटेनर लागत के कारण चाय के निर्यात में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई।

युद्ध की वजह से बढ़ा चाय एक्सपोर्ट

रूस यूक्रेन युद्ध(Russian Ukraine War) का असर पूरी दुनिया पर पडा़ है। श्रीलंका में हुई आर्थिक मंदी ने भी सभी देशों पर इफेक्ट डाला है। अभी तक रूस केन्या से चाय खरीदता था। लेकिन वहां चाय के दाम बढ़ गए हैं। इसी कारण रूस भारत से चाय की खरीदारी करने जा रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि इंडियन टी रूसी मार्केट में काफी पसंद की जा रही है. रूस भारत से 163 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर चाय खरीद रहा है। बाजार रेट 180 रुपये प्रति किलोग्राम है।

सरकार की पहल

1. भारतीय मूल की चाय को बढ़ावा
यह योजना संवर्द्धनात्मक अभियानों में लागत प्रतिपूर्ति का 25% तक, अंतर्राष्ट्रीय विभागीय स्टोर, उत्पाद साहित्य और वेबसाइट विकास में प्रदर्शन, तथा निरीक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति में 25% तक सहायता प्रदान करती है।
2. घरेलू निर्यातकों के लिये सब्सिडी-
चाय बोर्ड घरेलू निर्यातकों को अंतर्राष्ट्रीय मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिये सब्सिडी भी

प्रदान करता है।
3. चाय विकास और संवर्द्धन योजना
यह योजना 2021-26 की अवधि के लिये भारतीय चाय बोर्ड द्वारा नवंबर 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य भारत में उत्पादन की उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाना है।

बता दें भारत दुनिया का शीर्ष चाय खपत करने वाला देश होने के बावजूद दुनिया के शीर्ष 5 चाय निर्यातकों में से एक है, जो कुल निर्यात का लगभग 10% निर्यात करता है। हालांकि भारतीय निर्यातकों की कोशिश है कि चाय निर्यात को बढ़ाकर 300 मिलियन टन तक पहुंचाया जाए।