दीदीजी फाउंडेशन बनारस की अध्यक्ष बनीं सुकेशी शंकर
पटना, 07 अक्टूबर सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने सुकेशी शंकर के सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये उन्हें बनारस का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने बताया कि सुकेश शंकर हर पल गरीब जरूरतमंद की मदद के लिए नि:स्वार्थ भाव से खड़ी रहती हैं। उन्होंने बताया कि सुकेशी शंकर गरीब बच्चों की पढ़ाई और जरूतरमंद लोगों की मदद के लिये हमेशा तैयार रहती हैं, इसी को देखते हुये उनकी संस्था ने उन्हें बनारस का अध्यक्ष निुयक्त किया है। बनारस के वरूणा गार्डन की रहने वाली सुकेशी शंकर ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की है।
कौंशाबी के डिस्टिक फूड मार्केटिंग ऑफिसर अंशुमाली शंकर की धर्मपत्नी सुकेशी शंकर ने बताया कि वह हर जरूरतमंद लोगो की मदद के लिये हमेशा तैयार रहती है। उन्होंने बताया कि दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद से वह बेहद प्रभावित है और उनके द्वारा की जा रही समाज सेवा से प्रभावित होकर उनकी रूचि समाज सेवा की ओर हुंयी है। सुकेशी शंकर ने बताया कि वह गरीब बच्चोंकी बेहतर तरीके से शिक्षा हो, इसके लिये हर संभव प्रयास करती हैं।
डा. नम्रता आनंद ने बताया, समाज सेवा का अर्थ एवं स्वरूप जीवन को सार्थकता स्वयं से हटकर दूसरों के लिए सोचना भी है। यह संदेश यदि फलों से लदे वृक्ष, फूलो से लटकती डालियाँ दे सकती है तो फिर मनुष्य क्यों नहीं। तुलसीदासजी ने भी रामचरित मानस में कहा है-“परहित सरस धरम नहीं भाई, पर पीड़ा सम नहीं अधमाई”।
समाज सेवा आम जनता की भलाई के लिए उपयोग की जाती है तथा यह मानव कल्याण को बढ़ावा देती है। यह अपने कल्याण के प्रति अपनी जिम्मेदारी रखती हैं और उसका निर्वाह करती है। इसका लक्ष्य सुगठित समाज की रचना करना तथा व्यक्ति का समाज में ऐसा समायोजन करना है जिससे वह अपना तथा समाज का कल्याण कर सके। जरूरतमंद लोगों की मदद से बढ़कर कोई पुनीत कार्य नहीं है। समाज के लोगों को जरूतरतमंदों की मदद में आगे आना चाहिए।