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राज्यस्तरीय 04 दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला (एग्रो बिहार, 2024) का आयोजन गाँधी मैदान में

मेला में 17000 से अधिक किसानों एवं आमजनों ने किया भ्रमण
मेला में कई विभागों एवं संस्थानों द्वारा लगाया गया स्टाॅल
आई॰आई॰टी॰, पटना के द्वारा अनुसंधान के माध्यम से तैयार एक मशीन का प्रत्यक्षण
किसान पाठशाला का आयोजन
कृषि यंत्रों की बिक्री पर 91.56 लाख रूपये का अनुदान

(दिनांक 08.02.2024):कृषि विभाग, बिहार द्वारा सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से 08-11 फरवरी तक गाँधी मैदान, पटना में आयोजित राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला (एग्रो बिहार, 2024) का आयोजन किया जा रहा है। सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल द्वारा सभी स्टाॅल एवं मेला परिसर का भ्रमण किया गया।
प्रचार वाहनों को 04 शहरों के लिए हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना
सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल द्वारा मेला परिसर से छत पर बागवानी योजना के वृहत् प्रचार-प्रसार हेतु 04 प्रचार वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर पटना, गया, मुजफ्फरपुर एवं भागलपुर शहरों के लिए रवाना किया। उन्होंने कहा कि इन 04 शहरी क्षेत्र में आमजन मकान के छत पर 300/600 वर्गफीट खुले क्षेत्र में फार्मिंग वेड के लिए प्रति इकाई 37,500 रूपये एवं गमले की योजना के लिए प्रति इकाई (30 गमले) के लिए 7,500 रूपये का लाभ ले सकते है। इस अवसर पर कृषि निदेशक डाॅ॰ आलोक रंजन घोष, निदेशक, उद्यान अभिषेक कुमार, अपर सचिव शैलेन्द्र कुमार सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

मेला में 17000 से अधिक किसानों एवं आमजनों ने किया भ्रमण
इस मेला में आज पहले दिन आत्मा योजना के माध्यम से पटना एवं मगध प्रमण्डल के सभी जिलों से 5230 किसानों सहित राज्य के विभिन्न जिलों से 17837 किसानों ने अतिआधुनिक एवं उपयोगी कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन तथा जानकारी प्राप्त की। राज्यस्तरीय इस यांत्रिकरण मेला में देश के विभिन्न यंत्र निर्माता, प्रतिष्ठानों तथा आई॰आई॰टी॰ पटना सहित सरकारी एवं अर्द्धसरकारी संस्थानों के कुल 140 से अधिक स्टाॅल लगाये गये हैं।
मेला में कई विभागों एवं संस्थानों द्वारा लगाया गया स्टाॅल
इस मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बिहार राज्य बीज निगम, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, बामेती, डिजिटल क्राॅप सर्वे, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, डाॅ॰ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, प्रसस्ंकृत कृषि उत्पादों आदि का प्रदर्शन एवं बिक्री किया जा रहा है। साथ ही, एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों की भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त इस मेला में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, सहकारिता विभाग, उद्योग विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना, गन्ना उद्योग विभाग, स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया, वाणिज्य कर विभाग, एफ॰आई॰एस॰टी॰, आई॰आई॰टी॰, पटना आदि द्वारा स्टाॅल लगाये गये हैं।

आई॰आई॰टी॰, पटना के द्वारा अनुसंधान के माध्यम से तैयार एक मशीन का प्रत्यक्षण आई॰आई॰टी॰, पटना द्वारा कृषि में ड्रोन विशेषकर कीटनाशी एवं उर्वरकों का सही मात्रा में उपयोग करते हुए खेत में छिड़काव के बारे में किसानों को अवगत कराया गया। आई॰आई॰टी॰, पटना के द्वारा अनुसंधान के माध्यम से तैयार एक मशीन का प्रत्यक्षण किया जा रहा है, जिससे फलों एवं सब्जियों मेें कीटनाशी की पहचान एवं दवा की मात्रा के बारे में जानकारी मिल सकेंगी।
इस राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला में अरवल एवं कैमूर जिला के कृषक उत्पादक संगठन को कृषि यांत्रिकरण बैंक (80 प्रतिशत अनुदान), जबकि बक्सर, पटना और कैमूर जिला के किसान को स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर को अनुदानित दर पर प्रतिकात्मक चाबी देकर उपलब्ध कराया गया।

किसान पाठशाला का आयोजन
साथ ही, मेला परिसर में प्रत्येक दिन किसान पाठशाला का आयोजन भी किया जा रहा है। इस क्रम में आज प्रतिभागीय किसानों को कृषि वैज्ञानिकों एवं विभागीय पदाधिकारियों द्वारा कृषि यांत्रिकरण योजना की जानकारी के साथ-साथ उपयोगी कृषि यंत्रों (बुआई से कटाई तक) का उपयोग, परिचालन एवं रख-रखाव एवं फसल अवशेष प्रबंधन के उपयोगी यंत्रों की भी जानकारी दी गई।

कृषि यंत्रों की बिक्री पर 91.56 लाख रूपये का अनुदान
आज इस मेला में 212 कृषि यंत्रों एवं 06 कृषि यंत्र बैंकों के लिए सरकार द्वारा कुल 91.56 लाख रूपये का अनुदान दिया गया। इन कृषि यंत्रों का बाजार मूल्य लगभग 1.74 करोड़ रूपये है।
इस प्रकार मेला में किसानों को कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, तकनीकी ज्ञान एवं उन्हें अनुदानित दर पर क्रय करने का लाभ एक ही साथ मिल रहा है। साथ ही, कृषि एवं कृषि से संबद्ध क्षेत्रों की तमाम योजनाओं/क्रियाकलापों की जानकारी इस मेले में किसानों, व्यवसायियों एवं अन्य स्टेक होल्डर्स को मिलेंगे। इस मेले में प्रवेश हेतु किसी तरह का शुल्क नहीं लगेगा। कोई भी किसान स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। इस प्रकार मेला में किसान भाई-बहन उन्नत एवं आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से संबंधित जानकारी प्राप्त करते हुए उसे क्रय कर अपनी आमदनी एवं जीवन शैली मंे गुणात्मक वृद्धि कर पायेंगे।
राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी (एग्रो बिहार, 2024) के मुख्य आकर्षण:
लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 140 से अधिक स्टाॅल लगाये गये हैं।
इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, छŸाीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।
राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्यमी भी मेला में भाग लेंगे।

प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महŸव, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रक व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।
मेला परिसर में चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला के माध्यम सेँ किसान मिट्टी की जाँच करवाकर जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
मेले में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, काॅम्फेड के द्वारा भी अपनी-अपनी योजनाओं/क्रियाकलापों को किसानों के लिए प्रदर्शित किया जा रहा है।
इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं बिक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) का आयोजन भी किया जायेगा। साथ ही यंत्र निर्माताओं एवं विभाग के वरीय पदाधिकारियों की बैठक (B to G Meet) का आयोजन किया जायेगा।
स्थानीय बच्चों एवं कृषि महाविद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के बीच कृषि के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से मेला भ्रमण कराने हेतु उन्हें आमंत्रित किया गया है।
स्थानीय विद्यालयों के बच्चों के बीच कृषि के प्रति आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से चित्रकारी प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता इत्यादि का भी आयोजन किया जायेगा।
मेला परिसर में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा प्रतिदिन कृषकों/आगंतुकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन।
मेले में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था।