देश में डिजिटल यूनिवर्सिटी से होगा स्मार्ट इंडिया का निर्माण
देश में अब व्यक्तिगत शिक्षा के साथ विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार एक डिजिटल यूनिवर्सिटी खोलने की तैयारी में है। जी हां, दरअसल इसकी मदद से छात्रों की हायर स्टडीज की सारी टेंशन दूर हो जाएगी। साथ ही जिन युवाओं को किन्हीं कारणवश रेगुलर कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाता अथवा जो इससे वंचित रह जाते हैं, अब उन्हें हायर स्टडीज के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी का बड़ा सहारा मिलेगा। ऐसे तमाम छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने का विचार किया है। केंद्र सरकार द्वारा बजट 2022-23 में विश्व स्तरीय डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा भी की जा चुकी है।
याद हो, इस बार वित्त वर्ष 2022-23 के बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर व्यक्तिगत तौर पर पहुंच के साथ विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
विभिन्न भारतीय भाषाओं के छात्रों को मिलेगा सुनहरा मौका
यह डिजिटल विश्वविद्यालय विभिन्न भारतीय भाषाओं और आईसीटी फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों को मुफ्त में ऑनलाइन स्टडीज का मौका भी मिलेगा। यहां डिजिटल टीचर्स क्वालिटी ई-कंटेंट शेयर करेंगे। इससे छात्रों को घर बैठे पढ़ने में काफी मदद होगी।
डिजिटल टीचर देंगे बेहतरीन ई कंटेंट
छात्र इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो पर डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से वहां की बोली जाने वाली भाषा में उच्च गुणवत्ता प्रद ई-कंटेंट मुफ्त में और बेहद आसानी से हासिल कर सकेंगे। केवल इतना ही नहीं इस हेतु अध्यापकों को गुणवत्तायुक्त ई-कंटेंट तैयार करने में शिक्षण के डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाने और सुसज्जित करने और बेहतर रिजल्ट प्राप्त करने के लिए एक प्रतिस्पर्धापरक तंत्र की स्थापना की जाएगी।
छात्रों को प्रोफेशनल बनाने और स्किलिंग ट्रेनिंग देने पर होगा फोकस
डिजिटल विश्वविद्यालय में केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि स्टूडेंट को प्रोफेशनल बनाने और उनकी स्किलिंग ट्रेनिंग पर भी मेन फोकस किया गया है। इसके लिए 2022 से 23 के बीच देशभर में 75 स्किलिंग ई लैब सिम्युलेटेड लर्निंग का वातावरण भी तैयार किया जाएगा, जो व्यवसायी पाठ्यक्रम यानि प्रोफेशनल कोर्सेज के तहत अत्यंत महत्वपूर्ण चिंतन कौशल को बढ़ावा देने और स्टूडेंट की रचनात्मकता को बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। केंद्र सरकार द्वारा 2022-23 में विज्ञान और गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाओं और समकालीन शिक्षण परिवेश के लिए 75 स्किलिंग ई-लैब्स की स्थापना की जाएगी।
कौशल एवं आजीविका में होगा सुधार
और तो और देश स्टैक ई पोर्टल के साथ बजट में सभी युवाओं को स्किल ट्रेनिंग और लाइवलीहुड के लिए खास डिजिटल इको सिस्टम का तौफा भी दिया गया है। ‘डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लाइवलीहुड – देश-स्टैक ई-पोर्टल’ का शुभारंभ नागरिकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए स्किल, रीस्किल या अपस्किल के लिए सशक्त करेगा। साथ ही प्रासंगिक नौकरियों और उद्यमशीलता के अवसरों को खोजने के लिए तैयार करेगा। एपीआई-आधारित इससे छात्रों के कौशल एवं आजीविका में बड़ा सुधार होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय नेटवर्क आधारित हब-स्पोक मॉडल पर बनाया जाएगा, जिसमें हब भवन अत्याधुनिक आईसीटी विशेषज्ञता से युक्त होंगे। देश के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक विश्वविद्यालय और संस्थान हब-स्पोक के नेटवर्क के रूप में सहयोग करेंगे।
कोरोना महामारी में एडमिशन से वंचित रहे छात्रों को भी फायदा
कोरोना के लिहाज से केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम बेहतर माना जा रहा है जो देश के उन युवाओं को दिशा देगा जो रेगुलर कॉलेज में एडमिशन लेने से वंचित रह जाते थे। अब इन छात्रों को भी अपनी कौशल और प्रतिभा में धार देने के अवसर प्राप्त होंगे और आने वाले भविष्य में उनके लिए रोजगार के रास्ते भी तैयार होंगे। याद हो, कोरोना महामारी से बाध्य होकर स्कूलों को बंद किए जाने के कारण बच्चे, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले और जो अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के हैं, को लगभग दो वर्ष की औपचारिक शिक्षा से वंचित होना पड़ा है। इनमें से अधिकतर बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। इनके लिए केंद्र सरकार ने अनुपूरक शिक्षण दिए जाने और शिक्षा हेतु एक उत्थानशील तंत्र तैयार करने की जरूरत को महसूस करते हुए यह नेक पहल की।
वन क्लास वन टीवी चैनल कार्यक्रम
इस उद्देश्य से पीएम ई-विद्या के ‘वन क्लास-वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढ़ाकर 200 टीवी चैनलों तक पहुंचाने की रूपरेखा तैयार की गई। इससे सभी राज्य पहली से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुपूरक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।
इस प्रकार केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों से देश के युवाओं को उपयुक्त शैक्षणिक माहौल प्रदान कर एक स्मार्ट इंडिया के निर्माण का प्रयत्न किया जा रहा है। यह देश के भविष्य में गेम-चेंजर साबित होगा। देश में बनने वाली यह पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी होगी जो भविष्योन्मुखी और आकांक्षाओं भरी है। ज्ञात हो इस बार वित्त वर्ष 2022-23 में शिक्षा मंत्रालय को 104277.72 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड बजटीय आवंटन प्राप्त हुआ है। यानि बजटीय आवंटन में 11.86% की वृद्धि हुई है जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 11053.41 करोड़ रुपए ज्यादा है।