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अकेले उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 4,513 राजस्व ग्राम तक पहुंचेगा पीने का जल 

हर घर तक नल से जल पहुंचाने के जल जीवन मिशन की शुरुआत उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा झांसी के मुराटा गांव में भूमिपूजन कर की गई। जल जीवन मिशन परियोजना के पहले चरण में बुंदेलखंड के सात जिले झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट में पेयजल पाइप लाइन बिछाई जा रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र के जिले झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट के कुल 4,513 राजस्व ग्राम हैं, जिनमें से 891 राजस्व ग्राम पहले से ही पेयजल योजनाओं से आच्छादित हैं। शेष 3,622 राजस्व गांवों की लगभग 67 लाख आबादी के लिए 479 योजनाओं द्वारा पाइप पेयजल की व्यवस्था की जा रही है।

इन छोटी-छोटी योजनाओं से होगा पूरा कार्य 

आने वाली लागत को यहां देखें तो झांसी में 1,627.94 करोड़ की लागत वाली 10 योजनाएं सतही स्रोत (सरफेस वाटर) पर आधारित हैं। ललितपुर में 1,623.47 करोड़ की लागत वाली 16 सरफेस वाटर रिसोर्स और 12 भूजल (ग्राउंड वाटर) आधारित पाइप पेयजल योजनाएं हैं। महोबा में 1,219.74 करोड़ की लागत से 364 राजस्व गांवों तक पानी पहुंचाने की तैयारी हो रही है।

मध्य प्रदेश को मिली पहली किस्त में 1 लाख 184.86 करोड़ रुपए की राशि 

इसी तरह से मध्य प्रदेश के सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पीने लायक पानी नल के माध्यम से प्रदान करने के लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा 1,184.86 करोड़ रुपए की राशि की पहली किस्त राज्य को जारी कर दी गई है। वर्ष 2023 तक राज्य के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से पानी की आपूर्ति का प्रावधान करने की राज्य की प्रतिबद्धता को देखते हुए जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए मध्य प्रदेश को 2021-22 में 5,116.79 करोड़ रुपए की केंद्रीय अनुदान सहायता आवंटित की गई है।

सात जिलों में 3 हजार 731 गांवों में है आशा की किरण 

राज्य 22 लाख और नल जल कनेक्शन प्रदान कर मार्च, 2022 तक 50 प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंचने की योजना बना रहा है। राज्य के सात जिलों के 3,731 नल जल आपूर्ति वाले गांव में केंद्रित करने की योजना है, जहां औसतन 150 से कम परिवारों में नल जल कनेक्शन इन गांवों को ‘हर घर जल’ बन रही है ।

जल जीवन मिशन के ध्येय वाक्य को ध्यान में रखते हुए राज्य ‘भागीदारी का निर्माण, जिंदगी में बदलाव’ की दिशा में काम कर रहा है। सरकार समुदाय को प्रेरित करने, स्थानीय समुदायों, ग्राम पंचायतों को समर्थन प्रदान करने, कार्यक्रम संबंधी सूचना का प्रचार-प्रसार और सामाजिक तथा व्यवहारगत बदलाव लाने के लिए क्रियान्वयन सहायता एजेंसी के रूप में एनजीओ और सीबीओ को भी शामिल कर रही है।

इस वर्ष होगी एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि ग्रामीण पेयजल आपूर्ति सेक्टर में निवेश 

बता दें, प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त 2019 को लाल किले से घोषित जल जीवन मिशन राज्य अथवा केंद्र शासित क्षेत्रों की भागीदारी के साथ 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से पानी उपलब्ध कराने के लिए क्रियान्वित किया जा रहा है। 2021-22 में जल जीवन मिशन का कुल बजट 50,000 करोड़ रुपए का है। राज्य के अपने संसाधनों और पीआरआई को पानी और स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग द्वारा 26,940 करोड़ रुपए की राशि से इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सेक्टर में निवेश की जाएगी, जोकि रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित कर रही है।