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लघुकथा गद्य साहित्य के लिए क्रकेट के T-20 मैच की तरह हैः मुकेश महान

पटना।संवाददाता। लघुकथा गद्य साहित्य के लिए क्रकेट के T-20 मैच की तरह है। थोडे समय के में ही यह रहस्य- रोमांच, प्रेम-विरह, व्यंग्य और कटाक्ष सभी का स्वाद चखा देता है। ख़ास बात ये है कि प्रेमनाथ खन्ना नाट्य समारोह में लघु कथा को विशेष जगह मिलती रहती है । ये बातें कालिदास रंगालय में आज लघुकथा पाठ के एक कार्यक्रम में मुकेश महान ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कही।
मौक़े पर सामयिक परिवेश की अध्यक्षा और प्रसिद्ध साहित्यकार ममता मेहरोत्रा ने कहा कि लघुकथा साहित्य की अनूठी विधा है । इसमें साहित्य के सारे रस उपलब्ध हैं।

यह लघुकथा पाठ आदि शक्ति प्रेमनाथ खन्ना तीन दिवसिय नाट्य समारोह के अंतिम दिन आयोजित था। कार्यक्रम सामयिक परिवेश, कला जागरण और गुरुकुल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।

सम्पूर्ण कार्यक्रम वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार डाक्टर ध्रुव कुमार के संयोजकत्व और संचालन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में दो दर्जन से अधिक लघुकथाकारों ने भाग लिया और अपनी अपनी लघुकथा की पाठ की । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे भगवती प्रसाद द्विवेदी और विभा रानी श्रीवास्तव। लघुकथा पाठ करने वालों में सुधा सिन्हा अपनी कथा चावल का जानवर और पराया का पाठ किया जबकि डाक्टर विद्या चौधरी ने रोडटपकाई का पाठ किया।
इसी तरह अरविंद अकेला ने कुत्तों का बॉस, भगवती प्रसाद द्विवेदी-ठौर ठिकाना, विभा रानी श्रीवास्तव-खुले पंख, डॉक्टर ध्रुव कुमार ने क्षितिज़ की सार्थकता, विंदेश्वरी प्रसाद गुप्ता ने कसाई की पाठ की। इसके अतिरिक्त पूनम कटियार, प्रियंका श्रीवास्तव, मधु दिव्या, अलका वर्मा, माधुरेश नारायण, सिद्धेश्वर, प्रेमलता सिंह, चितरंजन भारती, प्रभात कुमार धवन, अनिल रश्मि, नसीम अख़्तर, रवि श्रीवास्तव, मीना परिहार, रवि भूषण सहित सामयिक परिवेश की अध्यक्षा ममता मेहरोत्रा ने भी अपनी अपनी लघुकथा का पाठ किया।

मौके पर भगवती प्रसाद द्विवेदी ने लघुकथा और उसकी बारिकियों पर विस्तार से चर्चा की। जबकि ममता मेहरोत्रा और दिल्ली से आईं वीणा वादिनी और विभा रानी ने भी श्रोताओं को संबोधित किया। लघुकथा पाठ के बाद कथाकारों और अतिथियों को प्रमाण पत्र और सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। अंत में संस्था के सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने धनयवाद ज्ञापन भी किया।

कार्यक्रम की श्रृंखला को आगे बढ़ाते नीतु नवगीत ने कुछ गीत भी पेश किये। समारोह का समापन ममता मेहरोत्रा की कहानी पर आधारित नाटक सौदा के मंचन के साथ संपन्न हुआ।