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स्कॉटलैंड से सम्मानित होकर लौटीं ममता मेहरोत्रा

 

पटना। साहित्य के क्षेत्र में लिमका बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी बिहार की सुप्रसिद्ध महिला साहित्यकार ममता मेहरोत्रा को स्कॉटलैंड में सम्मानित किया गया। यह सम्मान स्क़ॉटलैंड की राजधानी एटनबड़ा में ममता मेहरोत्रा को दिया गया।
कार्यक्रम इंडियन काउंसलेट प्रभा खेतान फाउंडेशन और स्कॉटिश सेंटर फॉर टैगोर स्टडी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। स्कॉटलैंड से वापस लौटने पर ममता मेहरोत्रा ने इस प्रतिनीधि को बताया कि इस कार्यक्रम का थीम मेरी नाट्य रचना महाभारत की माधवी को बनाया गया था। पुस्तक महाभारत की माधवी पर इस कार्यक्रम में विस्तार से चर्चा की गई। इस बहाने विदेशों में महाभारत कालीन भारतीय संस्कृति और परंपराओं पर जम कर चर्चा हुई । ममता मेहरोत्रा ने कहा कि विदेश में मेरे और मेरी पुस्तक के बहाने हुई ऐसी चर्चाओं से मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करती हूं।
कार्यक्रम में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने अपने संबोधन में कहा कि ममता मेहरोत्रा कि साहित्यिक उपलब्धि रेखांकित करने लायक है। आज के इस भाग-दौड़ और व्यस्तता भरे जीवन में जहां लोग साहित्य के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं, ममता मेहरोत्रा ने 50 पुस्तकें लिख कर एक मिशाल कायम किया है। साहित्य के प्रति उनका यह अनुराग अतुलनीय और अनुकरणीय है।
महाभारत की माधवी के साथ ममता मेहरोत्रा की पुस्तक इमपावरिंग ऑफ इंडियन वूमेन पर भी चर्चा की गई। ममता मेहरोत्रा की अंग्रेजी में प्रकाशित यह पुस्तक 2002 में महिला सशक्तिकरण को लेकर उनके द्वारा किये गए कार्यों पर आधारित है। तब वो सूर्या महिला कोषांग के माध्यम से महिला हेल्पलाइन चलाती थीं और इसी के माध्यम से महिलाओं को लेकर सशक्तिकरण का काम करती थीं।
कार्यक्रम में प्रश्न उत्तर सत्र में ममता मेहरोत्रा के सामाजिक कार्यों पर चर्चा हुई। मौके पर कई स्थानीय लोगों के साथ ममता मेहरोत्रा की सुपुत्री श्रुति मेहरोत्रा में भी उपस्थित थीं। यहां यह चर्चा प्रासंगिक होगा कि श्रुति और ममता मेहरोत्रा मिल कर यात्रा संस्मरण लंदन डायरी पर काम कर रहीं हैं। जिसमें सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर वर्तमान के भारत और ब्रिटिश संबंधों पर चर्चा की जाएगी।