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रिकॉर्ड तोड़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था, निर्यात पहुंचा 417 अरब डॉलर के पार

कोविड की चुनौतियों के बावजूद भारतीय वस्तुओं के व्यापारिक प्रदर्शन में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत ने 417 बिलियन डॉलर से अधिक का रिकॉर्ड निर्यात किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक और 2019-20 के पूर्व-महामारी के स्तर से 33 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में निर्यात लक्ष्य से पांच प्रतिशत अधिक रहा है। इसी तरह पिछले महीने मार्च में निर्यात 40 बिलियन डॉलर का रहा। अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान लगातार बारह महीनों तक निर्यात 30 अरब अमेरिकी डॉलर से ऊपर रहा।

कृषि क्षेत्र में दर्ज हुई प्रभावशाली वृद्धि

अब तक के सबसे अधिक निर्यात का रिकॉर्ड दर्ज करते हुए कृषि क्षेत्र ने प्रभावशाली वृद्धि की है। इससे वार्षिक निर्यात के 50 अरब डॉलर पहुंचने की संभावना है। वर्ष 2019-20 में 500 करोड़ रुपये से 2020-21 में गेहूं का निर्यात 4 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वर्ष 2021-22 में भारत से विभिन्न देशों में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 70 लाख टन से अधिक गेहूं का निर्यात किया गया है। कृषि निर्यात में उछाल चावल, समुद्री उत्पादों, गेहूं, मसालों और चीनी जैसी वस्तुओं की वजह से है।

गैर-पेट्रोलियम निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि

गैर-पेट्रोलियम उत्पाद के निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में रिकॉर्ड 111 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ, जिसमें से लगभग 16 बिलियन डॉलर का माल अकेले अमेरिका को भेज दिया गया। वित्त वर्ष 2020-21 में इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में 45.5% की वृद्धि दर्ज हुई है।

लगातार बढ़ रहा निर्यात का दायरा

वर्ष 2021-22 के दौरान निर्यात किए गए व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात में विभिन्न देशों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इन देशों में विशेष रूप से विकसित देश शामिल हैं। जहां पहले निर्यात अधिकतर पड़ोसी और आसियान देशों को होता था वहीं इस साल अमेरिका, नीदरलैंड, हांगकांग, सिंगापुर, ब्रिटेन, बेल्जियम और जर्मनी जैसे विकसित देशों में निर्यात में उल्लेखनीय उछाल दर्ज किया गया है।

सरकार की पहल का दिख रहा असर

सरकार उद्योग और निर्यातकों के निर्यात प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण और बुनियादी ढांचा प्रदान कर रही है। निर्यातकों के लाभ के लिए निर्यात लक्ष्य के अनुरूप नीतियां और योजनाएं चलाई जा रही हैं और उन्हें लागू भी किया जा रहा है। ब्याज समानीकरण योजना को निर्यातकों के लिए भी लागू कर दिया गया है और इससे बड़ी संख्या में MSME निर्यातकों को लाभ होने की संभावना है। केंद्र सरकार ने निर्यात का निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के लिए किसान, उद्यमी, MSME और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया है।