2014 के बाद चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में तेजी से परिवर्तन, देश के मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें 110 प्रतिशत बढ़ी
भारत में मेडिकल के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और किफायती शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण और पहुंच में सुधार करने के लिए केंद्र सरकार ठोस प्रयास कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर कहा कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 71 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें 97 प्रतिशत और पीजी की सीटें 110 प्रतिशत बढ़ी हैं।
दौर बदला, देश बदला!
MBBS की सीटें हुई 1 लाख के पार!
PG सीटों में भी 110% की बढ़ोतरी। pic.twitter.com/Dsctc2b0RO
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) March 16, 2023
जानें साल 2023 में MBBS की सीटों में कितनी वृद्धि हुई
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि दौर बदला है और देश भी बदला है। साल 2014 में जहां एमबीबीएस की सीटें 51,348 हुआ करती थी, वह साल 2023 में बढ़कर 1,01,043 सीटें हो गई हैं। वहीं, पीजी की सीटों की संख्या 31,185 हुआ करती थी, जो अब बढ़कर 65,335 सीटें हो गई हैं।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं के जरिए चिकित्सा शिक्षा को मिला बढ़ावा
केंद्र सरकार ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती चिकित्सीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण और पहुंच में सुधार के लिए कई ठोस प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के जरिए 2 नए एम्स और 75 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के लिए परियोजना शुरू की गईं। एक सामान्य प्रवेश परीक्षा- ‘एक देश, एक परीक्षा, एक योग्यता’ प्रणाली के लिए एक सामान्य परामर्श प्रणाली के साथ 2016 में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) शुरुआत की गई जिसके माध्यम से भारत में कहीं से भी छात्रों को योग्यता के आधार पर देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में अध्ययन करने का अवसर दिया। इसके अलावा अपनी भाषा में ही छात्र मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर सकें इसके लिए केंद्र सरकार कई कदम उठा रही है। पीएम मोदी ने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, बंगाली आदि क्षेत्रीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा उपलब्ध कराने का आह्वान किया था।