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‘पूर्वांचल एक्सप्रेस वे’ जानें कैसे यूपी की प्रगति का बन रहा एक्सप्रेस वे

तीन-चार साल पहले तक जहां सिर्फ जमीन थी, अब वहां से एक आधुनिक एक्सप्रेस वे बनकर तैयार है। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के ‘पूर्वांचल एक्सप्रेस वे’ की जो प्रदेश की प्रगति का एक्सप्रेस वे बन गया है। यह एक्सप्रेस वे, उत्तर प्रदेश को तेज गति से बेहतर भविष्य की ओर ले जाने का काम तो कर ही रहा है साथ ही साथ आपातकालीन परिस्थिति में एक हवाई पट्टी के रूप में काम आ सकता है। दरअसल, इस एक्सप्रेस वे को अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया गया है।

हवाई पट्टी की सुविधा उपलब्ध

इस एक्सप्रेस वे पर न केवल गाड़ियां फर्राटा भर सकती हैं बल्कि विमान भी लैंड कर सकते हैं। जी हां, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर साढ़े तीन किलोमीटर लंबी एक हवाई पट्टी तैयार की गई है, जिसका इस्तेमाल युद्धकाल में आपात स्थिति में किया जा सकता है। लड़ाकू विमान इस हवाई पट्टी पर आसानी से लैंड और टैक ऑफ कर सकते हैं।

यूपी की प्रगति का एक्सप्रेस वे

याद हो 16 नवंबर 2021 को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने कहा था कि ‘यह पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, यूपी के विकास का एक्सप्रेस वे है। ये एक्सप्रेस वे, यूपी की प्रगति का एक्सप्रेस वे है। ये एक्सप्रेस वे, नए यूपी के निर्माण का एक्सप्रेस वे है। ये एक्सप्रेस वे, यूपी की मजबूत होती अर्थव्यवस्था का एक्सप्रेस वे है। ये एक्सप्रेस वे, यूपी में आधुनिक होती सुविधाओं का प्रतिबिंब है। ये एक्सप्रेस वे, यूपी की दृढ़ इच्छाशक्ति का पुनीत प्रकटीकरण है। ये एक्सप्रेस वे, यूपी में संकल्पों की सिद्धि का जीता-जागता प्रमाण है। ये यूपी की शान है, ये यूपी का कमाल है। मैं आज पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को उत्तर प्रदेश के लोगों को समर्पित करते हुए अपने-आप में धन्य महसूस कर रहा हूं।

महज 36 महीने में बनकर तैयार

इस एक्सप्रेस वे के चालू होने से न सिर्फ लखनऊ से गाजीपुर की यात्रा का समय कम हो गया है, बल्कि इस इलाके की तस्वीर भी पूरी तरह से बदलनी शुरू हो चुकी है। 22 हजार, 500 करोड़ रुपये की लागत से बना यह 6 लेन का एक्सप्रेस वे रिकॉर्ड 36 महीने में बनकर तैयार किया गया है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में हुआ सेल के इस्पात का इस्तेमाल

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण में सेल का भी बड़ा योगदान रहा है, जिसने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को 48,200 टन स्टील की आपूर्ति की है। बता दें, सेल ने सदैव देश की घरेलू स्टील जरूरतों को पूरा किया है और देश की उन्नति और विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी प्रकार सेल ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में अपनी भूमिका निभाई है। इससे पहले राष्ट्रीय महत्व की कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के साथ-साथ ईस्टर्न एंड वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, अटल टनल इत्यादि समेत विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण में भी सेल स्टील का इस्तेमाल किया जा चुका है।

अब उत्तर प्रदेश की पहचान ‘एक्सप्रेस प्रदेश’ के रूप में

प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे मिलने के बाद से अब उत्तर प्रदेश की पहचान ‘एक्सप्रेस प्रदेश’ के रूप में होने लगी है। इसका बड़ा कारण यह है कि आज उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे वाला राज्य बन चुका है। जी हां, पूरे देश में आज यूपी के पास सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे हैं। और यह सब संभव हुआ यूपी के किसान भाई-बहनों की भूमि जो इस एक्सप्रेस वे में लगी, श्रमिकों का पसीना, इंजीनियरों का कौशल व यूपी के ऊर्जावान, कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत से, तब जाकर उत्तर प्रदेश आज एक नए मुकाम पर पहुंचा है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस से जुड़ी खास बातें-

1) पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 341 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेस वे पर साढ़े तीन किलोमीटर हवाई पट्टी का निर्माण भी किया गया है। इस एक्सप्रेस वे के जरिए अब लखनऊ से गाजीपुर की यात्रा का समय 10 घंटे की जगह सिर्फ साढ़े तीन घंटे में सिमट गया है।

2) इस एक्सप्रेस वे को रिकॉर्ड 36 महीने में तैयार किया गया है। इस पर कुल 22 हजार 435 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इससे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों को जोड़ा गया है।

3) पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर 18 फ्लाईओवर बनाए गए हैं। 7 रेलवे ओवर ब्रिज और 7 लंबे पुल भी हैं। इसके अलावा इस पर 118 छोटे पुल और 271 अंडर पास भी तैयार किए गए हैं।

4) एक्सप्रेस वे से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिले जोड़े गए हैं। इस एक्सप्रेस वे को निकट के 10 किलोमीटर की दूरी तक के गांवों को कनेक्ट किया जा रहा है।

5) यह एक्सप्रेस वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर स्थित गांव चौदसराय, जिला लखनऊ से शुरू होता है और यूपी-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित गांव हैदरिया में समाप्त होता है।

6) एक्सप्रेस-वे 6 लेन चौड़ा है, जिसे भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग के जिलों के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है।

7) इस एक्सप्रेस वे का लाभ गरीब को भी होगा और मध्यम वर्ग को भी, किसान की इससे मदद होगी तो वहीं व्यापारी के लिए भी सुविधा होगी। इस एक्सप्रेस वे के बनने से राज्य की व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आई है।

8) पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए वाहनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड से चलाने की अनुमति दी जाएगी। इस पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है और साथ ही साथ पशुओं को रोकने के लिए एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ फेंसिंग की गई है।

9) एक्सप्रेस वे पर लगातार पेट्रोलिंग की भी व्यवस्था उपलब्ध है। यहां बनने वाली पुलिस चौकियों के साथ हेलीपैड भी बनाया जाएगा। एक्सप्रेस वे पर आठ पेट्रोल पंप की योजना है, चार जगहों पर सीएनजी स्टेशन बनाए जाएंगे इसके लिए बैटरी चार्जिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक सब-स्टेशन की भी योजना है।

10) इस एक्सप्रेस वे के किनारे पर 4.50 लाख वृक्ष लगाए जाएंगे। इसके अलावा हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।

11) सेल ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को 48,200 टन स्टील की आपूर्ति की है। सेल ने इस विशाल परियोजना के लिए टीएमटी-बार,स्ट्रक्चरल और प्लेट जैसे उत्पादों की आपूर्ति की है।

12) पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण के साथ ही प्रदेश के पूर्वी शहर प्रदेश की राजधानी के साथ-साथ अन्य एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी दिल्ली से भी जुड़ चुके हैं।