कोरोना संकट में भी भारतीय खाद्य निगम पूर्वी अंचल ने हासिल की रिकॉर्ड उपलब्धियां
- अप्रैल-जून के बीच पांच राज्यों के 21 करोड़ लाभार्थियों तक 35 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण
- खाद्यान्न अधिप्राप्ति में भी बनाए नए रिकॉर्ड
विशेष संवाददाता
कोलकाता / पटना ।
भारतीय खाद्य निगम पूर्वी अंचल ने कोरोना महामारी के दौर में भी रिकॉर्ड उपलब्धियां हासिल की और महामारी से प्रभावित क्षेत्र के लोगों को इससे उबरने में मदद की. पूर्वी अंचल ने इस दौरान विभिन्न सरकारी योजनाओं के 1341 खाद्यान्न रेक यानी 35 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया और देश के 5 राज्यों के 21 करोड़ लाभार्थियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया. इतना ही नहीं इस वर्ष महामारी के संकट के बावजूद खाद्यान्न अधिप्राप्ति में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई.
इस संबंध में भारतीय खाद्य निगम पूर्वी अंचल के कार्यपालक निदेशक अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम, पूर्व अंचल के अंतर्गत पांच राज्य बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम आते हैं। उपरोक्त राज्यों में लगभग 21 करोड़ लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए लगभग 21 लाख मीट्रिक टन (एल.एम.टी.) खाद्यान्न का आवंटन किया गया था। खाद्यान्नों का आवंटन संबंधित राज्यों को उनकी आहार वरीयता के अनुरूप किया गया है। सिक्किम में सिर्फ चावल की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा चावल के मामले में, इस योजना के तहत पसंदीदा किस्म – अंशतः उबला /अरवा को उपलब्ध कराया जा रहा है।
भारतीय खाद्य निगम, पूर्व अंचलने अप्रैल-जून 2021 की अवधि के दौरान 1,341 खाद्यान्न रेक यानी 35 लाख मीट्रिक टनखाद्यान्न को वितरित किया ताकि लॉकडाउन और अन्य बाधाओं के बावजूदपी.एम.जी.के.ए.वाई.-3 और अन्य योजनाओं के लिए निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। अप्रैल 2021 से जून 2021 की अवधि के दौरान निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 13,617 मीट्रिक टन स्टॉक यानी लगभग 1000 ट्रक से खाद्यान्न को सड़क मार्ग से सिक्किम ले जाया गया।
इसी अवधि के दौरान ओडिशा से 167 राइस रेक केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा पूर्वी राज्यों सहित अन्य क्षेत्रों में भी भेजे गए हैं। उपरोक्त प्रयासों ने सुनिश्चित किया कि 20.62 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न, पी.एम.जी.के.ए.वाई.-3 योजना के तहत आवंटन/ मांग का 100%राज्यों को मुफ्त में वितरण के लिए दिया जा सके. बिहार को 8.71 लाख मीट्रिक टन, झारखंड-2.64 लाख मीट्रिक टन, ओडिशा-3.23 लाख मीट्रिक टन, पश्चिम बंगाल-6.00 लाख मीट्रिक टन तथा सिक्किम को 0.04 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया.
श्री सिन्हा ने बताया कि भारत सरकार ने लाभार्थियों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए प्रति लाभार्थी 5 किलोग्राम की दर से अतिरिक्त आवंटन बढ़ाया है। यह अतिरिक्त आवंटन और पांच महीनों की अवधि के लिए अर्थात जुलाई 2021 से नवंबर 2021 तक प्रदान किया जाएगा। सामान्य आवंटन के अलावा 21.46 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 30.17 लाख मीट्रिक टन चावल का अतिरिक्त आवंटन दिया गया है। पहले की तरह यह अतिरिक्त आवंटन लाभार्थियों को पूर्णतः मुफ्त प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के तहत बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों में लिफ्टिंग पहले ही शुरू हो चुकी है और जल्द ही झारखंड और सिक्किम में शुरू होने वाली है। बिहार को 8.71 लाख मीट्रिक टन गेहूं आवंटित किया गया है वहीँ झारखंड को 2.64, ओडिशा 1.08, पश्चिम बंगाल को 9.03 लाख मीट्रिक टन आवंटन किया गया . बिहार को 13.07 लाख मीट्रिक टन चावल आवंटित किया गया है वहीँ झारखंड को 3.96, ओडिशा 7.03, पश्चिम बंगाल को 6.02 और सिक्किम को 0.09 लाख मीट्रिक टन आवंटन किया गया .
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने कोविड महामारी की दूसरी लहर के कारण लाभार्थियों को होने वाले आर्थिक संकट को दूर करने के लिए पी.एम.जी.के.ए.वाई.-3 की शुरुआत की। इस योजना के तहत, एन.एफ.एस.ए. एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत नियमित आवंटन के अतिरिक्त मई एवं जून 2021 माह के लिए प्रति लाभार्थी 5 किलोग्राम खाद्यान्न का आवंटन किया गया। यह अतिरिक्त आवंटन लाभार्थियों को पूर्णतः मुफ्त प्रदान किया जा रहा है। भारत सरकार इस खाद्य वितरण के लिए खाद्य सब्सिडी, राज्य के भीतर परिवहन और डीलर के मार्जिन/अतिरिक्त डीलरों के मार्जिन पर खर्च होने वाली पूरी लागत,राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों पर बिना किसी वित्तीय बोझ को स्वयं वहन करेगी।
कार्यपालक निदेशक अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि इसके अलावा, अंचल के विभिन्न राज्यों में केंद्रीय पूल के अंतर्गत खाद्यान्नों की खरीद भी की गई है। बिहार राज्य में आर.एम.एस.2021-22 के दौरान अब तक की सबसे अधिक 4.56 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। यहां पर पिछले सत्र के दौरान 0.05 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। इस वर्ष केंद्रीय पूल के तहत 35.59 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई, जबकि पिछले वर्ष यह 20.02 लाख मीट्रिक टन थी। झारखंड में केंद्रीय पूल के तहत 6.28 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई, जबकि पिछले वर्ष यह 3.80 लाख मीट्रिक टन थी। ओडिशा में केंद्रीय पूल के तहत 77.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई, जबकि पिछले वर्ष यह 70.57 लाख मीट्रिक टन थी। पश्चिम बंगाल क्षेत्र में केंद्रीय पूल के तहत 23.29लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई।
इस प्रकार, महामारी की दूसरी लहर से उपजी चुनौतियों के बावजूद, ओडिशा, बिहार और झारखंड में यास चक्रवात के प्रभाव के बाद, बिहार में बाढ़ जैसी स्थिति, सिक्किम में भूस्खलन व अन्य बाधाओं के बावजूद, पूर्वी क्षेत्र में भारतीय खाद्य निगम के प्रचालन, खाद्य योद्धाओं द्वारा कोविड-19 के दिशानिर्देशों तथा प्रोटोकॉलका पालन करते हुए, महामारी से प्रभावित लोगों के संकटों को कम करने के लिए सतत् प्रयास जारी हैं।