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बजट सत्र 2022 : राष्ट्रपति के अभिभाषण के मुख्य अंश

कोरोना वायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी का यह तीसरा वर्ष है। इस दौरान हमने भारत के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों में अगाध आस्था, अनुशासन और कर्तव्य-परायणता को और मजबूत होते देखा है।

गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व, अरबिन्दो की 150वीं जन्म-जयंती, वी.ओ. चिदम्बरम पिल्लई का 150वां जन्मवर्ष और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जन्म-जयंती जैसे पुण्य अवसरों को मेरी सरकार पूरी भव्यता के साथ मना रही है। सरकार ने इस वर्ष से, गणतंत्र दिवस समारोह को, नेताजी की जयंती पर, 23 जनवरी से ही मनाने की शुरुआत की है।

मेरी सरकार मानती है कि अतीत को याद रखना तथा उससे सीख लेना, देश के सुरक्षित भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी है। साहिबजादों के बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ की घोषणा एवं 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ इसी सोच का परिचायक है। सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि स्वरूप, उनके जन्म-दिवस 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया।

कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया है। हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज़ लगाने का रेकॉर्ड पार किया। आज हम पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज़ देने वाले अग्रणी देशों में से एक हैं।

आज देश में 90 प्रतिशत से अधिक वयस्क नागरिकों को टीके की एक डोज़ मिल चुकी है, जबकि 70 प्रतिशत से अधिक लोग दोनों डोज़ ले चुके हैं। ‘हर घर दस्तक अभियान’ के माध्यम से सरकार बाकी लोगों तक भी पहुंच रही है। इसी माह, वैक्सीनेशन प्रोग्राम में 15 से 18 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों को भी शामिल किया गया है। साथ ही, फ्रंटलाइन वर्कर्स और बीमारियों से ग्रस्त वरिष्ठ नागरिकों के लिए precautionary डोज की शुरुआत भी की गई है।

अब तक देश में कुल 8 वैक्सीन्स को emergency use के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। भारत में बन रही तीन वैक्सीन्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी भी मिली है। भारत में बन रही ये वैक्सीन्स पूरी दुनिया को महामारी से मुक्त कराने और करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

सरकार द्वारा 64 हजार करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन इसका एक सराहनीय उदाहरण है। इससे न केवल वर्तमान की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि आने वाले संकटों के लिए भी देश को तैयार किया जा सकेगा।

80 हजार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स और करोड़ों की संख्या में जारी आयुष्मान भारत कार्ड से गरीबों को इलाज में बहुत मदद मिली है। सरकार ने 8000 से अधिक जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराकर, इलाज पर होने वाले खर्च को कम किया है। सुलभ और सुगम स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उठाया गया ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’ भी एक बड़ा कदम है।

वर्तमान समय में भारतीय फार्मा कंपनियों के उत्पाद 180 से ज्यादा देशों में पहुँच रहे हैं।…..फार्मा इंडस्ट्री के लिए मेरी सरकार द्वारा घोषित PLI स्कीम से इन संभावनाओं को विस्तार मिलेगा और रिसर्च को भी गति मिलेगी।सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप योग, आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।

वर्ष 2014 में देश से 6600 करोड़ रुपए के आयुष उत्पादों का निर्यात होता था, जो आज बढ़कर 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। दुनिया के सबसे पहले ‘WHO Global Centre of Traditional Medicine’ की स्थापना भी भारत में होने जा रही है।

मेरी सरकार की आस्था, अंत्योदय के मूल मंत्र में है, जिसमें सामाजिक न्याय भी हो, समानता भी हो, सम्मान भी हो और समान अवसर भी हों। इसलिए आज सरकार की नीतियों में गाँव, गरीब, पिछड़े, अनुसूचित जाति एवं जनजातियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। हाल के वर्षों में पद्म पुरस्कारों के चयन में भारत की यह भावना भलीभाँति झलकती है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मेरी सरकार सभी गरीबों को हर महीने मुफ्त राशन दे रही है। 80 करोड़ लाभार्थियों को 19 महीनों से खाद्यान्न वितरित करने हेतु 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के खर्च के साथ भारत में आज दुनिया का सबसे बड़ा फूड डिस्ट्रिब्यूशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए……इस योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया है।

कोरोना काल में गरीब के स्वाभिमान और उसके रोजगार की रक्षा करने के लिए सरकार प्रधानमंत्री-स्वनिधि योजना भी चला रही है। यह योजना हमारे रेहड़ी-पटरी वाले भाइयों-बहनों के लिए बहुत सहायक सिद्ध हो रही है। इस योजना के तहत अब तक 28 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को 29 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि जारी की गई है। सरकार अब इन स्ट्रीट वेंडर्स को ऑनलाइन फूड डिलिवरी करने वाली कंपनियों के साथ भी जोड़ रही है। श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने ई-श्रम पोर्टल भी शुरू किया है, जिससे अब तक 23 करोड़ से अधिक श्रमिक जुड़ चुके हैं।

जनधन-आधार-मोबाइल अर्थात JAM ट्रिनिटी को मेरी सरकार ने जिस तरह नागरिक सशक्तीकरण से जोड़ा है, उसका प्रभाव भी हम लगातार देख रहे हैं। 44 करोड़ से अधिक गरीब देशवासियों के बैंकिंग सिस्टम से जुड़ने के कारण महामारी के दौरान करोड़ों लाभार्थियों को सीधे कैश ट्रान्सफर का लाभ मिला है।

दिसम्बर 2021 में, देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन UPI के माध्यम से हुआ है। यह इस बात का उदाहरण है कि हमारे देश में जन-सामान्य द्वारा, बदलाव और तकनीक को बहुत तेजी से अपनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक दो करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिल चुके हैं। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’ के तहत गत तीन वर्षों में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लागत से एक करोड़ सत्रह लाख घर स्वीकृत किए गए हैं।

‘हर घर जल’ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू किए गए जल जीवन मिशन ने लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाना शुरू कर दिया है। महामारी की बाधाओं के बावजूद करीब 6 करोड़ ग्रामीण घरों को पेयजल के कनेक्शन से जोड़ा गया है। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे गांव की महिलाओं-बहनों-बेटियों को हुआ है।

ग्रामीण क्षेत्रों में, लोगों को उनकी संपत्ति के दस्तावेज देने के लिए शुरू की गई स्वामित्व योजना….के तहत अब तक 27 हजार गाँवों में 40 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड दिए जा चुके हैं। ये प्रॉपर्टी कार्ड न केवल विवादों को रोकने में सहायक हैं बल्कि गांव के लोगों को बैंकों से मदद मिलना भी आसान हो रहा है।

वैश्विक महामारी के बावजूद साल 2020-21 में हमारे किसानों ने 30 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्न और 33 करोड़ टन से अधिक बागवानी उत्पादों की पैदावार की। सरकार ने रेकॉर्ड उत्पादन को ध्यान में रखते हुए रेकॉर्ड सरकारी खरीद की है। रबी की फसल के दौरान 433 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई जिससे लगभग 50 लाख किसानों को सीधा फायदा पहुंचा है। खरीफ की फसल के दौरान रेकॉर्ड लगभग 900 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जिससे एक करोड़ तीस लाख किसान लाभान्वित हुए।

सरकार के प्रयासों से देश का कृषि निर्यात भी रेकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है। वर्ष 2020-21 में कृषि निर्यात में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। यह निर्यात लगभग 3 लाख करोड़ रुपए पहुँच गया है। हॉर्टिकल्चर और शहद उत्पादन भी किसानों के लिए आमदनी के नए स्रोतों और बाज़ार तक उनकी बढ़ती पहुँच के महत्वपूर्ण माध्यम हैं।

किसानों को उनकी फसल के अधिक दाम मिलें……इस दिशा में सरकार ने किसान रेल सेवा शुरू करते हुए किसानों के लिए खुशहाली के नए रास्ते खोलने का काम किया है। कोरोना काल में भारतीय रेल ने सब्जियों, फलों तथा दूध जैसी, जल्दी खराब होने वाली खाद्य सामग्री के परिवहन के लिए, 150 से अधिक मार्गों पर 1900 से ज्यादा किसान रेल चलाईं और करीब 6 लाख मीट्रिक टन कृषि उत्पादों की ढुलाई की।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं…..फसल बीमा योजना में नए बदलावों का लाभ भी देश के छोटे किसानों को हुआ है। इन बदलावों के बाद से अब तक 8 करोड़ से अधिक किसानों को मुआवजे के तौर पर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी जा चुकी है।

एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इनफ्रास्ट्रक्चर फ़ंड के अंतर्गत हजारों परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। मेरी सरकार ने खाद्य तेल में आत्म-निर्भरता को ध्यान में रखते हुए 11 हजार करोड़ रुपए की लागत से National Mission on Edible Oils – Oil Palm की शुरुआत भी की है। सरकार ऑर्गेनिक खेती, प्राकृतिक खेती और crop diversification जैसे विशेष प्रयास भी कर रही है।

यह आप सभी की जानकारी में है कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को International Year of Millets के रूप में घोषित किया है। मेरी सरकार International Year of Millets को देश के किसानों, सेल्फ हेल्प ग्रूप्स, FPOs, फूड इंडस्ट्री और जन-सामान्य के साथ मिलकर व्यापक स्तर पर मनाएगी।

दिव्यांग-जनों के लिए….सुगम्य भारत अभियान हमारी राष्ट्रीय संवेदना का परिचय दे रहा है। दिव्यांग-जनों का जीवन बदलने के लिए देश में निःशुल्क सहायक उपकरणों से लेकर कॉकलियर इम्प्लान्ट सर्जरी जैसे प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत अब तक 25 लाख से अधिक दिव्यांग व्यक्तियों को सहायता उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं, और करीब 4 हजार सफल कॉकलियर इम्प्लान्ट किए गए हैं। इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने मध्य प्रदेश में National Institute of Mental Health Rehabilitation की स्थापना भी की है। दिव्यांग युवाओं के भविष्य के लिए 10 हजार शब्दों की इंडियन साइन लैंग्वेज डिक्शनरी भी बनाई गई है।

हमारा स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम, हमारे युवाओं के नेतृत्व में तेजी से आकार ले रही अनंत नई संभावनाओं का उदाहरण है। वर्ष 2016 से हमारे देश में 56 अलग-अलग सेक्टर्स में 60 हजार नए स्टार्ट-अप्स बने हैं। इन स्टार्ट-अप्स के जरिए छह लाख से अधिक रोजगारों का सृजन हुआ है। वर्ष 2021 में कोरोना काल में भारत में 40 से अधिक यूनिकॉर्न-स्टार्ट-अप अस्तित्व में आए जिनमें से प्रत्येक का मूल्य 7,400 करोड़ रुपए से अधिक आंका गया है।

मेरी सरकार की नीतियों की वजह से आज भारत उन देशों में है जहां इंटरनेट की कीमत सबसे कम है, तथा स्मार्ट फोन की कीमत भी सबसे कम है। इसका बहुत बड़ा लाभ भारत की नौजवान पीढ़ी को मिल रहा है। भारत 5G मोबाइल कनेक्टिविटी पर भी तेजी से काम कर रहा है जिससे अनेक नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।

सरकार ने Start-ups Intellectual Property Protection Program के माध्यम से पेटेंट और ट्रेडमार्क से जुड़ी प्रक्रियाओं को आसान बनाया है, उन्हें नई गति दी है। इसी का परिणाम है कि इस वित्त-वर्ष में पेटेंट के लिए लगभग 6 हजार और ट्रेडमार्क के लिए 20 हजार से ज्यादा आवेदन किए गए हैं।

देश में GST कलेक्शन पिछले कई महीनों से निरंतर, एक लाख करोड़ रुपए से ऊपर बना हुआ है। इस वित्त-वर्ष के पहले सात महीनों में 48 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आना, इस बात का प्रमाण है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशक भारत के विकास को लेकर बहुत आश्वस्त हैं।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी इस समय 630 बिलियन डॉलर से ऊपर है। हमारा निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है और पिछले रिकार्ड टूट रहे हैं। 2021 में अप्रैल से दिसम्बर के दौरान भारत का Goods निर्यात लगभग 300 बिलियन डॉलर यानि 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है, जोकि 2020 की इसी अवधि की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा है।

मेरी सरकार ने manufacturing sector में मौजूद संभावनाओं को साकार करने और युवाओं को नए अवसर देने के लिए एक लाख सत्तानवे हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश से 14 महत्वपूर्ण PLI स्कीम्स शुरू की हैं। ये PLI स्कीम्स, न केवल भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी बल्कि रोजगार के 60 लाख से अधिक अवसर भी उपलब्ध कराएंगी।

देश में मोबाइल उत्पादन की सफलता, मेक इन इंडिया का एक बड़ा उदाहरण है। आज भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा है। इससे भारत के लाखों युवाओं को रोजगार भी मिला है।

हमारा देश इलेक्ट्रॉनिक और टेक्नॉलॉजी हार्डवेयर के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बने, इसके लिए सरकार ने silicon और compound semi-conductor fabrication, display FAB, chip design और इनसे जुड़े ventures के लिए हाल ही में 76,000 करोड़ रुपए का पैकेज भी घोषित किया है।

मेरी सरकार द्वारा वस्त्र उद्योग के विकास के लिए करीब 4500 करोड़ रुपए के निवेश से 7 मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन और ऐपरल पार्क बनाए जा रहे हैं। इससे देश में integrated textile value chain तैयार होगी। ये मेगा टेक्सटाइल पार्क्स भारतीय तथा विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित करेंगे, और रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा करेंगे।

कोरोना काल में MSMEs को संकट से बचाने और जरूरी क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपए के Collateral Free Loans की व्यवस्था की।….इस योजना की सहायता से साढ़े 13 लाख MSME यूनिट्स को जीवनदान दिया गया और डेढ़ करोड़ रोजगार भी सुरक्षित किए गए। जून 2021 में सरकार, 3 लाख करोड़ रुपए की इस गारंटी को बढ़ाकर साढ़े चार लाख करोड़ रुपए कर चुकी है।

आज़ादी की लड़ाई में बापू के नेतृत्व में देश की चेतना का प्रतीक रही खादी एक बार फिर छोटे उद्यमियों का संबल बन रही है। सरकार के प्रयासों से 2014 की तुलना में देश में खादी की बिक्री तीन गुना बढ़ी है।

मेरी सरकार ने इनफ्रास्ट्रक्चर-विकास के कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए अलग-अलग मंत्रालयों के कामकाज को प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के रूप में एक साथ जोड़ा है। यह प्लान भारत में मल्टी-मोडल-ट्रान्सपोर्ट के एक नए युग का प्रारम्भ करने जा रहा है। भविष्य के भारत में रेलवेज़, हाइवेज़ और एयरवेज़ अलग-अलग और अलग-थलग infrastructure नहीं होंगे, बल्कि एक देश के एकजुट संसाधन के तौर पर काम करेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, संसाधनों और इनफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से देश की उन संभावनाओं को उड़ान मिल रही है जो दशकों से उपेक्षित पड़ी थीं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं। वर्ष 2020-21 में ग्रामीण इलाकों में 100 किलोमीटर प्रति दिन से अधिक की रफ्तार से 36 हजार 500 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं और हजारों रिहायशी क्षेत्रों को all weather road connectivity से जोड़ा गया है।

आज देश के नेशनल हाइवेज़ भी – पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण – पूरे देश को एक साथ जोड़ रहे हैं। मार्च 2014 में हमारे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 90 हजार किलोमीटर थी, जबकि आज उनकी लंबाई बढ़कर एक लाख चालीस हजार किलोमीटर से अधिक हो गई है।

भारतमाला परियोजना के अंतर्गत लगभग 6 लाख करोड़ रुपए की लागत से 20,000 किलोमीटर से अधिक लंबाई के राजमार्गों पर काम किया जा रहा है। इनमें 23 ग्रीन एक्सप्रेस-वेज़ और ग्रीन-फील्ड कॉरिडोर्स का विकास भी शामिल है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भी पूरा होने के करीब है, जोकि भारत का सबसे लंबा और सबसे तेज एक्सप्रेस-वे होगा। मेरी सरकार को पंढरपुर तीर्थ को जोड़ने वाले संत ज्ञानेश्वर मार्ग और संत तुकाराम पालकी मार्ग के चौड़ीकरण का काम शुरू करने का सौभाग्य भी मिला है।

Border Roads Organisation – BRO ने लद्दाख में उमलिंग ला दर्रा पर 19 हजार फीट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे ऊंची परिवहन योग्य सड़क का निर्माण किया है। लद्दाख के देमचोक, उत्तराखंड के जोलिंग कोंग और अरूणाचल प्रदेश के हुरी जैसे सर्वाधिक दूरस्थ गांवों को भी आधुनिक सड़कों से जोड़ा गया है।

मेरी सरकार, भारतीय रेलवे का भी तेज गति से आधुनिकीकरण कर रही है। नई वंदे भारत ट्रेनें तथा नए विस्टाडोम कोच, भारतीय रेल की आभा में वृद्धि कर रहे हैं। बीते सात वर्षों में 24 हजार किलोमीटर रेलवे रूट का विद्युतीकरण हुआ है। नई रेलवे लाइन्स बिछाने और दोहरीकरण का काम भी तेज गति से जारी है। गुजरात में गांधीनगर रेलवे स्टेशन और मध्य प्रदेश में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन आज आधुनिक भारत की नई तस्वीर के रूप में सामने आए हैं। कश्मीर में चिनाब नदी पर निर्मित हो रहा रेलवे आर्च ब्रिज, आकर्षण का केंद्र बन रहा है।

मेरी सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग का जीवन आसान बनाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा बढ़ाने में भी असाधारण काम किया है। देश में 11 नई मेट्रो लाइन्स पर सेवाएँ शुरू की गई हैं, जिनका लाभ 8 राज्यों में लाखों लोगों को हर दिन मिल रहा है। भारत आज दुनिया के चार सबसे बड़े ड्राईवर-लेस ट्रेन नेटवर्क वाले देशों में भी शामिल हो गया है। हमने देश में Indigenous Automatic Train System भी विकसित किया है जोकि मेक इन इंडिया की बढ़ती क्षमता का प्रतीक है।

सरकार ने देश में 21 ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स के निर्माण के लिए भी मंजूरी दी है। इनमें से देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में बन रहा है।

देश के महत्वपूर्ण कारोबारी क्षेत्रों को बन्दरगाहों से जोड़ने के लिए सागरमाला कार्यक्रम के अन्तर्गत 80 से अधिक कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर भी काम हो रहा है। अब तक 24 राज्यों में 5 मौजूदा राष्ट्रीय जलमार्गों और 106 नए जलमार्गों सहित कुल 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है। इनमें से 23 जलमार्गों के जरिए माल-परिवहन भी हो सकेगा। आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में सरकार द्वारा 27 हजार सर्किट किलोमीटर से ज्यादा ट्रांसमिशन लाइन्स भी बिछाई गई हैं।

नए लेबर रिफॉर्म्स से लेकर बैंकिंग रिफॉर्म्स और Insolvency and Bankruptcy Code तक, सुधारों का यह क्रम बिना रुके, अनवरत चल रहा है। विगत वर्ष, केंद्र और राज्यों के अलग-अलग विभागों में 26 हजार से ज्यादा compliances की आवश्यकता को घटाया जा चुका है। देश में स्पेस को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलकर संभावनाओं का अनंत आकाश भी उपलब्ध करा दिया गया है। पिछले साल भारत की अन्तरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाने के लिए IN-SPACE का गठन किया जाना ऐसा ही एक प्रमुख कदम है।

तेजी से विकसित हो रही ड्रोन टेक्नॉलॉजी और इससे जुड़ी संभावनाओं को लेकर भी मेरी सरकार सजग और सक्रिय है। इस दिशा में सरकार ने Simplified Drone Rules 2021 को अधिसूचित किया है, और ड्रोन व ड्रोन-कलपुर्ज़ों के देश में निर्माण के लिए PLI योजना भी शुरू की है। इससे देश को भविष्य की इस महत्वपूर्ण टेक्नॉलॉजी में अपनी स्थिति को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

वर्ष 2020-21 में सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए जो भी स्वीकृतियां प्रदान की गईं, उनमें 87 प्रतिशत उत्पादों में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी गई।

हमारी सेनाओं ने 209 ऐसे साजो-सामान की सूची भी जारी की है जिन्हें अब विदेश से नहीं खरीदा जाएगा। रक्षा उपक्रमों द्वारा 2800 से ज्यादा ऐसे उपकरणों की सूची ज़ारी की जा चुकी है जिनका देश में ही निर्माण किया जायेगा।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 83 एलसीए तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट के निर्माण हेतु अनुबंध किए गए हैं। सरकार ने ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रियों को 7 Defence PSUs का रूप देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

तेजी से उभरते वैश्विक परिवेश में भारत ने अपने राजनयिक संबंधों को बेहतर बनाते हुए अपनी स्थिति को मजबूत किया है। अगस्त, 2021 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की अध्यक्षता की, और इस दौरान कई अभूतपूर्व निर्णय लिए गए। भारत की अध्यक्षता में ही सुरक्षा परिषद् ने पहली बार समुद्री सुरक्षा के विषय पर अपने एजेंडा आयटम के अंतर्गत समग्र रूप से विचार-विमर्श किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने इस विषय पर पहली बार एक Presidential Statement को सर्व-सम्मति से adopt भी किया।

हमने अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान में अस्थिरता और नाजुक हालात को भी देखा है। भारत ने इन परिस्थितियों में मानवता को सर्वोपरि रखते हुए ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ को संचालित किया। हमने अनेक चुनौतियों के बावजूद, हमारे कई नागरिकों और कई अफगान–हिन्दू-सिख-अल्पसंख्यकों को काबुल से सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट किया। हम उन कठिन हालात के बीच से पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के दो स्वरूपों को भी सुरक्षित भारत लेकर आए। मानवीयता की दृष्टि से भारत, अफगानिस्तान में मेडिकल सप्लाई और अनाज पहुंचाने में भी मदद कर रहा है।

वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के सामने बड़ी चुनौती है। भारत इस विषय पर एक जिम्मेदार वैश्विक आवाज बनकर उभरा है। CoP-26 शिखर सम्मेलन में मेरी सरकार ने घोषणा की है कि वर्ष 2030 तक भारत अपने कार्बन उत्सर्जन को एक बिलियन टन से घटा देगा। भारत ने साल 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी रखा है।

यह गौरव की बात है कि धौलावीरा की हड़प्पा साइट और तेलंगाना स्थित 13वीं शताब्दी के काकतीय रूद्रेश्वर रामप्पा मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। प्रयागराज कुंभ मेले के बाद यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में कोलकाता की प्रतिष्ठित दुर्गा पूजा को भी शामिल किया गया है।

जम्मू कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में विकास के नए युग का आरंभ इसका एक बड़ा उदाहरण है। मेरी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए लगभग 28 हजार करोड़ रुपए की लागत से नई सेंट्रल सेक्टर स्कीम शुरू की है। पिछले वर्ष काजीगुंड-बनिहाल सुरंग को भी यातायात के लिए खोल दिया गया है। श्रीनगर से शारजाह तक की अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू हो गई हैं।

जम्मू-कश्मीर…हाँ सात मेडिकल कॉलेजों के अलावा, दो एम्स का कार्य प्रगति पर है, जिनमें से एक एम्स जम्मू में और एक कश्मीर में है। आई.आई.टी. जम्मू और आई.आई.एम. जम्मू का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है।

लद्दाख संघ राज्यक्षेत्र में इनफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक विकास को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सिंधु इनफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की स्थापना की गई है। लद्दाख की इस विकास-यात्रा में एक और उपलब्धि सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी के रूप में जुड़ रही है।

मेरी सरकार पूर्वोत्तर के सभी राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इन राज्यों में हर स्तर पर बुनियादी और आर्थिक अवसरों का विकास किया जा रहा है। रेल और हवाई कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं का सपना पूर्वोत्तर के लोगों के लिए अब साकार हो रहा है।

ईटानगर के होलोंगी में, एक नए एयरपोर्ट की स्थापना की जा रही है। हाल ही में त्रिपुरा राज्य के ‘महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट’ में एक नया और आधुनिक टर्मिनल खोला गया है। पूर्वोत्तर का यह विकास भारत की विकास यात्रा का एक स्वर्णिम अध्याय सिद्ध होगा।

पूर्वोत्तर में शांति स्थापना के लिए मेरी सरकार के प्रयासों को ऐतिहासिक सफलता प्राप्त हुई है। अभी कुछ महीने पहले ही कार्बी-आंगलोंग के दशकों पुराने विवाद को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार, असम की राज्य सरकार एवं कार्बी समूहों के बीच समझौता हुआ है। इससे इस क्षेत्र में शांति और खुशहाली का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से आज देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी 126 से घटकर 70 रह गई है।

मिशन कर्मयोगी’ के अंतर्गत, सिविल सर्वेंट्स की क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार ने Capacity Building Commission की स्थापना की है। ‘मिशन कर्मयोगी’, सिविल सर्वेंट्स के करियर में भी सहायक होगा, और राष्ट्र निर्माण की नई जिम्मेदारियों के लिए उन्हें तैयार भी करेगा।

न्याय प्राप्ति को सरल और सुगम बनाने के लिए भी देश में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। टेली-लॉ प्रोग्राम के माध्यम से, मुकदमों से पहले सलाह देने के लिए एक प्लेटफॉर्म का गठन किया गया है। विवादों के निपटारे में गति लाने के लिए मेरी सरकार ने राज्य सभा में ‘मध्यस्थता विधेयक, 2021’ पेश किया है।