भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन, 10 अगस्त से आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में थे भर्ती
बीते कुछ समय से बीमार चल रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने यह जानकारी दी। 10 अगस्त से वे दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती थे। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। आज सुबह ही अस्पताल की तरफ से बताया गया था कि उनके फेफड़ों में संक्रमण की वजह से वह सेप्टिक शॉक में थे। प्रणब ने 10 तारीख को ही खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की बात भी कही थी। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी के परिवार में दो बेटे और एक बेटी हैं। मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में वर्ष 2012 से 2017 तक पद पर रहे। राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी ने जताया शोक।
प्रणब को पिछले साल भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया था। प्रणब का जन्म ब्रिटिश दौर की बंगाल प्रेसिडेंसी (अब पश्चिम बंगाल) के मिराती गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए किया। वे डिप्टी अकाउंट जनरल (पोस्ट एंड टेलीग्राफ) में क्लर्क भी रहे। 1963 में वे कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे। प्रणब के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1969 में हुई। 1969 में प्रणब राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए चुने गए।