विविधसम्पादकीय

शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की जयंती मनाई गई

पटना। उर्दू और फ़ारसी के सर्वाधिक मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की 224वीं जयंती का आयोजन वर्मा सेंटर स्थित इंस्टीटूट ऑफ फिजिक्स, बोरिंग रोड में किया गया। इस अवसर पर शायर क़ासिम ख़ुर्शीद, संजय कुमार कुंदन, राज्य-कर सहायक आयुक्त समीर परिमल, बीएसएफ के हेड कमांडेंट मुन्ना सिंह, पटना कॉलेज के प्रोफेसर अजय कुमार समेत कई गणमान्य मौज़ूद रहे। क़ासिम खुर्शीद ने मिर्ज़ा ग़ालिब से जुड़े कई किस्से सुनाए। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं ये ग़ालिब की ही देन है कि हम यहाँ शायरी कर रहे हैं। संजय कुमार कुंदन ने इस मौके पर कहा कि ग़ालिब बहुत बड़े शायर थे। हमें उनको पढ़ने और समझने की ज़रूरत है। इस अवसर पर शायर समीर परिमल ने ग़ालिब के शेर पढ़े, साथ ही अपनी ग़ज़लें सुनाईं –

“मुझे शोहरत अता की ज़हर रुसवाई का पीकर भी
मेरे वालिद के भीतर भी कोई शंकर रहा होगा

तेरी बुनियाद में शामिल कई मासूम चीख़ें हैं
इमारत बन रही होगी तो क्या मंज़र रहा होगा’

कार्यक्रम का संचालन किया जयदेव मिश्रा तथा मुकेश ओझा ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर अंकित मौर्य, अमृतेश मिश्रा, सिमरन राज, सलमान अशहदी साहिल, इरशाद आलम, आदित्य रंजन, मिथिलेश वत्स, राम सिंगार चौहान, पवन शुक्ला आदि ने भी अपने शानदार कलाम सुनाए।