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पीएम मोदी 27 व 28 अक्टूबर को आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

पीएम मोदी 28 अक्टूबर को वर्चुअल आयोजित होने वाले 18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को बताया कि ब्रुनेई के सुल्तान के निमंत्रण पर पीएम मोदी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष अथवा शासनाध्यक्ष भाग लेंगे।

इन मुद्दों पर होगा विचार

18वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी की स्थिति की समीक्षा करेगा और कोविड-19 और स्वास्थ्य, व्यापार और वाणिज्य, कनेक्टिविटी और शिक्षा और संस्कृति सहित प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति का जायजा लेगा। महामारी के बाद आर्थिक सुधार सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास पर भी चर्चा की जाएगी।

9वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी

आसियान-भारत शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित किए जाते हैं और दोनों पक्षों को उच्चतम स्तर पर जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष नवंबर में वर्चुअल आयोजित 17वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। यह नौवां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन होगा जिसमें पीएम मोदी भाग लेंगे।

आसियान-भारत संबंध के 30 वर्ष होंगे पूरे

आसियान-भारत सामरिक साझेदारी साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों की मजबूत नींव पर खड़ी है। आसियान हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक के हमारे व्यापक दृष्टिकोण का केंद्र है। वर्ष 2022 आसियान-भारत संबंधों के 30 वर्ष पूरे करेगा। भारत और आसियान में कई नियमित संवाद तंत्र हैं । इनमें शिखर सम्मेलन, मंत्रिस्तरीय बैठकें और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकें शामिल हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अगस्त 2021 में आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक और ईएएस विदेश मंत्रियों की बैठक में वर्चुअली भाग लिया था। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सितंबर 2021 में वर्चुअल आयोजित आसियान आर्थिक मंत्रियों तथा भारत परामर्श में भाग लिया, जहां मंत्रियों ने आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

पीएम मोदी 16वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी लेंगे भाग

पीएम मोदी 27 अक्टूबर को होने वाले 16वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी वर्चुअल रूप से शामिल होंगे। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन इंडो-पैसिफिक में प्रमुख नेताओं के नेतृत्व वाला मंच है। 2005 में अपनी स्थापना के बाद से, इसने पूर्वी एशिया के रणनीतिक और भू-राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 10 आसियान सदस्य देशों के अलावा, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं।

क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय हित पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का संस्थापक सदस्य होने के नाते, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को मजबूत करने और समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह हिन्द-प्रशांत और हिन्द-प्रशांत समुद्री पहल में आसियान केन्द्रित व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। 16वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में, नेता समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, कोविड-19 सहयोग सहित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय हित और चिंता के मामलों पर चर्चा करेंगे। नेताओं से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे मानसिक स्वास्थ्य, पर्यटन के माध्यम से आर्थिक सुधार और ग्रीन रिकवरी पर घोषणाओं को स्वीकार करें, जिन्हें भारत द्वारा सह-प्रायोजित किया जा रहा है।