कौशल दीक्षांत समारोह में PM मोदी बोले- युवा, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ के कर्णधार
पीएम मोदी ने शनिवार को विश्वकर्मा जयंती के विशेष अवसर पर ‘कौशल दीक्षांत समारोह’ में देशभर के ITI के छात्र-छात्राओं को विशेष संदेश दिया। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरा सौभाग्य है कि मुझे देशभर के लाखों ITI के छात्र-छात्राओं से बातचीत करने का अवसर मिला है।
ITI के 9 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का कौशल दीक्षांत समारोह
पीएम मोदी ने कहा, 21 वीं सदी में आगे बढ़ रहे हमारे देश में आज एक नया इतिहास रचा गया है। पहली बार ITI के 9 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का कौशल दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है। 40 लाख से ज्यादा स्टूडेंट हमारे साथ वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े हुए हैं। पीएम मोदी इस सभी को कौशल दीक्षांत समारोह की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी।
विश्वकर्मा जयंती कौशल की प्राण प्रतिष्ठा का पर्व
उन्होंने कहा, विश्वकर्मा जयंती कौशल की प्राण प्रतिष्ठा का पर्व है। जैसे मूर्तिकार कोई मूर्ति बनाता है लेकिन जब तक उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती वो भगवान का रूप नहीं कहलाती। आज हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज विश्वकर्मा जयंती के दिन आपके कौशल की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, आपके कौशल को मान्यता मिल रही है।
विश्वकर्मा जयंती सच्चे अर्थ में श्रम करने वाले व्यक्ति का सम्मान
पीएम मोदी ने बताया कि विश्वकर्मा जयंती सच्चे अर्थ में श्रम करने वाले व्यक्ति का सम्मान है, श्रमिक का दिन है। हमारे यहां श्रमिक के कौशल में ईश्वर का अंश देखा गया है, उसे विश्वकर्मा के रूप में देखा गया है। यानि आपके पास आज जो कौशल है, स्किल है, उसमें भी कहीं न कहीं ईश्वर का अंश है। मैं समझता हूं कि यह आयोजन भग्वान विश्वकर्मा को हमारी एक भावभिनि कौशलांजिली की तरह है। कौशलांजिली कहो या कर्मांजिली कहो विश्वकर्मा जयंती से अद्भुत दिवस और क्या हो सकता है। बीते 8 वर्षों में देश ने भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से अनेक नई योजनाएं शुरू की है।
कौशल से नव निर्माण के पथ पर पहला कदम
पीएम मोदी ने कहा आज का दिन सोने में सुहागा है क्योंकि आज भगवान विश्वकर्मा की जयंती भी है और कौशल दीक्षांत समारोह भी। यह कौशल दीक्षांत समारोह अपने कौशल से नव निर्माण के पथ पर आपका पहला कदम और विश्व कर्मा जयंती का पुण्य अवसर कितना अद्भुत संयोग है। पीएम ने कहा, मैं विश्वास से कह सकता हूं कि आपकी ये शुरुआत जितनी सुखद है, आपके आने वाली कल की यात्रा भी उतनी ही सृजनात्मक होगी। इन्हीं शब्दों के साथ पीएम मोदी ने सभी छात्रों और सभी देशवासियों को भगवान विश्वकर्मा की जयंती की शुभकामनाएं दी।
भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से नई योजनाएं की शुरू
पीएम मोदी ने कहा, बीते 8 वर्षों में देश ने भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से नई योजनाएं शुरू की हैं, ‘श्रम एव जयते’ की अपनी परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किया है। आज देश एक बार फिर स्किल को सम्मान दे रहा है, स्किल डवलपमेंट पर भी उतना ही जोर दे रहा है।
बीते 8 वर्षों में ITI’s में 4 लाख से ज्यादा नई सीटें जोड़ी गईं
उन्होंने बताया कि हमारे देश में पहला ITI, 1950 में बना था। इसके बाद के सात दशकों में 10 हजार ITI’s बने। हमारी सरकार के 8 वर्षों में देश में करीब-करीब 5 हजार नए ITI’s बनाए गए हैं। बीते 8 वर्षों में ITI’s में 4 लाख से ज्यादा नई सीटें भी जोड़ी गई हैं।
स्किल डवलपमेंट के साथ ही, युवाओं में सॉफ्ट स्किल्स का होना जरूरी
पीएम मोदी ने कहा, स्किल डवलपमेंट के साथ ही, युवाओं में सॉफ्ट स्किल्स का होना भी उतना ही जरूरी है। ITIs में अब इस पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। युवा जब स्किल के साथ सशक्त होकर निकलता है, तो उसके मन में ये विचार भी होता है कि कैसे वो अपना काम शुरू करें। स्वरोजगार की इस भावना को सहयोग देने के लिए, आज आपके पास बिना गारंटी लोन दिलाने वाली मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं की ताकत भी है।
युवा, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ के कर्णधार
पीएम मोदी बोले, आप सभी युवा, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ के कर्णधार हैं। आप भारत के उद्योग जगत की बैकबोन की तरह हैं और इसलिए विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में, आपकी बड़ी भूमिका है।
आपने आज जो सीखा है, वो आपके भविष्य का आधार जरूर बनेगा, लेकिन आपको भविष्य के हिसाब से अपने कौशल को अपग्रेड भी करना पड़ेगा इसलिए, बात जब स्किल की होती है, तो आपका मंत्र होना चाहिए- ‘स्किलिंग’, ‘री-स्किलिंग’ और ‘अप-स्किलिंग’।