पीएम मोदी ने UP को दी नौ मेडिकल कॉलेजों की सौगात, कहा- ‘बनेगा पूर्वी भारत का मेडिकल हब’
पीएम मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर की धरती से राज्य को नौ मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी। इसी के साथ अब सिद्धार्थ नगर के अलावा, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, फतेहपुर और जौनपुर में मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ होगा। इन पर 2,329 करोड़ रुपए की लागत आई है। इन सभी मेडिकल कॉलेज में इसी सत्र से 100-100 सीटों पर MBBS की कक्षाएं शुरू होंगी।
निश्चित तौर पर यह सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा दिन साबित हुआ। खास तौर से स्वास्थ्य के मोर्चे पर बात की जाए, तो स्वस्थ भारत बनाने का पीएम मोदी का सपना पूरा करने के लिए भारत ने आज बड़ा कदम उठाया। बीते 7 वर्ष में खासतौर से हेल्थ सेक्टर की बात करें तो भारत के लिए यह बहुत बेहतरीन वर्ष साबित हुए हैं। चाहें ‘आयुष्मान भारत’ कार्यक्रम के जरिए 50 करोड़ से भी ज्यादा जो देश के नागरिक हैं, उनको हेल्थ इंश्योरेंस पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज सालाना देने की बात हो या फिर डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने की बात हो, पौने दो सौ से ज्यादा मेडिकल कॉलेज जो पहले से ही स्थापित हो चुके हैं। उस ही कड़ी में आज पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन भी लॉन्च हो रहा है, यह भी निश्चित तौर पर कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि यह देशवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान देने वाला है। इसके जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में मौजूद गैप को पाटने की भी कोशिश होगी।
केंद्र सहायतित योजना फेज-2 के अंतर्गत 2,329 करोड़ की लागत से बनने वाले नव निर्मित माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थनगर और इसके साथ ही 8 अन्य स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज के लोकार्पण समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया भी मौजूद रहे।
आजादी से 2017 तक केवल 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे
उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत को दुनिया के सामने न केवल एक भारत और श्रेष्ठ भारत, बल्कि स्वस्थ भारत और समर्थ भारत के रूप में रखने का कार्य पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहा है। प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। 1947 के पहले उत्तर प्रदेश में 3 से 4 मेडिकल कॉलेज थे। 1947 से 2017 तक सरकारी क्षेत्र में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। 70 वर्षों में 12 मेडिकल कॉलेज और पीएम मोदी के सहयोग से उत्तर प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया आज का दिन
वहीं पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, आज का दिन पूर्वांचल के लिए, पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। आपके लिए एक उपहार लेकर आया है। यहां सिद्धार्थनगर में यूपी के 9 मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हो रहा है। इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए बहुत जरूरी ऐसा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की एक बहुत बड़ी योजना शुरू होने जा रही है। उस बड़े काम के लिए मैं यहां से आपका आशीर्वाद लेने के बाद, इस पवित्र धरती का आर्शीवाद लेने के बाद, आपसे संवाद करने के बाद काशी जाऊंगा और काशी में उस कार्यक्रम को लॉन्च करूंगा।
अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल
पीएम मोदी ने कहा, आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है। सिद्धार्थ नगर ने भी स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है। माधव बाबू ने राजनीति में कर्मयोग की स्थापना के लिए पूरा जीवन खपा दिया। यूपी भाजपा के पहले अध्यक्ष के रूप में, केंद्र में मंत्री के रूप में उन्होंने विशेष रूप से पूर्वांचल के विकास की चिंता की। इसलिए सिद्धार्थ नगर के मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके प्रति, सेवा भाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है। माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा। यूपी और पूर्वांचल में आस्था, अध्यात्म और सामाजिक जीवन से जुड़ी बहुत विस्तृत विरासत है। इस विरासत को स्वस्थ, सक्षम और समृद्ध उत्तर प्रदेश के भविष्य के साथ भी जोड़ा जा रहा है।
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, आज जिन 9 जिलों में मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया गया है उनमें यह दिखता भी है। सिद्धार्थ नगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज, मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज, प्रतापगढ़ में डॉ. सोनेलाल पटेल मेडिकल कॉलेज, एटा में वीरांगना अवंतीबाई लोधी मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर में महान योद्धा अमर शहीद जोधा सिंह और ठाकुर दरिया सिंह के नाम पर मेडिकल कॉलेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज और हरदोई में मेडिकल कॉलेज अब पूर्वांचल के कोटी-कोटी जनों की सेवा करने के लिए तैयार है। 9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हजार नए बेड्स तैयार हुए हैं, 5 हजार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल के लिए रोजगार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है।
बनेगा पूर्वी भारत का मेडिकल हब
पीएम मोदी ने कहा, जिस पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने बीमारियों से जूझने के लिए छोड़ दिया था, वही अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा। अब देश को बीमारियों से बचाने वाले अनेक डॉक्टर यह धरती देश को डॉक्टर देने वाली है। जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी, जिस पूर्वांचल को दिमागी बुखार से हुई दुखद मौतों की वजह से बदनाम कर दिया गया था, वही पूर्वांचल, वही उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।
यूपी की बदहाल मेडिकल व्यवस्था का किया सुधार
यूपी की बदहाल मेडिकल व्यवस्था में किए गए सुधारों को लेकर पीएम मोदी ने यूपी सरकार की तारीफ करते हुए कहा, यूपी के भाई-बहन भूल नहीं सकते कि कैसे योगी जी ने संसद में यूपी की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी। योगी जी तब मुख्यमंत्री नहीं थे, सांसद थे। आज यूपी के लोग ये भी देख रहे है कि जब योगी जी को जनता-जनार्दन ने सेवा का मौका दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया, इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो तो इसी तरह काम होता है।
इस कष्ट को मैंने भी भोगा
आगे जोड़ते हुए वे बोले, हमारे देश में आजादी के पहले और उसके बाद भी मूलभूत चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को कभी प्राथमिकता नहीं दी गई। अच्छा इलाज चाहिए तो बड़े शहर जाना होगा। अच्छे डॉक्टर से इलाज कराना है तो बड़े शहर जाना होगा। रात-बिरात किसी की तबीयत खराब हो गई तो गाड़ी का इंतजाम करो और शहर की तरफ लेकर भागो, हमारे गांव देहात की यही सच्चाई रही है। गांवों के कस्बों में जिला, मुख्यालय तक में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुश्किल से ही मिलती थी। इस कष्ट को मैंने भी भोगा है, महसूस किया है।
आधुनिकता लाने के लिए किया एक महायज्ञ शुरू
पीएम मोदी ने कहा, देश के गरीब, दलित, शोषित, वंचित, देश के किसान, गांवों के लोग छोटे-छोटे बच्चों को सीने से लगाए इधर-उधर दौड़ रही माताएं हमारे बुजुर्ग जब स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं के लिए सरकार की तरफ देखते थे तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती थी। इसी निराशा को मेरे गरीब भाई बहनों ने अपनी नीति मान ली थी। जब 2014 में आपने मुझे देश की सेवा का अवसर दिया तब पहले की स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार ने दिन-रात एक कर दिए। जनमानस के कष्ट को समझते हुए सामान्य मानवीय के पीड़ा को समझते हुए उसके दुख दर्द को साझा करने में हम भागीदार बने। हमने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए, आधुनिकता लाने के लिए एक महायज्ञ शुरू किया, अनेक योजनाएं शुरू की। लेकिन मुझे हमेशा इस बात का अफसोस रहेगा कि यहां पहले जो सरकार थी, उसने हमारा साथ नहीं दिया। विकास के कार्यों को वो राजनीति में ले आई है। केंद्र की योजनाओं को यहां यूपी में आगे नहीं बढ़ने दिया।
पहले भ्रष्टाचार की साइकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी
उद्घाटन स्थल पर मौजूद जनता से हुए पीएम मोदी ने सवाल किया कि क्या कभी किसी को याद पढ़ता है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो? बताइए, क्या कभी ऐसा हुआ है? पहले ऐसा क्यों नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है- राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता। 7 साल पहले जो दिल्ली में सरकार थी और 4 साल पहले जो यहां यूपी में सरकार थी, वो पूर्वांचल में क्या करते थे? जो पहले सरकार में थे, वो वोट के लिए कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाते थे। सालों-साल तक या तो बिल्डिंग ही नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की साइकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी।
7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हजार नई सीटें जोड़ी
2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल की सीटें 90 हजार से भी कम थीं। बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं। यहां उत्तर प्रदेश में भी 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की सिर्फ 1,900 सीटें थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1,900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गई है।