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कई संगठनों ने खोला मोर्चा, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव को हटाने की मांग

पटना: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के कुलसचिव प्रो. नागेन्द्र कुमार झा की नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए विभिन्न संगठनों ने उन्हें पद से हटाने की मांग की है। आरोप है कि प्रो. झा द्वारा दलित एवं पिछड़ा वर्ग विरोधी रवैया अपनाया जा रहा है, जिससे विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण प्रभावित हो रहा है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग संघ (NBCA) ने आरोप लगाया है कि प्रो. झा एक सवर्ण मानसिकता वाले अधिकारी हैं, जो पिछड़े वर्ग, दलित शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों के साथ भेदभाव करते हैं। उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय में जातिगत तनाव और असंतोष का माहौल उत्पन्न हुआ है। संगठन का कहना है कि प्रो. झा की नियुक्ति ने विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान पहुंचाया है, और विभिन्न महाविद्यालयों में छात्र-शिक्षक विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो चुके हैं। ऐसा हीं आरोप राष्ट्रीय चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम शर्मा ने राज्यपाल को पत्र लिख कर लगाया है।

वहीं, दूसरी ओर उन पर भ्रष्टाचार फैलाने और प्रशासनिक माहौल खराब करने के भी आरोप लगाए गए हैं। दस्तावेजों के अनुसार, प्रो. झा के कुलसचिव बनने के बाद से विश्वविद्यालय लगातार विवादों में रहा है। उनका कार्यकाल शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए अनुपयुक्त बताया गया है। उन पर विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुँचाने और शिक्षा मंदिर को बदनाम करने के आरोप भी लगे हैं।

इन सभी मामलों को लेकर राज्य के कई संगठनों ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, उच्च न्यायालय, और सीबीआई को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की है। साथ ही, यह भी अपील की गई है कि प्रो. झा को तत्काल पद से हटाया जाए ताकि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक एवं प्रशासनिक माहौल सामान्य हो सके।

संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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