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केंद्र और राज्य सरकार में बेहतर ताल मेल नहीं होने से चिंतित हैं पप्पू यादव

भारत पोस्ट / मधुप मणि “पिक्कू”

31 मार्च 2020:

वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर पूरा विश्व चिंतित और परेशान है। ऐसे में सरकार के लिए स्थिति को संभालना एक चुनौती से कम नहीं है। केंद्र और राज्य सरकारें अपने स्टार से हालाँकि इस अघोषित युद्ध से जरुर लड़ रही है पर कहीं न कहीं कार्यकलाप में आरोप भी लगातार लग रहे हैं। पिछले दिनों जहाँ नीतीश कुमार ने यूपी सरकार और दिल्ली सरकार पर आरोप लगाये थे, वही आज जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने केंद्र और राज्य पर बेहतर तालमेल नहीं होने का आरोप लगते हुए चिंता व्यक्त किया। इस मुद्दे पर उन्होंने अपने प्रेस बयान में कहा कि केंद्र सरकार से कोरोना से लड़ने के लिए राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय बनाने और उन्हें सभी तरह की डॉक्टरी सुविधा और तकनीक के साथ-साथ जांच का किट उपलब्ध कराए जाने पर बल दिया। साथ ही कहा कि डॉक्टरों के लिए बेहतर सुविधा होने पर ही बेहतर ढंग से ऐसी गंभीर बीमारी का इलाज समुचित ढंग से हो सकता है और इसके लिए केंद्र एवं राज्यों में बेहतर तालमेल की आवश्यकता है, जो अभी तक से दिख नहीं रहा है। जिस कारण बिहार जैसे पिछड़े राज्य में जांच की किट भी ठीक ढंग से उपलब्ध नहीं हो पा रही है, और न ही डॉक्टरों को बेहतर मास्क और न ही भेंटीलेटर (ventilator) की सुविधा मिल पा रही है।

केंद्र सरकार की गलती के कारण अपने वतन में लोग हो रहें हैं दर-बदर

जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि जिस समय विदेशों से लोगों को आने पर रोक लगाकर विमान सेवाएं रोकनी चाहिए थी, उस समय केंद्र सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई जिसका परिणाम आज पूरा देश भुगत रहा है। और आज लोग आंखों में आंसू, पैर में छाले ,पेट में भूख ,कंधों पर बोझ और गोदी में बच्चे लिए अपने वतन में ही दरबदर हो रहे हैं । जहां एक ओर इन्हें मकान मालिक के गुंडों की लाठी से परेशान होना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर दिहाड़ी मजदूरों को ठेकेदारों के माध्यम से उनके मुस्कुराने और जीने की चाहत को खत्म किया जा रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को चाहिए कि इस मामले में गंभीरता दिखाएं और जिन लोगों को लॉक डाउन के अंतर्गत घरों की चारदीवारी में रहने की बात कही जा रही है उन खानाबदोश, बंजारे, दिहाड़ी मजदूर और गरीबों को रहने के लिए एमपी और एमएलए के फ्लैटों में तथा विभिन्न स्कूलों और रैन बसेरों तथा होटलों एवं हॉस्टलों में रहने की सुविधा प्रदान की जाये। साथ ही साथ उनके लिए खाने पीने की व्यवस्था की जाए और उनके परिवार के लिए संबंधित राज्यों की ओर से नगद राशि के साथ साथ राशन की व्यवस्था की जाय, अन्यथा देश में ऐसी स्थिति को देखकर लगता है कि इस बीमारी को रोकने के प्रति केंद्र एवं राज्य में जो समन्वय की स्थिति होनी चाहिए वह दिख नहीं रही है और सिर्फ घोषणाओं पर घोषणाओं से काम नहीं चलने वाला है । इसके लिए संबंधित सरकारों को अमल भी करनी चाहिए गरीबों के लिए बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए संबंधित जनप्रतिनिधि को मदद में आगे आकर उनके लिए सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।

मजदूरों को उसका अधिकार नहीं देने पर हो एफ आई आर दर्ज

श्री यादव ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार ठेकेदारों से पैसा दिलवाने के लिए गंभीरता दिखाए और जो ठेकेदार गरीबों को पैसा नहीं दे रहे हैं मजदूरों को उसका अधिकार नहीं दे रहे हैं उन पर एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए । साथ ही साथ मकान मालिक को को स्पष्ट निर्देश देना चाहिए कि कोई भी मकान मालिक किराया के लिए किराएदार को तंग ना करें उनके देनदारी की व्यवस्था केंद्र एवं राज्य सरकार करेगी। साथ ही साथ मार्च एवं अप्रैल के बिजली बिल को माफ करने, मोबाइल की सुविधा 2 महीने के लिए निशुल्क करने ,सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के साथ-साथ अन्य संस्थाओं को भी 2 महीने का फीस नहीं लिए जाने का स्पष्ट दिशा निर्देश केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा दिया जाना चाहिए, क्योंकि नागरिक सुविधा मिलने पर कोई भी व्यक्ति पलायन नहीं कर सकता है ये राज्य और केंद्र सरकारों को समझना चाहिए।

सभी गरीबों को केंद्र और राज्य सरकार मिल्क कम से कम दस हजार रूपये दें 

साथ ही राशन कार्ड एवं बिना राशन कार्ड के सभी गरीबों को नि:शुल्क राशन की व्यवस्था के साथ-साथ उन्हें आर्थिक सहायता भी दी जानी चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम ₹10000 का केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा मिलकर आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने की मांग की है जिससे कि सभी के अंदर जीवन को जीने की चाहत आ सके क्योंकि कोई भी पेट और भूख के लिए ही मजबूरन सड़कों पर आ रहा है इसके लिए अगर सरकार सजग रहेगी तो कोरोना जैसी गंभीर बीमारी सभी को बचाया जा सकता है इसके लिए संबंधित सरकारों को दायित्व लेना चाहिए।
इन्होंने आगे आगे कहा कि इवेंट मैनेजमेंट वाले नेतागण जब रैली और चुनाव के समय करोड़ों अरबों रुपया पानी की तरह वोट के लिए बहाते हैं तो अभी जो उनके वोटर और सपोर्टर हैं उनके लिए पैसा खर्च करने में कोताही क्यों बरत रहे हैं ये कहीं ना कहीं समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।

एजाज अहमद

सिर्फ सामाजिक डिस्टेंस पैदा करके बीमारी से नहीं लड़ा जा सकता है स्वाभाविक दिल से जुड़ने की प्रक्रिया को सरजमीन पर उतारना होगा – एजाज अहमद

दूसरी ओर पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों को पप्पू यादव के सेवा और संकल्प भाव से सबक लेकर जनता को दिल से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए जिस तरह से वह सड़कों पर अकेले निकल कर लोगों के साथ इमोशनल जुड़ाव कर रहे हैं।

ये सिर्फ भाषण से नहीं बल्कि उनके साथ जुड़ाव करके ही हो सकता है, क्योंकि सिर्फ सामाजिक डिस्टेंस पैदा करके बीमारी से नहीं लड़ा जा सकता है इसके लिए स्वाभाविक दिल से जुड़ने की प्रक्रिया को सरजमीन पर उतारना होगा।

पप्पू यादव की तरह तभी जाकर कोरोना ऐसी बीमारी गंभीर बीमारी पर हमें सफलता मिल सकती है क्योंकि भारत के लोगों ने हमेशा एक दूसरे के दिलों से जुड़कर ही सभी चीजों पर जीत हासिल की है।