सम्पादकीय

जब पंकज उदास से नाराज हो गए थें राजेंद्र कुमार, पंकज उदास के जन्मदिन पर विशेष

“तुम्हारा भाई बदतमीज़ है। उसे ज़रा भी तमीज़ नहीं है। उसके अंदर कोई एटिकेट्स नहीं हैं।” ये बात राजेंद्र कुमार जी ने मनहर उदास जी से फोन पर कही थी। उस वक्त जब वो नाम फिल्म बनाने की प्लानिंग कर रहे थे। लेकिन ये राजेंद्र कुमार की मनहर उदास जी को कई गई फोन कॉल से नहीं, बल्कि उससे भी पहले से शुरू होती है। राजेंद्र कुमार जी ने सलीम खान की लिखी कहानी पर नाम फिल्म बनाने का फैसला किया। और डायरेक्शन का ज़िम्मा दिया महेश भट्ट को। फिल्म में उनका बेटा कुमार गौरव और संजय दत्त मुख्य किरदारों के लिए फाइनल किए गए थे।

नाम के सभी गीत आनंद बक्षी जी ने लिखे थे। और जब उन्होंने ‘चिट्ठी आई है’ गीत लिखकर महेश भट्ट व राजेंद्र कुमार को दिया तो उन्हें वो गीत बहुत प्रभावशाली लगा। नाम का संगीत कंपोज़ करने का ज़िम्मा लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी को दिया गया था। ‘चिट्ठी आई है’ गीत के बारे में जब उनसे मशविरा किया गया तो उन्होंने सजेशन दिया कि इस गीत को किसी रेगुलर प्लेबैक सिंगर से ना रिकॉर्ड कराकर किसी लाइव सिंगर से ही गवाना चाहिए। क्योंकि कहानी के मुताबिक तो फिल्म में ये गीत कोई गायक लाइव ही गाते दिखाई देने वाला था।

फैसला किया गया कि किसी ऐसे लाइव सिंगर से ‘चिट्ठी आई है’ गीत रिकॉर्ड कराया जाएगा जो जनता के बीच अच्छा-खासा मशहूर भी हो। तमाम माथापच्ची के बाद पंकज उदास जी का नाम निकलकर सामने आया। पंकज जी वैसे भी उन दिनों गज़ल गायक के तौर पर मशहूर हो चुके थे और वो खूब लाइव कॉन्सर्ट्स किया करते थे। एक दिन राजेंद्र कुमार जी ने पंकज उदास जी को फोन किया और कहा,”पंकज, आपको हमारी फिल्म में काम करना है।” ये सुनकर पंकज जी डर गए। उन्हें लगा कि राजेंद्र कुमार उनसे अपनी फिल्म में कोई रोल कराना चाहते हैं।

पंकज उदास जी ने कभी एक्टिंग नहीं की थी। और ना ही वो एक्टर बनना चाहते थे। राजेंद्र कुमार जी की वो बात सुनकर पंकज जी असमंजस में पड़ गए। उन्होंने तब तो राजेंद्र कुमार जी से कह दिया कि मैं आपको बाद में फोन करके जवाब देता हूं। लेकिन कई दिनों तक पंकज जी ने उन्हें फोन नहीं किया। राजेंद्र कुमार जी को ये बात बुरी लगी। एक दिन उन्होंने पंकज उदास जी के बड़े भाई मनहर उदास जी को फोन किया। मनहर उदास राजेंद्र कुमार जी के अच्छे दोस्त भी थे। उस दिन राजेंद्र कुमार जी ने मनहर उदास जी से कहा था कि तुम्हारा भाई बदतमीज़ है। उसे ज़रा भी तमीज़ नहीं है।

राजेंद्र कुमार जी ने मनहर उदास जी को पूरा माजरा बताया। तब मनहर उदास जी ने पंकज जी को फोन किया। उन्होंने पंकज जी से पूछा कि तुम्हारी दिक्कत क्या है? पंकज जी ने बताया कि मैं फिल्म में एक्टिंग नहीं करना चाहता। लेकिन राजेंद्र कुमार जी मुझसे एक्टिंग करने के लिए कह रहे हैं। पंकज जी को क्या गलतफहमी थी ये बात तो अभी तक मनहर उदास जी को भी सही से पता नहीं थी। इसलिए उन्होंने पंकज जी से कहा कि अगर तुम फिल्म में काम नहीं करना चाहते हो तो कम से कम फोन करके राजेंद्र कुमार जी को बता तो दो। पंकज जी ने ऐसा ही किया।

पंकज जी ने राजेंद्र कुमार जी को फोन लगाया और उनसे कहा कि मैं माफी चाहता हूं मैंने आपको इतने दिन तक फोन नहीं किया। पर मैं आपकी फिल्म में एक्टिंग नहीं कर सकता। तब राजेंद्र कुमार बोले,”किसने तुमसे एक्टिंग करने के लिए कहा है पंकज? तुम्हें तो बस एक गीत गाना है और उस गीत में पंकज उदास के तौर पर ही नज़र आना है। तुम लाइव गाते हुए ही फिल्म में दिखोगे। जैसे कि तुम हमेशा अपने शोज़ में गाते हो।” इस तरह राजेंद्र कुमार जी की वो बात सुनकर पंकज उदास जी की गलतफहमी दूर हुई। और वो नाम फिल्म के गीत ‘चिट्ठी आई है’ को रिकॉर्ड करने व खुद पर पिक्चराइज़ करने को तैयार हो गए।

आज पंकज उदास जी का जन्मदिवस है। 17 मई 1951 को पंकज उदास जी का जन्म हुआ था। पंकज उदास जी तो अब हमारे बीच नहीं रहे। लेकिन उनके गीत, उनकी गज़लें और उनकी कहानियां हमेशा रहेंगी। जैसे कि ‘चिट्ठी आई है’ गीत की ये कहानी। जो अभी पूरी नहीं हुई है। थोड़ी सी और बची है। जिस वक्त पंकज उदास ‘चिट्ठी आई है’ गीत रिकॉर्ड कर रहे थे उस वक्त नाम फिल्म का लगभग पूरा क्र्यू स्टूडियो में ही मौजूद था। राजेंद्र कुमार जी थे। महेश भट्ट थे। गाना लिखने वाले आनंद बक्षी जी भी थे। और टैक्निकल टीम के भी काफी लोग वहीं पर थे।

रिकॉर्डिंग के दिन स्टूडियो में जितने भी लोग मौजूद थे वो सब ये गाना रिकॉर्ड होने के बाद आश्वस्त हो गए थे कि पंकज उदास ने इतनी खूबसूरती से इस गीत को रिकॉर्ड किया है कि इसे हिट होने से कोई नहीं रोक सकता। फाइनली एक दिन गीत का पिक्चराइज़ेशन भी कर लिया गया। डेविड धवन तब फिल्म एडिटर हुआ करते थे और वो ही नाम फिल्म को एडिट कर रहे थे। उन्होंने जब इस गीत को एडिट किया तो वो भी कह उठे कि ये गीत तो बहुत चलेगा। इसे लोग खूब पसंद करेंगे। वही हुआ भी। नाम फिल्म के सभी गीतों में ‘चिट्ठी आई है’ सबसे ज़्यादा मकबूल हुआ था।

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