आउटसोर्स नियोजन के विरोध में उतरे निगम कर्मी, करेंगे हड़ताल
पटना। पटना नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि 74 वें संविधान संशोधन के द्वारा स्थानीय निकाय का गठन एवं त्रिस्तरीय सरकार की मूल अवधारणा को ही राज्य सरकार ने नगर पालिका अधिनियम-2007 की विभिन्न धाराओं में संशोधन कर इसे समाप्त कर दिया है। संविधान में उक्त संशोधन सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए किया गया था लेकिन सत्ता की भूखी य सरकार स्थानीय निकायों के संपूर्ण ताकत को छीन कर इसका केंद्रीकरण कर लिया है। अब नगर निकायों को नगर विकास एवं आवास विभाग का एक शाखा के रूप में कार्य करना होगा और इससे निकायों का स्वायत्त संस्था का हैसियत अब समाप्त हो जाएगा।
समन्वय समिति के अध्यक्ष सिंह यह ने कहा है कि इसके अंतर्गत सरकार ने कुछ संवर्गों के लिए अलग से नियमावली को अधिसूचित कर कर्मियों के वेतन एवं अन्य सुविधाओं को भी कम कर दिया है। सरकार द्वारा किया गया यह संशोधन स्थानीय निकाय में कार्यरत कर्मचारियों के लिए काला कानून के समान है। सरकार की मंशा बिल्कुल स्पष्ट है कि नियमित नियुक्ति को सीमित कर संविदा एवं आउटसोर्स पर ही निगम कर्मियों की सेवा को बहाल रखा जाएगा।
सरकार के इस मजदूर विरोधी नीति का खामियाजा वर्षों से कार्यरत दैनिक मजदूरों को भी भुगतना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त निगम के नियमित कर्मचारियों की सेवा शर्तों को भी मनमानी तरीके से बदल दिया गया है। इन कर्मियों को अब वेतन निर्धारण, छुट्टी, प्रोन्नति एवं स्थानांतरण आदि में अनेकों मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि आउटसोर्स पर बहाली कमीशनखोरी आधारित व्यवस्था है। पटना नगर निगम से लेकर सरकार के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मियों के वेतन में हो रहे लूट इस व्यवस्था को उजागर करता है। सरकार द्वारा किए गए इस परिवर्तन को नगर निगम के कर्मियों द्वारा जोरदार विरोध किया जाएगा। समन्वय समिति एक सप्ताह के अंदर बैठक कर हड़ताल के संबंध में निर्णय लेगी।
पटना से श्वेता की रिपोर्ट