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हमारा फोकस ‘वन इंडिया वन हेल्थ’ को लेकर समान व्यवस्थाएं विकसित करना: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पोस्ट-बजट वेबिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। पीएम मोदी द्वारा संबोधित बजट के बाद वेबिनार श्रृंखला की यह पांचवीं कड़ी थी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर समान रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक समावेशी और मजबूत बनाया जा सके।

स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से कई प्रावधान

पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत में दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन मिशन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण काल में कोविन जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूरी दुनिया ने हमारी डिजिटल तकनीक का लोहा माना है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि भारत के लोगों को उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो। इस साल के बजट में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से कई प्रावधान हैं।

‘वन अर्थ वन हेल्थ’ स्प्रिट की तर्ज पर हमारा फोकस

उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद ‘वन अर्थ वन हेल्थ’ स्प्रिट की तर्ज पर हमारा फोकस ‘वन इंडिया वन हेल्थ’ को लेकर समान व्यवस्थाएं विकसित करना है। उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए काम कर रहे हैं जो केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हो। हमारा प्रयास है कि गंभीर स्वास्थ्य सेवाएं जिला, ब्लॉक और गांवों के स्तर पर भी उपलब्ध हों।

स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में किए जा रहे सुधार

उन्होंने कहा कि यह बजट पिछले 7 साल से स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में किए जा रहे सुधार और परिवर्तन के हमारे प्रयासों का विस्तार है। हमने अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक समग्र दृष्टिकोण को अपनाया है।

स्वास्थ्य क्षेत्र को समग्र और समावेशी बनाने के प्रयासों में तीन कारक प्रमुख

पीएम मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र को समग्र और समावेशी बनाने के प्रयासों को रेखांकित करने वाले तीन कारकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस स्वास्थ्य के साथ-साथ कल्याण पर भी है। बजट में तीन कारकों को ध्यान में रखा गया।

पहला, आधुनिक बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन विस्तार।

दूसरा कारक: आयुष जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में अनुसंधान को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इसकी सक्रिय भागीदारी।

तीसरा कारक: आधुनिक और भविष्य की तकनीक के माध्यम से देश के हर व्यक्ति, हर हिस्से में बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना। हमारा प्रयास है कि क्रिटिकल हेल्थकेयर सुविधाएं ब्लॉक स्तर पर हों, जिला स्तर पर हों, गांवों के नजदीक हों।

पीएम मोदी आगे कहा कि इस इंफ्रास्ट्रक्चर को मेंटेन करना और समय-समय पर अपग्रेड करना जरूरी है। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर और दूसरे सेक्टर्स को भी ज्यादा ऊर्जा के साथ आगे आना होगा।

डेढ़ लाख स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों पर काम जारी

प्रधानमंत्री ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य नेटवर्क को मजबूत करने के लिए डेढ़ लाख स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों पर भी तेजी से काम चल रहा है। अभी तक 85000 से अधिक सेंटर्स रुटीन चेकअप, वैक्सीनेशन और टेस्ट्स की सुविधा दे रहे हैं। इस बार के बजट में इनमें मेन्टल हेल्थकेयर की सुविधा भी जोड़ी गई है।

स्किल्ड हेल्थ प्रोफेशनल्स तैयार करने का भी प्रयास

चिकित्सा मानव संसाधनों को बढ़ाने पर उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हेल्थ सर्विस की मांग बढ़ रही है, उसके अनुसार ही हम स्किल्ड हेल्थ प्रोफेशनल्स तैयार करने का भी प्रयास कर रहे हैं। इसलिए बजट में हेल्थ एजुकेशन और हेल्थ केयर से जुड़े ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट के लिए पिछले साल की तुलना में बड़ी वृद्धि की गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन उपभोक्ता और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच एक आसान इंटरफेस प्रदान करता है। इससे देश में उपचार पाना और देना दोनों बहुत आसान हो जाएंगे। इतना ही नहीं, ये भारत के गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली तक वैश्विक पहुंच आसान हो जाएगी।

आयुष की भूमिका को आज पूरी दुनिया कर रही महसूस

प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष की भूमिका को आज पूरी दुनिया महसूस कर रही है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत में अपना एकमात्र में पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र (ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन) शुरू करने जा रहा है।

टेलीमेडिसिन, रिमोट हेल्थकेयर और टेली कंसल्टेशन जैसी सुविधाएं आपातकाल के समय में बड़े पैमाने पर लोगों को पूरा करेंगी और इसलिए, हम इन सेवाओं को एकीकृत करने पर नागरिकों के विचारों का स्वागत करते हैं।