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आजादी के अमृत महोत्सव पर जीकेसी कर रहा व्याख्यानमाला का आयोजन

पटना, 17 अप्रैल । ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि भारत का संविधान दुनिया के अन्य सभी देशों से बेहतर तथा मजबूत है और इसका पूरा श्रेय संविधान सभा के पहले कार्यकारी अध्यक्ष बिहार निवासी डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को जाता है।

अन्य देशों से बेहतर है भारतीय संविधान : राजीव रंजन

श्री प्रसाद ने आज जीकेसी की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव पर कायस्थ रत्न रणबांकुरों और अमर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धापूर्वक याद करने के सिलसिले में व्याख्यानमाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि सच्चिदानंद सिन्हा उच्च कोटि के विद्वान, कानून विद तथा महान शिक्षाविद थे और उनकी देखरेख में भारत का ऐसा संविधान तैयार किया गया कि यहां का लोकतंत्र अन्य देशों से कहीं अधिक मजबूत है लेकिन दुखद प्रसंग है कि अंग्रेजी राज से प्रभावित इतिहासकारों ने संविधान निर्माण में सच्चिदानंद बाबू के योगदान को वास्तविक ढंग से प्रस्तुत नहीं किया। उन्होंने देश के संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले कायस्थ रत्न स्व. डा. सच्चिदानंद सिन्हा के जीवन ,व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन और विचारों को आत्मसात करने पर जोर दिया।

श्री प्रसाद ने कहा कि जीकेसी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव पर 17 अप्रैल से 14 अगस्त 2022 तक स्वतंत्रता आंदोलन के कायस्थ नायकों की भूमिका पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है । इसके पहले सत्र में आधुनिक बिहार के रचयिता और संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले कायस्थ रत्न स्व. डा. सच्चिदानंद सिन्हा के जीवन ,व्यक्तित्व और कृतित्व से जन-जन खासकर नई पीढ़ी को अवगत कराया जा रहा है।
श्री प्रसाद ने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए संविधान गढ़ना कोई आसान काम नहीं था। सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश का सौभाग्य है कि इतनी महती भूमिका को निभाने के लिए बनी संविधान सभा के पहले कार्यकारी अध्यक्ष और मुरार गांव की मिट्टी में पले-बढ़े डा.सच्चिदानंद सिन्हा को ही चुना गया। उन्होंने कहा कि बिहार में पैदा होने वाले महापुरुषों में डॉक्टर सिन्हा अग्रणी है। वह बिहार प्रांत के निर्माता के रूप में सदैव याद किए जाएंगे। बंगाल से अलग होने वाले बिहार आंदोलन की वे आत्मा थे। संविधान निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।आधुनिक बिहार के रचयिता और देश के संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले शिक्षाविद, लेखक, वकील और पत्रकार डा. सिन्हा ने कई पत्रों का संचालन और संपादन किया।

बिहार को अलग प्रांत बनाने के अभियान में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महान नेता, भारत की संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष, प्रख्यात कानूनविद्, शिक्षाविद्, अधिवक्ता, लेखक एवं पत्रकार डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को भारत रत्न सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि सच्चिदानंद सिन्हा को भारत रत्न सम्मान प्रदान करने के लिए जीकेसी पूरे देश में जोरदार आंदोलन करेगी ।

पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं लेखक उदय सहाय ने कहा कि महान शिक्षाविद डा सच्चिदानंद सिन्हा बिहार के जनक थे। बिहार को बंगाल से पृथक राज्य के रूप में स्थापित करनेवालों में भी उनका नाम प्रमुखता से लिया जाता है। बंग-भंग का आंदोलन उन्होंने हीं आरंभ किया था।

संविधान निर्माण का पूरा श्रेय डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को

व्याख्यानमाला सत्र में मौजूद जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद ने कहा बिहार एक अलग राज्य हो इस आंदोलन के सफल प्रणेता थे सच्चिदा बाबू। डा सच्चिदानंद सिन्हा ने ‘बिहार’ को अलग राज्य बनाने की माँग उठाई, उसके लिए संघर्ष किया, जिसने बंग-भंग कराकर ‘बिहार’ को अलग अस्तित्व दिलाया।उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से विभूषित करने के लिए एक अभियान चलाने की आवश्यकता है और सम्मान दिलाने तक संघर्ष करने की जरुरत है ।

व्याख्यान मैं मौजूद अन्य लोगों ने भारतीय संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष, महान शिक्षाविद, अधिवक्ता एवं पत्रकार डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर लोगों ने उनके व्यक्तित्व व उनके द्वारा कार्यों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक अभिषेक ,किशोर कुमार ,संजय सिन्हा ,प्रेम कुमार ,राजेश सिन्हा संजू , मुकेश महान ,दिलीप सिन्हा ,नीलेश रंजन , सुशील श्रीवास्तव, संजय कुमार सिन्हा ,प्रियदर्शी हर्षवर्धन ,बलिराम ,रवि सिन्हा ,शैलेश कुमार ,सुशांत सिन्हा ,रंजीत सिन्हा ,अनिल दास ,पीयूष श्रीवास्तव, शुभम कुमार, चंदू प्रिंस, संजय कुमार सिन्हा, मनोज कुमार सिन्हा, प्रसुन श्रीवास्तवधनञ्जय प्रसाद ,शशि भरत भी उपस्थित थे।