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सालाना 6000 रूपये देने वाली किसानो की स्कीम में हुए कोई बड़े बदलाव, अब इन सुविधाओं का भी फायदा उठाने का मौका

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम शुरू हुए 2 साल से ज्यादा हो गए हैं. हर किसान को सालाना 6000 रुपये की नगद सहायता देने के लिए शुरू की गई इस स्कीम में इस दौरान कई बड़े बदलाव हुए हैं, जिससे किसानों को छह हजार रुपये की सहायता से कहीं अधिक का फायदा होता है. मोदी सरकार ने इस स्कीम की औपचारिक शुरुआत 24 फरवरी 2019 को गोरखपुर से की थी. अब इसके जरिए आप पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC-kisan Credit Card) ले सकते हैं.

इसी के जरिए आत्मनिर्भर भारत के तहत 1.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं. ताकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के सभी लाभार्थियों को केसीसी का फायदा भी मिलने लगे.

इसके जरिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज खेती के लिए लिया जा सकता है. आइए बात करते हैं इसके महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में.

खुद देखिए स्टेटस
यदि आपने भी इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया है और अब तक बैंक अकाउंट (Bank Account) में पैसा नहीं आया है तो उसका स्टेटस जानना बहुत आसान हो गया है. पीएम किसान पोर्टल (PM Kisan Portal) पर जाकर कोई भी किसान भाई अपना आधार, मोबाइल और बैंक खाता नंबर दर्ज करके इसके स्टेटस की जानकारी ले सकता है.

लाभ पाने के लिए खुद कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन
अब किसी किसान को इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अधिकारियों के पास नहीं जाना पड़ेगा. कोई भी ‘किसान पोर्टल’ पर जाकर खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है. इसका मकसद सभी किसानों को स्कीम से जोड़ना और रजिस्टर्ड लोगों को समय पर लाभ पहुंचाना है. कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) की इस सुविधा के शुरू होने के बाद राज्य सरकारों को किसानों के ब्योरे में आई गलतियों को ठीक करने और वेरीफिकेशन में अब पहले से काफी कम समय लगेगा.

केसीसी लेना हुआ आसान
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ पाने वाले सभी किसानों को मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भी मुहैया करवाने का फैसला किया है. यानी पीएम किसान योजना को केसीसी से लिंक कर दिया गया है. इससे 3 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी की दर पर मिल जाएगा.

केसीसी के लिए फसल बीमा करवाने से छूट
पहले किसान क्रेडिट कार्ड लेने वाले किसानों को फसल बीमा स्‍कीम (PMFBY) में भी शामिल होना पड़ता था. भले ही किसान न चाहे. इसे पीएम किसान स्कीम में लिंक करने के बाद अब फसल बीमा को स्वैच्छिक बना दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद देश के लाखों किसानों को राहत मिलने की उम्‍मीद है.
छोटे बड़े सभी किसान उठा सकते हैं लाभ
जब दिसंबर 2018 में इस स्कीम के तहत पैसा देना शुरू किया गया था तब यह स्कीम सिर्फ लघु एवं सीमांत किसानों के लिए ही थी. इस दायरे में केवल 12 करोड़ ही किसान आते थे. इसलिए इसका बजट 75 हजार करोड़ रुपये तय किया गया था. लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया कि मोदी सरकार दोबारा सत्ता आई तो सभी 14.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा. कई राज्य सरकारें अब पीएम किसान योजना में खुद भी मदद करने पर विचार कर रही हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने प्रति किसान 4 4 हजार रुपये देकर इस तरफ कदम बढ़ा दिया है.

मानधन योजना का ले सकते हैं लाभ
यदि कोई किसान पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहा है तो उसे पीएम किसान मानधन योजना में जुड़ने के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा. 3000 रुपये प्रति माह की पेंशन वाली इस योजना का अंशदान सीधे पीएम किसान स्कीम से कट जाएगा. किसान को सीधे अपनी जेब से पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा.