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राज्य की बिजली आवश्यकता को पूरा करने में मददगार हो रही एनटीपीसी नबीनगर

एनटीपीसी की नबीनगर परियोजना से बिहार को सबसे ज्यादा दी जा रही बिजली

राज्य को सबसे सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जा रही 1640 मेगावाट बिजली

औरंगाबाद। जिला अंतर्गत एनटीपीसी नबीनगर बिहार की ऊर्जा संबंधी जरूरत को पूरा करने में अव्वल है। यह न केवल बिहार को 1640 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कर रहा है बल्कि सर्वाधिक सस्ती बिजली भी इस थर्मल पावर स्टेशन से बिहार को प्राप्त हो रही है। एनटीपीसी के नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन के मुख्य महाप्रबंधक चन्दन कुमार सामंता ने आज एनटीपीसी परिसर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह परियोजना 89.72 प्रतिशत पीएलएफ (प्लांट लोड फैक्टर) के साथ बेहतरीन प्रदर्शन में पूरे भारत में चौथे स्थान पर है और इससे उत्पादित कुल बिजली 1980 मेगावाट में से 82.83 प्रतिशत यानी कुल 1640 मेगावाट बिजली बिहार को उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस पावर स्टेशन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसने बिजली की कीमतों को काफी कम कर रखा है। पिछले वर्ष जहां इस स्टेशन से उत्पादित बिजली की कीमत 2.78 रुपए प्रति यूनिट थी, वहीं अब इस वर्ष इसकी कीमत को और ज्यादा प्रतिद्बंदी बनाते हुए 2.41 रुपए प्रति यूनिट ला दिया गया है। इस प्रकार बिहार को यह स्टेशन सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करा रहा है। इससे न केवल बिहार की ऊर्जा संबंधी जरूरतें पूरी हो रही हैं बल्कि बिहार सरकार को सस्ती बिजली से करोड़ों रुपए की बचत भी हो रही है। मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि सुपर क्रिटिकल तकनीक से निर्मित इस परियोजना का प्रदर्शन काफी अच्छा है।

इसे केवल इसी बात से समझा जा सकता है कि इस परियोजना के लिए इस वर्ष 14074 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है जबकि यह परियोजना इस वर्ष अभी तक ही 7061 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर चुकी है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस वर्ष परियोजना अपने लक्ष्य से ज्यादा बिजली आपूर्ति हासिल कर लेगी। उन्होंने बताया कि बिहार के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, गुजरात, झारखंड, उड़ीसा, सिक्किम और पश्चिम बंगाल को भी इस पावर स्टेशन द्बारा बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी इस स्टेशन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक अपनाए हैं जिसके कारण इसे ग्रीनटेक सेफ्टी अवार्ड सहित दर्जनों पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इस प्रेस कॉन्फेंस में मुख्य महाप्रबंधक के साथ एके पपनेजा (जी.एम. ऑपरेशन), आर.पी. अग्रवाल (जी.एम. एफएम), ए.के. त्रिपाठी (जीएम ऑपरेशन) आभा त्रिपाठी पांडेय (एजीएम कम्युनिकेशन) और सुमिता मारिया लकड़ा (एजीएम एचआर) भी मौजूद थीं।

एनटीपीसी नबीनगर प्रदूषण नियंत्रण के लिए खर्च कर रहा 800 करोड़ रुपए

1980 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले एनटीपीसी नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 800 करोड़ के एफजीडी पैकेज को मंजूरी दी गई है। इसकी मदद से फॉसिल फ्यूल आधारित इस पावर सबस्टेशन की एग्जास्ट फ्लो गैसों को सल्फर डाई ऑक्साइड से मुक्त करने में मदद मिलेगी। मुख्य महाप्रबंधक चंदन कुमार सामंता ने बताया कि प्रदूषण को पूरी तरह नियंत्रित रखने के लिए अत्याधुनिक एफजीडी संयंत्र की स्थापना का काम अगले साल जून तक पूरा हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि पहले से ही यह प्लांट सुपर क्रिटिकल तकनीक से बनाया गया है जिसने प्रदूषण की मात्रा न्यूनतम है। इसके बावजूद अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए एफजीडी पैकेज अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण पर नियंत्रण करने के साथ-साथ एनटीपीसी नवीनगर पर्यावरण संरक्षण के लिए अब तक 143500 पौधे लगा चुकी है जबकि लक्ष्य 125000 पौधे लगाने का था। जल्द ही 20 हजार पौधे और लगाए जाएंगे।