अब बिहार में ही होगा नि:संतानता का पूर्ण इलाज : जीतन राम मांझी
पटना (20 नवंबर 2022) : बिहार के लोगों को नि:संतानता के उपचार के लिए अब बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें बिहार में ही विंग्स आईवीएफ हॉस्पिटल बेहतर ट्रीटमेंट उपलब्ध कराएगा। देश के प्रसिद्ध अस्पतालों में से एक विंग्स आईवीएफ हॉस्पिटल का पटना में अपना सेंटर खोलना गौरव का विषय है।
उक्त बातें रविवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दानापुर खगौल रोड स्थित विंग्स आईवीएफ हॉस्पिटल के उद्घाटन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि विंग्स आईवीएफ हॉस्पिटल आधुनिक उपकरणों से लैस व सभी सुविधाओं से परिपूर्ण है। हॉस्पिटल का शुभारंभ मुख्य अतिथि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, विशिष्ट अतिथि आईएमए अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह, विंग्स आईवीएफ ग्रुप के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. जयेश अमीन और विंग्स आईवीएफ, पटना की चीफ कंसल्टेंट डॉ. स्मृति स्पर्श के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर किया गया।
इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए विंग्स आईवीएफ ग्रुप के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. जयेश अमीन ने कहा कि विंग्स आईवीएफ हॉस्पिटल भारत में 8 और केन्या में 1 सेंटर के साथ अत्याधुनिक सुपर स्पेशलिस्ट आईवीएफ हॉस्पिटल की एक सृंखला है। अब बिहार में भी सबसे उन्नत देखभाल मिलेगी ताकि जो माता-पिता बनने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं उन सभी दम्पतियों को स्वयं के स्त्रीबीज और पुरुषबीज द्वारा मातृत्व सुख प्राप्त कराया जा सके। सेंटर की उन्नत टेक्नोलॉजी की मदद से हम थर्ड पार्टी डोनेशन से बचने के लिए आईवीएफ साइकिल के प्रयास को कम कर पाएंगे। आईएमएसआई / आईसीएसआई बेहतर स्पर्म चयन में भी मदद करेगा।
यह कम एएमएच, बढ़ती आयु, और बार-बार आईवीएफ विफलता जैसी अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी गर्भ धारण करने में मदद करता है। विंग्स आईवीएफ ग्रुप आज पीजीटी / ईआरए / आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी एडवांस आईवीएफ तकनीक के लिए भारत में सबसे अनुभवी केंद्रों में से एक है। वहीं विंग्स आईवीएफ, पटना की चीफ कंसल्टेंट डॉ. स्मृति स्पर्श ने कहा, विंग्स आईवीएफ अस्पताल में हमारी प्रतिबद्धता सबसे एडवांस तकनीक के साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है जिसे हाई लेवल की फर्टिलिटी केयर और उच्चतम स्तर की नैतिकता और पारदर्शिता प्रदान करने के लिए चुना गया है। विंग्स आईवीएफ सेल्फ आईवीएफ साइकिल में इंडस्ट्री को लीड करता है, आईवीएफ के 85 प्रतिशत से अधिक मामलों में स्वयं के स्त्रीबीज और पुरुषबीज द्वारा मातृत्व सुख दिलवाना हमारी प्रतिबध्ता रही है।