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राजनीतिक भागीदारी नहीं अब सत्ता का संघर्ष होगा : मुकुल आनंद

मधुबनी : भारतीय विश्वकर्मा महासंघ  की ओर से रविवार को गंगा सागर पोखर स्थित मिथिला भवन सभागार में कार्यकर्ता बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मधुबनी जिलाध्यक्ष अरुण शर्मा ने की। बैठक को सम्बोधित करते हुए भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने कहा कि इस बैठक का आयोजन मुख्यतः वंचित विश्वकर्मा समाज को राजनीति में उचित भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु तथा विश्वकर्मा समाज के ऊपर हो रहे शोषण, दोहन तथा प्रताड़ना से मुक्ति हेतु किया जा रहा है। श्री आनंद ने कहा कि विश्वकर्मा समाज आजादी के 76 वर्षो के उपरांत भी सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक हर क्षेत्र में उपेक्षित है।

उन्होंने कहा कि समाज के लोग जब तक एमपी, एमएलए नहीं बनेंगे तब तक विश्वकर्मा समाज के अधिकार का हनन होते रहेगा। इसलिए हमलोग मिशन 2025 को ध्यान रखते हुए संगठन को मजबूत करने के लिए जुट जाएं एवं सत्ता संघर्ष की ओर बढ़े। महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्या भूषण शर्मा ने कहा कि जिसकी दो प्रतिशत आबादी है उन्हें सत्ता में आजादी से लेकर अब तक सम्मान मिल रहा है जबकि विश्वकर्मा वंशियो की आबादी 8 प्रतिशत है फिर भी सत्ता से वंचित है। उन्होंने कहा कि आज के बैठक में 21 सदस्यीय जिला कार्यकारिणी टीम का भी गठन किया गया है। वही मौके पर देवनारायण ठाकुर ने कहा अब विश्वकर्मा समाज इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। राजनीतिक भागीदारी नहीं अब सत्ता का संघर्ष होगा। वहीं अपने सम्बोधन में महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिवाकर शर्मा ने कहा कि राजनीति में हाशिए पर रहने के कारण सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक रूप से समाज की स्थिति दयनीय है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज कई वर्षों से रैली और कार्यक्रम के माध्यम से अपने समाज की दशा एवं दिशा का संज्ञान लगातार सभी राजनीतिक दलों को देते रहा है पर इन राजनीतिक दलों ने साथ नहीं दिया। इसीलिए अगले चुनाव में हर सीट पर हम अपने समाज के उम्मीदवार खड़े करके उन्हें जिताने का काम करेंगे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मधुबनी जिलाध्यक्ष अरुण शर्मा ने समाज के लोगों से संगठित होने की अपील की।

बैठक को महासंघ के प्रदेश संगठन सचिव सितंबर शर्मा, राजकिशोर शर्मा, संगीता ठाकुर, दरभंगा महिला जिला अध्यक्ष रामतारा देवी, मधुबनी जिला कमिटी के सतीश शर्मा, बालेश्वर ठाकुर, राजनंदन ठाकुर, डॉ. विष्णुकांत शर्मा, देव प्रसाद शर्मा, नागेश्वर ठाकुर, अनिरुद्ध ठाकुर, सुरेश ठाकुर, रामकृष्ण ठाकुर, गोविंद ठाकुर, शंकर ठाकुर, लड्डू जी आदि ने सम्बोधित किया। बैठक में विश्वकर्मा के पांचो पुत्रों सोनार, लोहार, ठठेरा सहित सैकड़ो लोगों की उपस्थिति रही।