ट्रांसजेंडर समुदाय के उन्मुखीकरण के लिए किए जा रहे कई कार्य-डीएम
पटना। डीएम डा चन्द्रशेखर सिंह के निर्देश पर उप विकास आयुक्त पटना तनय सुल्तानिया की अध्यक्षता में ट्रांसजेंडर समुदाय हेतु जिला स्तरीय संवेदीकरण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का अयोजन किया गया।
उदय कुमार झा सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई सभी उपस्थित पदाधिकारियों तथा ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम की आवश्यकता के संबंध मेें संक्षेप मे जानकारी दी। उन्होंने बताया की एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति वह व्यक्ति होता है जिसका स्व कथित लिंग पहचान जन्म के समय से अलग होता है। ये समुदाय दिन प्रतिदिन दुव्र्यवहार का सामना करते हैं और अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष करते हैं।
राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद की विशेषज्ञ सदस्य रेशमा प्रसाद ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति , अधिकारों का संरक्षण, अधिनियम 2019 के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होनें बताया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की पहचान शरीर से नहीं बल्कि उसके मन से होता है। स्वयं के लैंगिकता की पहचान को निर्धारित करने के लिए भारत सरकार के द्वारा कानून बनाए गए हैं। इस कानून का पालन करने के लिए जिले में नोडल कार्यालय जिला बाल संरक्षण इकाई है। जिला बाल संरक्षण इकाई इस कार्य का अनुुपालन सुदृढता से कर रही है। इस एक्ट के अनुसार केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन को योजना बनाकर उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं अन्य मानवीय विकास को निर्धारित करना है।
यदि कोई व्यक्ति उन्हें घर किराया देने से इन्कार करता है तो उन पर भी इस कानून में दण्ड का प्रावधान है। इसके अलावा परिवार में सम्पत्ति से बेदखल करने, शिक्षा के अधिकार से वंचित करने, बंधुआ मजदूरी कराने, लैंगिक शोषण करने, बलात्कार का प्रयास करने, समुदाय सूचक टिप्पणी करने, रोजगार देने में भेद भाव करने या नौकरी से वंचित करने पर भी दण्ड का प्रावधान है।
पटना जिला के 37 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को डीएम पटना के स्तर निर्गत प्रमाणपत्र का वितरण भी डीडीसी पटना के कर कमलों से किया गया। डीडीसी ने कहा कि इस वर्ष किन्नर महोत्सव के अवसर पर उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम को देखा था। उन्होंने कहा कि इस समुदाय के सदस्यों को भी हर क्षेत्र में बढावा दिए जाने की जरूरत है।