महाराष्ट्र के औरंगाबाद में राष्ट्रीय गौरव सम्मान से सम्मानित हुई डॉ नम्रता आनंद
पटना:- फरवरी राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित समाज सेविका एवं राजकीय सम्मान बिहार सरकार द्वारा सम्मानित शिक्षिका डॉ नम्रता आनंद को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में राष्ट्रीय गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में लोक निर्माण एवं ग्रामीण विकास संशोधन संस्था की 22 वीं वर्षगांठ पर सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। औरंगाबाद के स्थानीय मजनू हिल स्थित मौलाना आजाद रिसर्च सेंटर में पूरे भारतवर्ष से आए विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे 101 समाजसेवियों को अर्चना मेडेवार द्वारा सम्मानित किया गया। जिसमें दीदी जी फाउंडेशन की संस्थापक डॉ नम्रता आनंद एवं उनकी 10 सदस्यो वाली टीम को भी सम्मानित किया गया।
औरंगाबाद में आयोजित इस राष्ट्रीय गौरव सम्मान समारोह में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होकर अपनी पहचान बना चुकी राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित समाज सेविका एवं राजकीय सम्मान बिहार सरकार द्वारा सम्मानित शिक्षिका डॉ नम्रता आनंद को राष्ट्रीय गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। डॉ नम्रता ने बताया कि पटना से अपने दीदी जी फाउंडेशन के 10 सदस्यों की टीम के साथ औरंगाबाद जाकर राष्ट्रीय गौरव सम्मान को प्राप्त करना सच में मन को प्रफुल्लित कर दिया।सम्मान के मौके पर डॉ नम्रता के साथ जैनब अंजुम कोमल सोनी, प्रियंका कुमारी, सुशील कुमार, नीतू शाही, नियति सौम्या,,आकाश कुमार ,नीतीश कुमार निरंतरा हर्षा ,बबलू कुमार ने भी औरंगाबाद में उपस्थित होकर दीदी जी फाउंडेशन के सम्मान को प्राप्त किया। यह राष्ट्रीय सम्मान डॉ नम्रता आनंद के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के जैसे करोना योद्धा के रूप में मानवता की सेवा, गरीबों जरूरतमंदों, वृद्धों, दिव्यांगों, किन्नरों, प्रवासी मजदूरों, स्लम में रहने वाले लोगों, के बीच कार्य करने के लिए मिला है। नम्रता ने स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन हरियाली, महिला सशक्तिकरण, वृद्धजनों की सेवा, दिव्यांगों को उनके जरूरत के हिसाब से कैलिपर हियरिंग एंड आर्टिफिशियल लेग बैसाखी और ट्राई साइकिल दिलवाने की सेवा, मानव श्रृंखला बापू की पाती का प्रचार प्रसार बच्चों के बीच में ,पीपल नीम तुलसी अभियान गौरैया संरक्षनण अभियान , गरीब लड़कियों के शादी कराने के लिए दिया गया है। नम्रता ने बताया कि बिना सरकारी मदद के आज तक पिछले 24 सालों से समाज के सक्षम लोगों की मदद से एवं अपने पिता के पॉकेट खर्च से, साथ ही अपने नौकरी के वेतन से वह समाज सेवा करती आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि जो सक्षम व्यक्ति है उन्हें जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए आगे आना चाहिए। तभी समाज का कल्याण हो पाएगा। क्योंकि गरीबी इतनी ज्यादा है और रोजगार इतने कम के लोगों का भूखे बनना मजबूरी बन गया है।