स्वास्थ और लाइफ स्टाइल

Benefits Of Padmasana Yoga : पद्मासन क्या है, जानिए करने का तरीका और फायदे

पारिवारिक, सामाजिक और ऑफिस की जिम्मेदारियों से अपने लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से व्यक्ति आसानी से बीमारियों की चपेट में आ सकता है। ऐसे में स्वयं को स्वस्थ रखने का सबसे आसान तरीका है सुबह उठ कर योगासन करना। सेहत से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों और उसके खतरे को कम करने के लिए योग कितना लाभदायक है इस बारे में आज हजारों रिसर्च मौजूद हैं। योग में ऐसे कई आसन हैं, जो शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और ऐसा ही एक आसन है पद्मासन। पद्मासन, ध्यान और प्राणायाम के अभ्यास के लिए सबसे उपयुक्त असानो में से एक है। इसका अभ्यास करने से मन को शांति और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनती है। यह सबसे सरल और प्राचीन आसन में से एक है, हिन्दू धर्म के भगवान शिव, बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध और जैन धर्म में तीर्थंकरों की मूर्तियां अक्सर पद्मासन मुद्रा में बैठे हुए दर्शाया गया है।

पद्म का अर्थ है कमल। जब आसन का अभ्यास किया जाता है, तो साधक कमल के पुष्प के समान नज़र आता है। इसलिए इसे अंग्रेजी भाषा में लोटस पोज़ और कमलासन के नाम से भी जाना जाता है। पद्मासन, एक प्रकार का योगासन है, जिसे बैठ कर किया जाता है। यह संस्कृत के शब्द पद्म अर्थात कमल और आसन को मिलाकर बनाया गया है। भारतीय संस्कृति में कमल का धार्मिक रूप से बहुत महत्व है। माना जाता है कि जिस प्रकार कमल कीचड़ में खिलने के बाद भी अपनी खूबसूरती नहीं खोता है, उसी प्रकार पद्मासन व्यक्ति को सामाजिक बुराइयों से दूर रख मन को शांत रखने में मदद करता है। अक्सर, प्राणायाम करते समय पद्मासन मुद्रा में बैठने का सुझाव दिया जाता है।

पद्मासन योग करने की विधि

किसी शांत जगह पर योग मेैट बिछाकर उस पर पैरों को आगे फैलाकर जमीन पर बैठ जाएं। अपनी रीढ़ को सीधा रखे। फिर दाहिने घुटने को मोड़ते हुए, दाएं पैर को बाईं जांघ पर और यही प्रक्रिया दुबारा करते हुए बाएं पैर को दाहिनी जांघ पर रखें। अब अपने हाथों से ज्ञान मुद्रा बनाएं और उसे घुटनों के ऊपर रख दें। अब इसी मुद्रा में बैठकर सामान्य रूप से श्वसन प्रक्रिया को जारी रखें। लंबी और गहरी सांस लेते हुए कुछ मिनटों तक रोककर रखें और फिर छोड़ दें। करीब 5 से 10 मिनट तक आप इस योगासन का अभ्यास कर सकते हैं। आप सुबह के समय और खाली पेट किया जाना चाहिए। सुबहे समय ना मिल पर भोजन के चार से छह घंटे बाद शाम को भी किया जा सकता है।

पद्मासन के फायदे