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देखो तो फ़क़त रंग का त्योहार है होली’, महफ़िल-ए-रंग का हुआ आयोजन

गुरुवार को रंगम, पटना द्वारा आयोजित “महफ़िल – ए -रंग” (कवि सम्मेलन) का आयोजन स्थानीय बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अनिल सुलभ ने किया।

इस मौके पर देश के कई चर्चित साहित्यकार, कवि, गायक एवं कलाकार उपस्थित थे। उपस्थित कलाकारों में वरिष्ठ शायर नसीम अख़्तर साहब, डॉक्टर अनिल सुलभ, समीर परिमल, रमेश सिंह, कुमार दिव्यम, पूर्णिमा देवी, रास राज़ एवं युवा कवियों ने अपनी अपनी कविता को सुनाकर महफ़िल – ए – रंग में रंग भरा।

 

समीर परिमल ने अपनी कविता – ‘मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन , जान तुझपर लुटायें, मज़ा आएगा’ सुनाया

एवं मो नसीम अख़्तर साहब ने ‘देखो तो फ़क़त रंग का त्योहार है होली।

सोचो तो मुहब्बत है, वफ़ा प्यार है होली ‘सुनाया।

अंत मे सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया और युवा कवियों को प्रमाण पत्र दिया गया।

इस कार्यक्रम के संयोजक युवा कवि अश्वनी कविराज एवं निदेशक युवा रंगकर्मी रास राज़ थे।