साहित्य वही है जो पूरे समाज को लेकर चले व एकता के सूत्र में पिरोये- कुमार प्रशांत, भोजपुरी महाकुंभ में शामिल हुए देश के प्रमुख साहित्यकार व कवि
सीवान। भोजपुरी विकास मंडल के तत्वावधान में रविवार को अक्षयवर दीक्षित स्मृति ग्रंथ के लोकार्पण को लेकर भोजपुरी महाकुंभ का आयोजन शहर के भिखारी ठाकुर नगर में श्रीभगवान पैलेस में आयोजन साहित्यकार आद्या प्रसाद द्विवेदी की अध्यक्षता में किया गया। इस मौके पर भोजपुरी साहित्य सम्मान व भोजपुरी शिरोमणि अक्षयवर दीक्षित स्मृति-ग्रंथ का लोकार्पण व कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन आद्या प्रसाद द्विवेदी, डॉ नीरज सिंह, शायर कमर सीवानी के अध्यक्ष मंडली की देखरेख में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में आयोजन समिति के अध्यक्ष विधायक व पूर्वमंत्री अवधबिहारी चौधरी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भोजपुरी मिठास भरी आम जनमानस की भाषा है। यह हमारी अपनी माटी की सांस्कृतिक पहचान की भाषा है। इसके विकास व प्रचार- प्रसार हेतु हमें अपनी पूरी शक्ति लगानी चाहिए।
तत्पशचात अक्षयवर दीक्षित स्मृति-ग्रंथ का लोकार्पण किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि नई दिल्ली गांधी शांति प्रतिष्ठान के चेयरमैन व मुख्य वक्ता कुमार प्रशांत ने साहित्य व भाषा को परिभाषित करते हुए करते हुए कहा कि साहित्य की कसौटी यह है कि जो पूरे समाज को लेकर चलता है व भाषा साहित्य का पांव है। भाषा देश को जोड़ने वाली होनी चाहिए। इसी क्रम में डॉ नीरज सिंह ने कहा कि अक्षयवर दीक्षित भोजपुरी साहित्य के स्तंभ थे। उन्होंने 1977 में भोजपुरी के विकास के लिए भोजपुरी विकास मंडल की स्थापना की। वे इसके संस्थापक सचिव थे व बाद में अध्यक्ष बने। भोजपुरी एक समर्थ भाषा है। इस भाषा को शिक्षण व रोजगार की भाषा बनाने की जरूरत है। डॉ जय सिंह जय ने कहा कि अब भोजपुरी शिक्षा आंदोलन चलाने की जरुरत है। सही रचना अपनी भाषा में ही सम्भव है। अन्य वक्ताओ में आद्या प्रसाद द्विवेदी, भगवती प्रसाद द्विवेदी,मुंशी सिंह , कमर सीवानी, ब्रजभूषण तिवारी, डॉ अरविंद सिंह, मनीष प्रसाद सिंह आदि प्रमुख थे।
कार्यक्रम का संचालन भोजपुरी विकास मंडल के सचिव मार्कंडेय ने किया। कार्यक्रम में हृदयानंद दीक्षित, शिवधारी दुबे,डॉ के एहतेशाम, अखिलेश्वर दीक्षित,डॉ अनिल श्रीवास्तव, अरुण सिंह, डॉ इरशाद अहमद, विधू शेखर पांडे, रामनरेश सिंह, तंग इनायत पुरी, सुभाष यादव, आरती, आलोक वर्मा, सोमनाथ ओझा सोमेशनीरज यादव, डॉ यतींद्र नाथ सिंह, युगल किशोर दुबे, प्रो उपेंद्रनाथ यादव आदि शामिल थे। इस मौके पर डॉ जयकांत सिंह जय, डॉ नीरज सिंह, गंगा प्रसाद अरुण, प्रतिभा परासर, गुलरेज शहजाद, डॉ ओमप्रकाश राजापुरी, विक्रम सिंह, राजेंद्र गुप्ता, शुभनारायण शुभ,रामाज्ञा सिंह विकल,ऐनुल बरौलवी आदि भोजपुरी साहित्यकारों को विधायक चौधरी ने सम्मानित किया।