पटना- पिछले तीन टर्म से पार्षद रहीं पिंकी यादव की क्या है मजबूती, जानिए अपने मेयर प्रत्याशी को
पटना नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद के लिए आगामी २० अक्टूबर को मतदान होना है. कई प्रत्याशी चुनावी समर में कूद चुके हैं. “जानिए अपने मेयर प्रत्याशी को” के अंतर्गत आज हम चर्चा करेंगे पिंकी यादब की. पिंकी यादव पढ़ी लिखीं और राजनितिक पृष्ठभूमि से हैं. पटना मेयर के चुनाव में उतरी पिंकी यादव की अपनी खुद की पहचान है.
दक्षिण पटना के लिए निगम की बैठकों में मजबूती से रखा है पक्ष
वर्ष 2016 में योजना समिति की सदस्य बनीं. समिति की सदस्या के रूप में हुई पहली बैठक में पटना मास्टर प्लान पास हुआ था. इस बैठक में न्यू बाईपास के दक्षिण इलाकों के विकास के लिए अपना पक्ष काफी मजबूती से रखा. निगम की अन्य बैठकों में भी पिंकी यादव ने अपने वार्ड के लिए मजबूती से पक्ष रखना उनकी विकास की मानसिकता को दर्शाता है.
कई मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में हैं पिंकी यादव
स्वच्छ पटना और स्वस्थ पटना जैसे मुद्दों के साथ पिंकी यादव का सीधा चोट भ्रष्टाचार पर है. वे अपने नारों में मुखौटा नहीं मजबूत नेतृत्व और भ्रष्टाचार पर चोट जैसी बातों से लोगों को अपनी और आकर्षित कर रहीं हैं. प्रत्येक वार्ड में जन सुविधा केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र बनाना, अस्थायी कर्मचारियों का और सफाईकर्मियों को अतिशीघ्र स्थायी करना, प्राथमिक विद्यालयों का आधुनिकीकरण, जलनिकासी की व्यवस्था, पार्कों की संख्या बढ़ाना, सीसीटीवी की व्यवस्था, महिलाओं और पुरुषों के लिए पृथक शौचालय आदि पिंकी यादव के मुख्य मुद्दे हैं.
पूर्व में भी लड़ चुकी हैं उपमहापौर का चुनाव
इस चुनाव के पूर्व जब वार्ड पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करते थें उस वक़्त पिंकी यादव ने उपमहापौर के लिए चुनाव लड़ा था जिसमे दो पार्षद की अनुपस्थिति के कारण दो वोटों से वे चुनाव हार गयी थीं.
पिंकी यादव विगत तीन बार से निगम की पार्षद हैं. पिछले दो दशक से समाजसेवा में सक्रिय पिंकी यादव सामाजिक और राजनितिक कार्यकर्त्ता हैं. पटना के वार्ड 31 और 32 का प्रतिनिधित्व कर चुकी पिंकी यादव की अपने वार्ड में सक्रिय और स्वच्छ छवि की पहचान है. पिंकी यादव के पति सुजीत यादव खुद भी एक सामाजिक कार्यकर्त्ता हैं. सुजीत यादव के पिता और पिंकी यादव के ससुर रामनरेश सिंह भी अपने समय के वार्ड 22 जो वर्तमान में वार्ड 31 है का प्रतिधिनित्व कर चुके हैं. इस कारण इस वार्ड में उनकी राजनितिक और सामाजिक पकड़ काफी मजबूत है.
क्या है मजबूती और कौन हैं मजबूत वोटर
पिंकी यादव वर्ष 2007 से लगातार वार्ड पार्षद का चुनाव जीत रहीं हैं. इस कारण उन्हें पटना नगर निगम का 15 वर्षों का अनुभव है. वे वार्ड 31 से वर्ष 2007 में 900 वोटों से चुनाव जीत कर पार्षद बनी थी. इसी वार्ड से वे अपने किये हुए कार्यों के बदौलत दूसरी बार वर्ष 2012 में 4300 वोटों के बड़े अंतर से चुनाव जीती थी. इस चुनाव में उन्हें 6300 वोट प्राप्त हुए थें. आरक्षण के कारण वर्ष 2017 में उन्हें वार्ड 31 की जगह वार्ड 32 से चुनाव लड़ना पड़ा था जिसमे कड़े टक्कर के बाद महज 6 वोटों के अंतर से चुनाव में जीत मिली थी. इस चुनाव में उन्हें 1594 वोट मिले थें. इस प्रकार दो वार्डों पर अपने अच्छे वर्चस्व के कारण इनको मेयर के चुनाव में काफी मदद मिल सकती है.
बिहार में चुनाव हो और जाति की बात न हो ये संभव नहीं है. कायस्थ बाहुल्य पटना में पिंकी यादव की अपने दोनों वार्डों में इस जाति में अच्छी पकड़ है. पुरे पटना को छोड़ कर सिर्फ इन दोनों वार्डों में यदि कायस्थ वोटों का बिखराव नहीं हुआ तो इनकी स्थिति मजबूत रह सकती है. वैसे अपने मधुर व्यवहार और मिलनसार व्यक्तित्व की वजह से सभी जातियों में पिंकी यादव की अच्छी पैठ है. इसके अलावे को पटना के यादव वोटरों का साथ मिल सकता है. हालांकि यादव वोटरों में बिखराव की बहुत अधिक संभावना दिख रही है पर दक्षिण पटना और कुछ आस पास के इलाकों के वोटरों को गोलबंद करने में पिंकी यादव सफल हो सकती हैं.
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