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कीट ने एआरआईआईए रैंकिंग में 2 वें स्थान से इस वर्ष किया शीर्ष स्थान हासिल

भुवनेश्वर. ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (कीट) ने निजी / स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालयों की श्रेणी में नवाचार की उपलब्धियों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अटल रैंकिंग में सबसे उच्च स्थान हासील किया है. एसआरएम संस्थान, चेन्नई और वेल्लोर इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी), वेल्लोर ने क्रमश: 2 और 3 रैंक हासिल की है.

भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने डॉ रमेश पोखरियाल निशंक शिक्षा मंत्री, संजय शामराव धोत्रे शिक्षा राज्य मंत्री, प्रो अनिल डी सहस्रबुद्धे अध्यक्ष एआईसीटीई, अमित खरे सचिव उच्च शिक्षा वीभाग और अन्य गणमान्य व्यक्ति के उपस्थित में नई दिल्ली में एक समारोह में 2020 के लिए रैंकिंग रिपोर्ट की घोषणा की. शिक्षा मंत्रालय ने मुख्य रूप से नवाचार से संबंधित संकेतकों पर शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों को व्यवस्थित रूप से रैंक करने के लिए एआरआईआईए की शुरुआत की थी. उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार की संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए 30 अगस्त 2018 को नवाचार उपलब्धियों पर नवाचार प्रकोष्ठ एवं संस्थानों की अटल रैंकिंग (एआरआईआईए) को लॉन्च किया गया था. कीट  2019 रैंकिंग में 2 वें स्थान पर था.

कीट जो 2019 एआरआईआईए रैंकिंग में 2 वें स्थान पर था, लेकिन इस वर्ष शीर्ष स्थान हासिल किया है. कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी सरकार द्वारा इंस्टीट्यूशन आॅफ एमिनेंस के रूप में मान्यता प्राप्त है. भारत ने अपने नवाचार और उद्यमशीलता केंद्रों, उन्नत प्रयोगशालाओं, उत्कृष्टता के केंद्रों, उद्योगों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग के कारण इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है. कीट अपनी छात्र के अनुकूल संस्कृति के लिए जाना जाता है, यह छात्रों को अनुसंधान, विकास और नवाचार गतिविधियों में शामिल करने पर अधिक जोर देता है.
आप को यह जान कर खुसी हो की कीट यूनिवर्सिटी में ओडिशा के अलावे पश्चिम बंगाल , उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , झारखण्ड , नार्थ ईस्ट और बिहार के २६००० से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. खास कर बिहार से पढ़ने वाले बच्चों की संख्या सबसे से ज्यादा है.

कीट और कीस के संस्थापक और लोकसभा के सदस्य अच्युता सामंता ने कहा कि मैं इस उपलब्धि पर कीट के साथ साथ बहार के राज्य से आने वाले बच्चों को भी बधाई देता हु. ख़ास कर बिहार राज्य से आने वाले बच्चों और उनके अविभावक को भी बधाई देता हु. यह अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में हमारे विकास की कहानी है. मैं मानव संसाधन विकास मंत्री, डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी को हमारे प्रयासों को पहचानने के लिए धन्यवाद देता हूं.