पटना हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस प्रेमशंकर सहाय के जन्म शताब्दी समारोह पर उन्हें दी गई श्रद्धांजलि
पटना : कई बेहतरीन और ऐतिहासिक फैसलों के लिए याद किए जाने वाले पटना हाई कोर्ट के जाने माने जज जस्टिस प्रेमशंकर सहाय के 100वें जन्मदिन पर जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन राजधानी पटना में किया गया। इस आयोजन में पटना हाई कोर्ट के जज एवं वकीलों समेत समाज के कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम का आयोजन पटना हाई कोर्ट के जाने माने अधिवक्ता एवं जस्टिस सहाय के पुत्र राजकुमार सहाय ने किया। पटना हाई कोर्ट के अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस प्रेमशंकर सहाय ने पिपरा, पारसबिगहा, सहवालिया समेत कई चर्चित नरसंहारों में उन्होंने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। वहीं गोपालगंज कलेक्टर मर्डर केस में भी उनके द्वारा दिए गए फैसले की उस दौरान पूरे सूबे में जबरदस्त चर्चा हुई। इस मौके पर उनके सुपुत्र व पटना हाई कोर्ट के जाने माने अधिवक्ता राजकुमार सहाय के द्वारा जरूरतमंदों को ट्राई साइकिल भी बांटा गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके पिता जस्टिस प्रेमशंकर सहाय को सामाजिक कार्यों में खासी अभिरुचि थी। जहां भी उन्हें महसूस होता, समाज में उस कार्य को तत्परता से करने हेतु वो स्वयं ही आगे आ जाते थे। शायद यही वजह रही कि रिटायरमेंट के बाद भी वो दर्जनों सामाजिक संस्थाओं के साथ जुड़कर सक्रियता से वहां अपनी भागीदारी निभाते रहे तथा जीवन के अंतिम क्षणों तक उन्होंने इस कार्य को किया। वो हमेशा ही इसे अपने जीवन की सार्थकता मानते थे। उन्होंने कहा कि मेरे पिता जी को इस बात का कभी गुरूर नहीं रहा कि वो इतने बड़े ओहदेदार रहे हैं। वो एक सर्वसाधारण की भांति ही समाज की सेवा में लगे रहे। आज उन्हीं की प्रेरणा और आशीर्वाद से हम उनके पदचिन्हों पर चलने का एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं। गौरतलब है कि जस्टिस प्रेमशंकर सहाय न केवल एक कानूनविद थे, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी उनकी खासी दिलचस्पी रही थी। इस कारण जस्टिस सहाय कई सामाजिक संस्थाओं से न केवल जुड़े रहे अपितु वहां एक दायित्व के साथ काम करने में भी अपनी भूमिका सुनिश्चित की। चाहे वो बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के पूर्ववर्ती छात्र एसोसिएशन के गठन की बात हो या महात्मा गांधी के वैचारिक मुद्दों पर आधारित संस्थान सदाकत आश्रम के संचालन का या फिर कई अन्य सामाजिक संस्थान का। जहां न केवल उन्होंने सक्रिय भूमिका में एक दायित्व के साथ अपनी भागीदारी सुनिश्चित की अपितु कईयों का तो उन्होंने अपने कर कमलों द्वारा गठन तक किया। यहां तक कि पटना में कैंसर के रोगियों का इलाज कैसे सुलभ हो सके उसके लिए उन्होंने महावीर कैंसर हॉस्पिटल संस्थान जैसे बड़े अस्पताल का निर्माण एवं संचालन में अपनी अहम भूमिका निभाई। आम रोगियों के सस्ते इलाज के लिए महावीर आरोग्य एवं वात्सल्य संस्थान का निर्माण भी उन्होंने अपनी देख रख में कराया और वर्षों तक उन दोनों संस्थानों के संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया। वे ऑयल सिलेक्शन बोर्ड के चेयरमैन होने के साथ ही साथ महामहिम राष्ट्रपति द्वारा नामित भारतीय जीवन बीमा निगम के निदेशक पद पर भी रहे, वहीं पटना में वे इंडस्ट्रियल लेबर ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष भी थे। कार्यक्रम में पटना हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस समरेंद्र प्रताप सिंह, सीनियर एडवोकेट वाई वी गिरी, एन के अग्रवाल, चार्टर्ड अकाउंटेंट डी बी गुप्ता, बिहार पंजाबी बिरादरी के अध्यक्ष दिलजीत खन्ना समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।